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Friday, September 20, 2024

मुख्यमंत्री सुक्खू द्वारा अजय पराशर द्वारा लिखित दो पुस्तकों का विमोचन

No. 640/2024-PUB19th September 2024

एक पुस्तक में है पीठ का इतिहास और दूसरी में है साहित्य संकलन 


शिमला
: 19 सितंबर 2024: (मीडिया लिंक//कार्तिका कल्याणी सिंह//देवभूमि स्क्रीन डेस्क)::

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां सूचना एवं जन सम्पर्क, उत्तर पूर्व परिषद्, के निदेशक अजय पराशर द्वारा लिखित दो पुस्तकों ‘जालंधर पीठ का रहस्य’ और ‘मुश्तरका खाता’ का विमोचन किया।

जालंधर पीठ का रहस्य इस पीठ  रहस्यों को  बहुत अदभुत  जानकारी उपलब्ध होती है। इस पीठ पर इस तरह के साहित्य की आवश्यकता बहुत  महसूस भी की जा रही थी। धार्मिक साहित्य लिखा भी बहुत गया है लेकिन खोज पूर्ण धार्मिक साहित्य की कमी अभी अभी अखरती है। इस तरह यह पुस्तक इस संबंध में काफी योगदान देती है।  

मुख्यमंत्री ने इन पुस्तकों के संकलन में लेखक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ‘जालंधर पीठ का रहस्य’ पाठकों का हिमाचल प्रदेश की विभिन्न पीठों के ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्त्व के बारे में ज्ञानवर्धन करेगी। 

अजय प्रेशर साहिब की दूसरी पुस्तक ‘मुश्तरका खाता’  काफी योगदान देती है। वास्तव में यह पुस्तक रोजमर्रा की जिन्दगी के विभिन्न आयामों को दर्शाती 16 लघु कहानियों का संग्रह है, जो स्थानीय संस्कृति एवं इतिहास की समझ बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण साबित होगी। यह कहानियां ज़िंदगी के विभिन्न रंगों और आयामों को दर्शाती हुई कलम के ज़रिए हमें ज़िन्दगी के रूबरू करती हैं। 

खोजी लेखक अजय पराशर ने विमोचन एवं उत्साहवर्धन के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।  क्षेत्रों ने भी इन पुस्तकों  का स्वागत। .0.

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Thursday, June 15, 2023

हिमाचल प्रदेश सरकार नई पर्यटन नीति बनाएगी: मुख्यमंत्री सुख्खू

 15th June 2023 at 6:35 PM

अनछुए स्थलों को पर्यटन के दृष्टिगत बढ़ावा दिया जाएगा


शिमला
:15 जून 2023: (कार्तिका कल्याणी सिंह//देवभूमि स्क्रीन डेस्क)::

पहाड़ी क्षेत्रों में जाओ तो कदम कदम पर प्राकृतिक सुंदरता आपका स्वगत करती है। वहां की शुध्द हवा और शुद्ध पानी एक नई ज़िंदगी का अहसास करवाता है। वहां कदम कदम पर ऐसे रहस्य हैं जो प्रकृति से सुर मिलते ही बहुत सहजता से खुलने लगते हैं। वहां बहुत से मंदिर हैं जिनके दिए की लौ निराशा के अंधेरों में डूबे लोगों को बुलाती है, पुकारती है और सचमुच रास्ता भी दिखाती है। बहुत सी ऐसी जगहें अभी भी अज्ञात हैं जी ी खोज पर काम होना अभी बाकी है। 

इस मकसद के लिए सर्कार भी गंभीर है। क्या समाज भी गंभीर हो कर इसका फायदा उठा पाएगा? प्रदेश सरकार राज्य के अनछुए स्थलों को बढ़ावा देकर पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से नई पर्यटन नीति तैयार करने पर गहन विचार कर रही है। यह बात मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां पर्यटन विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। इस समीक्षा बैठक में इसी मुद्दे से सबंधित बहुत सी अन्य बातों पर भी विचार विमर्श हुआ। 

राज्य के लिए जिस नई पर्यटन नीति की चर्चा इस पोस्ट में भी हो रही है उस पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश में आगामी पांच वर्षों में पर्यटकों की संख्या को 3 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ करने के दृष्टिगत कार्य कर रही है। प्रकृति ने प्रदेश को आपार सौंदर्य से नवाजा है तथा इस सम्पदा का दोहन कर अधिक से अधिक पर्यटकों को प्रदेश की ओर आकर्षित करने की आवश्यकता है।

नई पर्यटन नीति का संक्षिप्त सा विवरण देते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मई, 2023 तक हिमाचल प्रदेश में लगभग 72 लाख पर्यटकों ने भ्रमण किया है। उन्होंने पर्यटकों की संख्या का सटीक आंकड़ा पता लगाने तथा पर्यटन अधोसंरचना में सुधार करने के लिए पर्यटन विभाग को डॉटा संकलन की प्रणाली तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में पर्यटन क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राज्य सरकार ने पर्यटन सम्बंधी परियोजनाओं के विकास के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की है।

इस नई योजना के बहुत से अन्य पहलू भी हैं। मुख्यमंत्री ने पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए पर्यटन विभाग में विपणन प्रयासों तथा स्टाफ को व्यवस्थित करने की महत्ता पर भी बल दिया।

सैलानियों और प्रकृति प्रेमियों का ह्रदय समझे जाते ज़िला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने से सम्बंधित परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने विभाग को आगामी विचार के लिए अवधारणा पत्र तैयार करने के निर्देश दिए। इन परियोजनाओं में सकोह में रोलर स्केटिंग रिंक, परागपुर में गोल्फ कोर्स, मैंझा में शीर्ष रिजॉर्ट, नरघोटा में पर्यटन गांव तथा कांगड़ा में प्रस्तावित ऐरो सिटी शामिल है। इसके अतिरिक्त जिला कांगड़ा के नगरोटा-बगवां विधानसभा क्षेत्र में नौरा खड्ड में थीम आधारित सेटेलाइट गांव बनाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।

इस नई योजना के आकर्षणों के संबंध में चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार अधिक संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए राज्य में हवाई यात्रा सुविधा में सुधार के सतत प्रयास कर रही है। इसके तहत सरकार कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार, जिला मण्डी के नागचला में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के निर्माण तथा प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर नए हेलीपोर्ट निर्माण पर कार्य कर रही है। पहले चरण में 9 हेलीपोर्ट निर्मित किए जा रहे है, जिनमें ज़िला हमीरपुर में जसकोट, जिला कांगड़ा के रक्कड़ व पालमपुर, जिला चम्बा के सुल्तानपुर, जिला कुल्लू के मनाली, जिला लाहौल-स्पिति के जिस्पा, सिसू व रांगरिक तथा जिला किन्नौर के शारबो में हेलीपोर्ट निर्माण शामिल हैं। शेष 7 हेलीपोर्ट का निर्माण दूसरे चरण के तहत किया जाएगा।

बैठक में बहुत कुछ ऐसा हुआ जो नया इतिहास रचने में सहयोगी बनेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव पर्यटन देवेश कुमार, सचिव भाषा, कला एवं संस्कृति राकेश कंवर, निदेशक पर्यटन विभाग अमित कश्यप तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Saturday, May 27, 2023

जाखू के बाबा बालक नाथ मंदिर में कल होगा वार्षिक भंडारा

Saturday 27th May 2023 at 10:27 PM

आइसक्रीम,टिक्की,मोमोज, लस्सी, चिप्स, कुरकुरे व गोलगप्पे भी होंगें 


शिमला
: 27 मई 2023: (कार्तिका सिंह//देवभूमि स्क्रीन डेस्क):: 

शिमला के जाखू स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में आस्था और श्रद्धा निरंतर बढ़ती जा रही है। यहाँ पहुँच कर लोगों की मुसीबतों का दौर समाप्त हो जाता है। इसलिए यहाँ की बहुत सी सच्ची कथाएं भी लोगों में बेहद चर्चित हैं। यहाँ आने पर लोगों के कष्ट दूर हो जाते हैं और उनके मन की मुरादें पूरी हो जाती हैं।  इस पावन तीर्थ की मान्यता भी चारो तरफ फैलती ही जा रही है। यहाँ हर वर्ष भंडारा भी लगता है जिसमें लोग बड़ी संखजा में शामिल होते हैं। 

शिमला के जाखू स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में 28 मई को 51वें वार्षिकोत्सव एवं भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। मंदिर समिति के संस्थापक हरजी लाल पुरी, कार्यकारिणी सदस्य नरेंद्र कुमार शर्मा, किशोरी लाल शर्मा, राकेश पुरी, विनोद अग्रवाल, प्रीतम चंद शर्मा, कृष्ण शर्मा, सुमन दत्ता व हरदेश सेठी ने यहां जारी संयुक्त बयान में यह जानकारी दी। 

इस अवसर पर एसजेवीएनएल के सीएमडी नंदलाल मुख्य अतिथि होंगे। इस बार भी भंडारे में बहुत तरह के मिष्ठान और भोजन मिलेंगे जिन्हें लोग बहुत ही श्रद्धा और सम्मान से लेकर आते हैं।  एसजेवीएनएल की निदेशक कार्मिक गीता कपूर व महाप्रबंधक अवधेश प्रसाद भी इस मौके पर मौजूद रहेंगे। वार्षिक भंडारे में राम बाजार के जे.बी.डी. युवा मंडल की ओर से आइसक्रीम, फुटक्रीम, टिक्की, मोमोज, शरबत, चाऊमीन, लस्सी, बेलपुरी, चिप्स, कुरकुरे, कोल्डड्रिंक व गोलगप्पे की व्यवस्था की जा रही है। इनके इलावा भी बहुत से प्रसाद यहां पहुँचने वालों के नसीब में होगा। 

मंदिर का कार्यक्रम घोषित हो चुका है। भंडारा और दुसरे आयोजन समयानुसार चलने का ही प्रयास रहेगा।  इस मंदिर में सुबह 9 बजे ध्वजा रोहण होगा। इसके बाद सुबह 9.30 बजे यज्ञ की आहुति होगी, जिसके बाद सुबह 10 बजे से भंडारा आरंभ होगा। वार्षिक भंडारे में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के अलावा बड़ी संख्या में देश-विदेश के सैलानियों के भी पहुंचने की संभावना है। इस पावन तीर्थ पर सिर झुकाने हर आयु और हर वर्ग के लोग आते हैं। 


Saturday, December 31, 2022

मुख्यमंत्री ने ज्योतिष शास्त्र पर लिखित पुस्तक का विमोचन किया

31st December 2022 at 3:43 PM

वरिष्ठ पत्रकार संजय ठाकुर की रचना है पुस्तक ‘अन्तधवि’ 


संपादन और इनपुट कार्तिका सिंह 
शिमला: 31 दिसम्बर 2022: (देवभूमि स्क्रीन डेस्क)::
दिन प्रतिदिन ज्योतिष विद्या अपना लोहा मनवाती जा रही है। ज्योतिष के पाठयक्रम बन चुके हैं और इसकी शिक्षा बहुत अच्छा रोज़गार भी बन गई है। पूरी तरह सुशिक्षित ज्योतिषी आज भी बड़े पैमाने पर सक्रिय हैं। हिमाचल प्रदेश  मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु ने ज्योतिष पर एक पुस्तक भी रिलीज़ की है। जिस सम्मान को आज ज्योतिष विद्द्या ने पाया है वह आसान नहीं था। इस सम्मान स्वीकृतु के लिए इस विद्या के योद्धाओं ने भी लम्बी लड़ाई लड़ी है। इन महान लेखकों और खोजकारों ने समाज के सभी व्यंग्यबाण सहन करते हुए तूफानों में दिए जलाने की हिम्मत दिखाई है। इन्हीं में से एक है वरिष्ठ पत्रकार संजय ठाकुर।  

मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने आज यहां वरिष्ठ पत्रकार संजय ठाकुर द्वारा लिखित पुस्तक ‘अन्तधवि’ का विमोचन किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लेखक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह पुस्तक पाठकों को ज्योतिष शास्त्र के विभिन्न आयामों से परिचित करने में सहायक सिद्ध होगी।

पुस्तक के लेखक संजय ठाकुर ने कहा कि ‘अन्तधवि’ ज्योतिष की साधारण किताब नहीं है बल्कि इसमें ज्योतिष शास्त्र का वैज्ञानिक आधार और वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रतिपादित किया गया है।


Thursday, December 29, 2022

हिमाचल सरकार की ओर से 500 रुपये फेस्टिव ग्रांट देने का निर्णय

Thursday 29th December 2022 at 7:30 PM
....तांकि आर्थिक तंगी के कारण त्यौहार फीके न गुज़रें 
बाल संरक्षण इकाइयों, वृद्धाश्रमों, नारी सेवा सदन, शक्ति सदन और विशेष गृह मेें रहने वालों में ख़ुशी
प्रतीकात्मक तस्वीर 
शिमला: 29 दिसम्बर 2022: (कार्तिका सिंह//देवभूमि स्क्रीन डेस्क)::

फाईल फोटो 
शायरी की उड़ान उन लम्हों को पकड़ लेती है जिन्हें देखना भी सभी के नसीब में नहीं होता। शायरी उन बेबसियों तक भी पहुँच जाती है जिनकी आह सुनने वाला भी  कोई नहीं होता। आजकल त्योहारो के दिन चल रहे हैं। किसी अज्ञात शायर की पंक्तियाँ याद आ रही हैं: 

वो रोज रोज नहीं जलता साहब, मंदिर का दिया थोड़े ही है गरीब का चूल्हा है!

लेकिन ऐसे में जब त्यौहार आ जाएं तो क्या किया जाए? मजबूरी और बेबसी से पीछा कैसे छूटे? त्यौहार में जेब खाली हो तो क्या करे कोई? मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस दर्द का अहसास करते हुए इन लोगों की सार ली है जिन्हें बड़े
लोग भूल ही जाते हैं। प्रदेश सर्कार चल कर इन लोगों तक पहुंची है तांकि इनके त्यौहार फीके न गुज़रें।प्रदेश सरकार ने बाल संरक्षण इकाइयों, वृद्धाश्रमों, नारी सेवा सदन, शक्ति सदन और विशेष गृह मेें रहने वालों को 500 रुपये फेस्टिव ग्रांट प्रदान करने का निर्णय लिया।  

एक नया इतिहास रचते हुए समाज में निर्धन व वंचितों को आगे बढ़ने के समान अवसर प्रदान कर उनका विकास सुनिश्चित करना प्रदेश सरकार का मुख्य ध्येय है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 11 दिसम्बर, 2022 को शपथ ग्रहण करने के उपरांत इस सम्बन्ध में वर्तमान प्रदेश सरकार की परिकल्पना को स्पष्ट किया था। उन्होंने शिमला में टूटीकंडी स्थित बालिका आश्रम का दौरा कर सुविधाओं से वंचित विद्यार्थियों को लाभान्वित करने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार करने की घोषणा की थी। इस तरह अपने अहसास और सिद्धांतों के मुताबिक प्रदेश सरकार ने जन कल्याण को सर्वोच्च अधिमान देते हुए मजबूत इरादों के साथ अनेक महत्वकांक्षी व सार्थक प्रयास आरम्भ किए हैं, ताकि समाज के पिछड़े और कमजोर वर्गों को विकास की मुख्यधारा में लाया जा सके।

इसका विवरण देते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की सचिव एम.सुधा देवी ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तहत संचालित की जा रही बाल संरक्षण इकाइयों, वृद्धाश्रमों, नारी सेवा सदन, शक्ति सदन इत्यादि और विशेष गृह में लोहड़ी व मकर सक्रांति (माघी) तथा होली उत्सवों को मनाने की अधिसूचना जारी की है।

इस संबंध में ही उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने उक्त संस्थानों में रहने वालों  को लोहड़ी व होली त्यौहार के दौरान 500 रुपये ग्रांट प्रति आवासी प्रदान करने का निर्णय लिया है। इन संस्थानों में लोहड़ी व होली पर्व के दौरान विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन भी किया जाएगा।

सरकारी की तरफ से इस दिशा में की गई विशेष घोषणा का संक्षिप्त विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार सायं आदर्श बाल गृह और वृद्धाश्रम, नारी सेवा सदन, मशोबरा और विशेष योग्यता वाले बच्चों के संस्थान ढली, शिमला के दौरे के दौरान ऐसे संस्थानों में रहने वालों को फेस्टिव एलाउंस प्रदान करने की घोषणा की थी। प्रदेश सरकार ने इस घोषणा को एक दिन के भीतर ही कार्यान्वित कर जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व संकल्प को साकार किया है। संख्याः 1340/2022   .0.

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Sunday, December 11, 2022

हिमाचल में नई कांग्रेस सरकार ने शपथ ली

Sunday:11th December 2022 at 5:01 PM

सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री और मुकेश अग्निहोत्री उप- मुख्यमंत्री 
शिमला: 11 दिसंबर 2022: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::
राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज शिमला के रिज पर आयोजित एक भव्य समारोह में सुखविंदर सिंह सुक्खू को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। राज्यपाल ने इस अवसर पर मुकेश अग्निहोत्री को प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ भी दिलाई।
राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वरिष्ठ राष्ट्रीय कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और आनंद शर्मा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला, जितेंद्र बिट्टू और सचिन पायलट, मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के परिजन, विधायकगण, कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता, वरिष्ठ अधिकारी तथा हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए लोग भारी संख्या में इस अवसर पर उपस्थित थे। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का जीवन परिचय
स्वर्गीय श्री रसील सिंह के सुपुत्र श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का जन्म 27 मार्च, 1964 को नादौन, जिला हमीरपुर में हुआ। उन्होंने एम.ए., एल.एल.बी. की शिक्षा ग्रहण की है तथा उनका विवाह श्रीमती कमलेश ठाकुर से हुआ। उनकी दो सुपुत्रियां हैं।

वह वर्ष 1981-82 तथा 1982-83 में राजकीय स्नातक महाविद्यालय संजौली शिमला के कक्षा प्रतिनिधि रहे। वर्ष 1983-1984 में वह राजकीय स्नातक महाविद्यालय संजौली, शिमला के महासचिव निर्वाचित हुए तथा वर्ष 1984-85 में राजकीय डिग्री महाविद्यालय संजौली के अध्यक्ष निर्वाचित किए गए।

वर्ष 1985-86 के दौरान वह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के विधि विभाग के विभागीय प्रतिनिधि रहे तथा वर्ष 1989-95 तक राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। वर्ष 1995-1998 तक वह प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव, वर्ष 1998-2008 तक प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। वर्ष 1992-97 और 1997-2002 तक वह दो बार नगर निगम शिमला के पार्षद चुने गए। वर्ष 2008 से 2012 तक वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और 8 जनवरी, 2013 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने।

वर्ष 2003 और वर्ष 2007 में वह प्रदेश विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए। वर्ष 2007-12 तक कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक रहे।

श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिसंबर, 2017 में तीसरी बार विधायक के रूप में चुने गए और सार्वजनिक उपक्रम, विशेषाधिकार और व्यापार सलाहकार समितियों के सदस्य के रूप में नामित हुए।
दिसंबर, 2022 में वह चौथी बार फिर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए हैं और आज मुख्यमंत्री पद का पदभार ग्रहण किया।

उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का जीवन परिचय
श्री मुकेश अग्निहोत्री का जन्म स्वर्गीय श्री ओंकार चन्द शर्मा के घर 9 अक्तूबर, 1962 को हुआ। वह मूल रूप से गाँव व डाकघर गोंदपुर, जिला ऊना से संबंध रखते हैं।

उन्होंने बी.एस.सी., लोक सम्पर्क एवं विज्ञापन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और एम.एस.सी गणित की शिक्षा ग्रहण की है। उनका विवाह श्रीमती सिम्मी अग्निहोत्री से हुआ और उनकी एक पुत्री है।

उन्होंने लगभग 15 वर्षों तक देश के विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में कार्य किया। वह हिमाचल प्रदेश सरकार की प्रेस प्रत्यायन कमेटी के सदस्य, राज्य प्रेस सलाहकार समिति के सदस्य, हि.प्र. विधानसभा की प्रेस गैलरी समिति के सदस्य और राज्य सरकार की पहाड़ी भाषा समिति के सदस्य रह चुके हैं। इसके अलावा, वह प्रेस क्लब, शिमला, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव और प्रदेश कांग्रेस समिति के मीडिया सैल के महासचिव रह चुके हैं।

मार्च, 2003 में वह पहली बार संतोखगढ़ (अब हरोली) विधानसभा से प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। उसके उपरांत वह वर्ष 2007, 2012, 2017 और 2022 में प्रदेश विधानसभा सदस्य के रूप में पांचवीं बार निवाचित हुए।
 
श्री मुकेश अग्निहोत्री 2003 से 2005 तक मुख्य संसदीय सचिव तथा हिमाचल प्रदेश सरकार के आवास बोर्ड के अध्यक्ष नियुक्त किए गए। दिसंबर 2012 से 2017 के कार्यकाल के दौरान उन्होंने प्रदेश के उद्योग, श्रम एवं रोज़गार, संसदीय मामले और सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं। वर्ष 2017 से 2022 तक वह सदन में नेता प्रतिपक्ष रहे।  

दिसंबर, 2022 में वह 14वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए हैं और प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला है।

Wednesday, July 13, 2022

90 करोड़ रुपये लागत की 23 विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास

 13th July 2022 at 4:59 PM

 मुख्यमंत्री ने हमीरपुर जिला में किए सभी शुभारम्भ 


शिमला
: 13 जुलाई 2022: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

मुख्यमंत्री ने हमीरपुर जिला के भोरंज विधानसभा क्षेत्र में 90 करोड़ रुपये लागत की 23 विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास किए

भोरंज में राज्य विद्युत बोर्ड का मण्डल, समीरपुर में जल शक्ति विभाग का उप-मण्डल व भोरंज में सब जज कोर्ट खोलने की घोषणा की

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज जिला हमीरपुर की भोरंज विधानसभा क्षेत्र के कंज्याण में लगभग 90 करोड़ रुपये लागत की 23 विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास किए।

मुख्यमंत्री ने कंज्याण में जनसभा को सम्बोधित करते हुए भोरंज में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड का मण्डल और समीरपुर में जल शक्ति विभाग का उप-मण्डल खोलने, भोरंज में सब जज कोर्ट खोलने, भोरंज में सैनिक विश्राम गृह खोलने, पंजोट में नया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भरेड़ी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्तरोन्नत करने, राजकीय उच्च विद्यालय लदरौर को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत करने, राजकीय माध्यमिक पाठशाला खतरवार्ड, नगरोटा गजियां तथा जोर कोटा को राजकीय उच्च पाठशाला में स्तरोन्नत करने की घोषणा की। उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला अमरोह में विज्ञान और वाणिज्य कक्षाएं तथा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भुकड़ में वाणिज्य कक्षाएं आरम्भ करने की घोषणा की। उन्होंने डेरा परोल में खेल छात्रावास खोलने की भी घोषणा की। उन्होंने बालवनी और टिक्कर में खाद्यान्न गोदाम खोलने की घोषणा की। उन्होंने बराड़ में आयुर्वेदिक औषधालय तथा कराह में स्वास्थ्य उप-केन्द्र खोलने की घोषणा की। उन्होंने क्षेत्र के विभिन्न सम्पर्क मार्गों के निर्माण के लिए 50 लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आरोग्य पशुधन योजना के अन्तर्गत आने वाले बाहन्वीं, टिक्करी मिन्हासा, यान्वी, दयोग, बगवाड़ा, लदरौर और अमन में स्थित पशु औषधालयों को सभी अपेक्षित मापदण्ड पूर्ण होने की स्थिति में नियमित औषधालय में परिवर्तित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में ओपन ज़िम स्थापित करने के लिए हर सम्भव सहायता प्रदान की जाएगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि भोरंज विधानसभा क्षेत्र के एक दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने 90 करोड़ रुपये लागत की विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किए हैं। यह दर्शाता है कि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में इस क्षेत्र का चहंुमुखी विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं ने विकास के मामले में इस क्षेत्र की पूरी तरह से अनदेखी की और अब यह नेता क्षेत्र में हो रहे समग्र विकास को पचा नहीं पा रहे हैं।

जय राम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेसी नेता विकास के मामले में प्रदेश की जनता के गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अपार स्नेह से प्रदेश को बहुत लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को 800 करोड़ रुपये की विशेष सहायता प्रदान करने के अलावा प्रधानमंत्री ने केन्द्र की सभी परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण के 90ः10 के औसत को बहाल कर प्रदेश के विशेष श्रेणी के दर्जे को बहाल किया है। इसके अतिरिक्त, वर्तमान राज्य सरकार के चार वर्षों का कार्यकाल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मण्डी मंे आयोजित समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने 10 हजार करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किए थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज वैश्विक नेता के रूप में उभरे हैं, जबकि कांग्रेस पार्टी से सम्बन्ध रखने वाले प्रधानमंत्री वैश्विक मंचों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश में कुछ कांग्रेसी नेता अपना आपा खो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग इन नेताओं को समय आने पर मुंहतोड़ जवाब देंगे। उन्होंने कांग्रेसी नेताओं पर प्रदेश के हितांे की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे आगामी विधानसभा चुनावों में सत्ता में आने के सपने देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता कांग्रेसी नेताओं के लुभावने वादों के बहकावे में नहीं आएगी।

बेरोजगारी के लिए पिछली कांग्रेस सरकार की खराब नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने युवाओं को रिकॉर्ड रोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाए हैं। उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में चिटों पर रोज़गार दिया जाता था, जबकि वर्तमान राज्य सरकार भर्ती प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित कर रही है।

मुख्यमंत्री ने लीला देवी को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की

हमीरपुर जिले के भोरंज विधानसभा क्षेत्र के कंज्याण में आज एक बार फिर गरीबों, जरूरतमंदों और दलितों के प्रति मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता तब देखने को मिली जब जनसभा के बीच मुख्यमंत्री लीला देवी की पीड़ा सुनने के लिए मंच से नीचे उतर आए। लीला देवी हमीरपुर जिले के नाहलवीं गांव में पिछले सोलह साल से लकवे से पीड़ित अपने पति को लेकर आई थीं।

मुख्यमंत्री ने तत्काल महिला को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की और आश्वासन दिया कि यह राशि आज ही उसके बैंक खाते में हस्तांतरित कर दी जाएगी। उन्होंने लीला देवी को उनकी बेटी की शिक्षा के लिए भी राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।

इससे पहले, जय राम ठाकुर ने जाहू में 3.70 करोड़ रुपये लागत से निर्मित 33/11केवी उप-केन्द्र, उठाऊ जलापूर्ति योजना जखयोल द्वितीय और उठाऊ जलापूर्ति योजना करोटा के अन्तर्गत आंशिक रूप से शामिल आबादी के लिए 2.81 करोड़ रुपये लागत की उठाऊ जलापूर्ति योजना, तहसील भोरंज में 12.63 करोड़ रुपये लागत से उठाऊ जलापूर्ति योजना मलियां सधरैण के प्रथम चरण से चौथे चरण के सुधार एवं संवर्द्धन कार्य, गांव जिजवीं में 5.16 करोड़ रुपये की लागत से सम्पर्क सड़क के उन्नयन, 2.86 करोड़ रुपये से बस्सी बदयाना लावनी और मनोह सड़क के  उन्नयन, 5.22 करोड़ रुपये की लागत के कांगू गलू से अमरोह वाया कलाहू सड़क के उन्नयन, 3.56 करोड़ रुपये की लागत के भरेड़ी भौर सुलगाण सड़क के उन्नयन, 2.65 करोड़ रुपये से गांव धिरड़ वाया दादू बडोह के सम्पर्क मार्ग, हमीरपुर जाहू सड़क पर सीर खड्ड/जबोटी खड्ड पर 4.52 करोड़ रुपये से निर्मित गर्डर सिंगल लेन पुल, बधानी में 31 लाख रुपये की लागत से निर्मित स्वास्थ्य उप-केन्द्र भवन, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भोरंज में 10 लाख रुपये से निर्मित कोविड केयर केन्द्र और भोरंज में 25 लाख रुपये की लागत से निर्मित प्लांट हैल्थ क्लीनिक का लोकार्पण किया। उन्होंने भोरंज में अग्निशमन चौकी का भी उद्घाटन किया। 

मुख्यमंत्री ने भोरंज निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 7.06 करोड़ रुपये की लागत से किए जाने वाले कुनाह खड्ड के चैनलाइजेशन कार्य, तहसील भोरंज में 3.88 करोड़ रुपये लागत की उठाऊ जलापूर्ति योजना मलियां सधरियाण के दूसरे चरण, भोरंज विधानसभा क्षेत्र में 2.18 करोड़ रुपये लागत के जल एवं स्वच्छता समिति केन्द्र के निर्माण कार्य, भोरंज में 23.62 करोड़ रुपये लागत के 100 बिस्तरों वाले नागरिक अस्पताल, 100 बिस्तरों वाले नागरिक अस्पताल भोरंज में 55 लाख रुपये लागत सेे 50 बिस्तरों पर कोविड के लिए ट्यूबिंग सहित मैनिफोल्ड सिस्टम उपलब्ध करवाने और कोविड रोगियों के लिए नवनिर्मित ब्लॉक में ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन, 95 लाख रुपये लागत के प्राथमिक स्वास्थ केंद्र चम्बोह, भोरंज में 2.06 करोड़ रुपये लागत के मंडलीय कार्यालय भवन, लोक निर्माण विभाग भोरंज के कर्मचारियों के लिए 2.51 करोड़ रुपये लागत के आवास,  राजकीय डिग्री महाविद्यालय भोरंज स्थित तरक्वाड़ी में 1.01 करोड़ रुपये की लागत के पुस्तकालय भवन और राजकीय डिग्री महाविद्यालय भोरंज में 1.21 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले स्टेडियम का शिलान्यास किया।

उन्होंने इस अवसर पर भोरंज क्षेत्र के लिए आधुनिक अग्निशमन वाहन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

उप-मुख्य सचेतक एवं स्थानीय विधायक कमलेश कुमारी ने अपने गृह विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि भोरंज क्षेत्र पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और पूर्व शिक्षा मंत्री आई.डी. धीमान की कर्मस्थली रही है और मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व वाली वर्तमान राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि क्षेत्र में विकास की गति निर्बाध रूप से चलती रहे। उन्होंने क्षेत्र के विकास का श्रेय केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर को भी दिया। उन्होंने भोरंज क्षेत्र की विकासात्मक मांगों के प्रति सदैव संवेदनशील रहने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 16 बिस्तरों वाले भोरंज अस्पताल को 100 बिस्तरों वाले अस्पताल के रूप में स्तरोन्नत किया गया है, जिससे क्षेत्र के लोगों को सुविधा प्राप्त हुई है। आज अस्पताल में चार विशेषज्ञ चिकित्सकों के अलावा अन्य कई डॉक्टर उपलब्ध हैं। उन्होंने क्षेत्र की विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष विकासात्मक मांगें भी प्रस्तुत कीं।

भोरंज भाजपा मंडलाध्यक्ष देशराज शर्मा ने क्षेत्र के लिए करोड़ों रुपये की विकासात्मक परियोजनाएं समर्पित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जब भी भाजपा सत्ता में आई है, भोरंज क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है। उन्होंने क्षेत्र के अभूतपूर्व विकास का श्रेय केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकारों को दिया।

इस अवसर पर हिमाचल पथ परिवहन निगम के उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री, कौशल विकास निगम के राज्य संयोजक नवीन शर्मा, जिला भाजपा अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक बलदेव शर्मा और क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा नेता कमल नयन, उपायुक्त देबश्वेता बनिक तथा पुलिस अधीक्षक आकृति शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

Tuesday, July 12, 2022

राज्यपाल ने जनरल जे.जे. सिंह द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन किया

12th July 2022 at 7:46 PM

 पुस्तक का नाम है मैकमोहन लाईनः ए सेंचरी ऑफ डिस्कॉर्ड 

शिमला:12 जुलाई 2022: (देवभूमि स्क्रीन डेस्क)::

हिमाचल की प्राकृतिक सुंदरता और पहाड़ी लोगों की विनम्रता उसे देवभूमि बनाती हैं। दिव्यता का अहसास कराती है। इस सब के साथ साथ वहां के जनजीवन में साहित्य, ज्ञान और मौजूदा समस्यायों पर कलम की बातें भी जारी रहती हैं। हर क्षेत्र से सबंधित पुस्तकों का प्रकाशन और विमोचन होता रहता है। इस सिलसिले में कभी कोई लम्बा अंतराल या विराम नहीं आता। आज भी राजभवन शिमला में पुस्तक का विमोचन हुआ।राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज यहां जनरल जे.जे. सिंह (सेवानिवृत्त) द्वारा लिखित पुस्तक मैकमोहन लाईनः ए सेंचरी ऑफ डिस्कॉर्ड का विमोचन किया। जनरल जे.जे. सिंह अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और पूर्व चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ रहे हैं। यह पुस्तक सेना में कार्यकाल के दौरान भारत चीन सीमा विवाद पर उनके अनुभवों व शोध पर आधारित है।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि इस किताब से हमें निश्चित रूप से नया ज्ञान व अनुभव प्राप्त होगा। सामरिक दृष्टि से हमारा दृष्टिकोण क्या होना चाहिए और इसके लिए हमें किस तरह की तैयारियां करनी चाहिए, जनरल जे.जे. सिंह ने अपने अनुभवों, शोध एवं व्यवहारिक ज्ञान के आधार पर यह जानकारी पुस्तक के माध्यम से दी है, जो कि बहुत लाभदायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि हमारा देश हर तरह की समस्या के समाधान के लिए पूरी तरह सक्षम और तैयार है, परन्तु यह पुस्तक हमें अपने इतिहास को जानने और समझने का अवसर प्रदान करती है। इसके लिए जनरल जे.जे. सिंह की सराहना के पात्र हैं।
राज्यपाल ने कहा कि लोग मैकमोहन रेखा के बारे में बहुत कम जानते हैं। जनरल जे.जे. सिंह ने इस विषय पर अपने ज्ञान को बखूबी प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच बातचीत के माध्यम से ही समाधान निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि बातचीत के माध्यम से समाधान ही भारत के इतिहास का अभिन्न अंग रहा है। शांति हमारे समृद्ध इतिहास का अभिन्न अंग है। हम इस तरह की समस्याओं का शांतिप्रिय समाधान चाहते हैं। लेकिन अगर कोई हम पर आक्रमण करता है तो हम उसका जवाब देने में भी सक्षम हैं।  
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि जनरल जे.जे. सिंह ने इस संवेदनशील विषय पर पुस्तक की रचना की है। इस पुस्तक में मैकमोहन रेखा क्षेत्र से सम्बन्धित राजनीति, इतिहास और भूगोल पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस पुस्तक में उन अनेक तथ्यों को उजागर किया है, जो कूटनीतिक आधार पर चल रही बातचीत के दृष्टिगत महत्वपूर्ण हैं।
राज्यपाल ने कहा कि यह पुस्तक पाठकों के लिए रूचिकर सिद्ध होगी और समस्या के समाधान का रास्ता दिखाएगी। 
जनरल जे.जे. सिंह ने बताया कि यह पुस्तक भारत चीन विवाद पर उनके छह वर्षों के गहन अध्ययन और शोध पर आधारित है। उन्होंने इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी भी प्रदान की। यह उनके द्वारा लिखित द्वितीय पुस्तक है।इस अवसर पर मैकमोहन रेखा पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रस्तुत की गई। 
इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल प्रदीप बाली ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

Friday, January 7, 2022

हिमाचल सरकार रेशम कीट पालन को देगी बढ़ावा--बिक्रम सिंह

7th January 2022 at 4:36 PM

रेशमकीट पालन से जुड़े किसानों के हितों की रक्षा होगी  


शिमला
:07 जनवरी 2022: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो):: 

रेशमकीट पालन बहुत ही अच्छी कमाई देने वाला एक ऐसा घरेलू उद्योग है जिसे अपना कर अपनी आर्थिकता बदली जा सकती है। कच्चा रेशम बनाने के लिए रेशम के कीटों का पालन सेरीकल्चर या रेशम कीट पालन कहलाता है। यह निरंतर लोकप्रिय भी होता जा रहा है। 

रेशम उत्पादन का आशय बड़ी मात्रा में रेशम प्राप्त करने के लिए रेशम उत्पादक जीवों का पालन करना होता है। इससे न केवल आप खुद कमा सकते हैं बल्कि बहुत से अन्य लोगों को भी रोज़गार दे सकते हैं। अब तो इसने पूरी तरह से एक स्वतंत्र उद्योग का रूप ले लिया है। यह कृषि पर आधारित एक कुटीर उद्योग है जिससे ग्रामीण क्षेत्र में ही कम लागत में  शीघ्र उत्पादन प्रारम्भ किया जा सकता है। मुनाफा देख कर आप हैरान रह सकते हैं। हिमाचल सरकार इसे तेज़ी से बढ़ावा देने जा रही है। उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने इसी आशय का स्पष्ट एलान भी किया है। 

दिलचस्प बात है कि कृषि कार्य एवं अन्य घरेलू कार्यों के साथ-साथ इस उद्योग को अपनाया जा सकता है। श्रम जनित होने के कारण इस उद्योग में विभिन्न स्तरों पर रोजगार सृजन की भरपूर संभावनायें निहित है, विशेषकर महिलाओं के खाली समय के सदुप्रयोग के साथ-साथ उन्हें स्वावलम्बी बनाने में सहायक है।

इस उद्योग को सुखोनमुख क्षेत्रों में भी सफलतापूर्व स्थापित करते हुए नियमत आय प्राप्त की जा सकती है। इसके साथ ही विकास की रफ्तार तेज़ करने के साथ साथ यह पर्यावरण मित्र भी बना रहता है। 

उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने आज यहां उद्योग विभाग के रेशम अनुभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने रेशमकीट पालन क्षेत्र से जुड़े किसानों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न मण्डलों के अन्तर्गत रेशमकीट बुनाई बुनकरों को लाभान्वित करने के लिए रेशमकीट प्रदर्शनी एवं प्रशिक्षण केन्द्र, रेशमकीट सामुदायिक केन्द्र, कोकून विपणन केन्द्र और सिल्क वाॅर्म सीड उत्पादन केन्द्र आदि स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मण्डी जिला के बालीचैकी में 494 लाख रुपये की लागत से सेरी एंटरप्रिन्योरशिप डवेल्पमेंट एंड इनोवेशन सेंटर (एसईडीआईसी) भवन का निर्माण किया जा रहा है। इस भवन के निर्मित होने से प्रदेश के और अधिक रेशम बुनकरों को प्रशिक्षित करने की सुविधा प्राप्त होगी और रेशम से जुड़े उत्पाद निर्मित किए जाएंगे। मण्डी जिला के थुनाग में 318 लाख रुपये की लागत से रेशम बीज उत्पादन केन्द्र के भवन का निर्माण किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के स्टेट कैटेलेटिक डवेल्पमेंट प्रोग्राम के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में लगभग 271 लाख रुपये व्यय कर 12 हजार से अधिक किसानों को लाभान्वित किया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 79 रेशमकीट पालन केन्द्र हैं। प्रदेश के 1287.51 बीघा में शहतूत की खेती की जाती है। प्रदेश में वर्ष 2021-22 के दौरान अब तक 2 लाख 23 हजार शहतूत के पौधे वितरित किए गए हैं और 238 मीट्रिक टन कोकून का उत्पादन किया गया।

बिक्रम सिंह ने कहा कि प्रदेश में रेशम कीट पालन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यशालाएं का आयोजित की जाएंगी, जिससे रेशमकीट पालन किसानों को केन्द्र और राज्य सरकार के रेशम उद्योग विकास के लिए आरम्भ की गई विभिन्न योजनाओं की जानकारी उपलब्ध होगी।

बैठक में निदेशक उद्योग राकेश प्रजापति, उप निदेशक रेशम अनुभाग बलदेव चैहान और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


Sunday, November 21, 2021

“थलाईवी” के निर्देशक विजय 28 को आएंगे शिमला, देंगे निर्देशन के टिप्स

21st November 2021 at 7:05 PM

इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में करेंगे शिरकत 


शिमला
: 21 नवंबर  2021: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

शिमला में फिल्म फेस्टिवल की तैयारियां ज़ोरों पर हैं। इस अवसर पर फ़िल्मी दुनिया को चाहने वाले नए लोग पुराने लोगों से बेहद नज़दीक हो कर उनकी बात सुन सकेंगे। उनसे बात कर सकेंगे और उनसे तकनीक जानकारी भी ले सकेंगे। अनुबहों का खज़ाना मिल सकेगा इस फिल्म फेस्टिवल में। 

थलाइवी फिल्म के निर्देशक विजय 28 को शिमला आएंगे। वे यहां अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल फेस्टिवल में शिरकत करेंगे। थलाइवी को फिल्म स्क्रीनिंग के अतिम दिन दर्शकों को दिखाया जाएगा। इस दौरान रिज स्थित ओपन एयर थिएटर में तमिल निर्देशक लोगों से रूबरू भी होंगे और फिल्म निर्देशन से सबंधित अपने अनुभव भी साझा करेंगे। इस दौरान वे फिल्म निर्देशन के टिप्स भी देंगे।

सातवें अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के तीसरे व अंतिम दिन मशहूर फिल्म थलाइवी की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके बाद इस फिल्म के निर्देशक विजय दर्शकों से मुलाकात कर अब तक अपने फिल्मी दुनिया के अनुभवों के बारे में बात करेंगे।

बता दें कि थलाइवा फिल्म में हिमाचल से सबंध रखने वाली मशहूर अभिनेत्री कंगना रनौत ने तमिलनाडु की दिग्गज राजनीतिज्ञ जयललिता का किरदार निभाया है। कंगना को हाल ही में पदमश्री सम्मान से नवाजा गया है। थलाइवी फिल्म मशहूर राजनीतिज्ञ जयललिता की बायोग्राफी फिल्म है, जिसमें कंगना ने उनके किरदार को जीवंत किया है। फिल्म में जयललिता के राजनीतिक जीवन मे आए उतार-चढ़ावों को दर्शाया गया है। दर्शक वर्ग में फिल्म को काफी सराहा गया है। थलाइवी का हिंदी में मतलब है नायिका।

वर्ष 2000 से इस क्षेत्र में काम कर रहे विजय अपने करियर के शुरूआती दौर में विज्ञापन फिल्में बनाते थे। विजय ने लगभग सौ से ऊपर विज्ञापन फिल्मों को सफल निर्देशन किया है, जिनमें से कुछ विज्ञापन फिल्मों को अवार्ड भी मिल चुका है। विजय कहते हैं कि विज्ञापन फिल्में आपको किसी कहानी को बहुत कम समय में अधिक प्रभावी कैसे बनाएं, ये सिखाती हैं। 

विजय ने अभी तक 22 तमिल व हिंदी इत्यादि फिल्मों को निर्देशन किया है, जिनमें तीन फिल्में तमिल मे हैं। जबकि उनकी दो फिल्मों का रिमेक हिंदी में बनाया गया है। इन्हीं में से एक फिल्म है थलाइवा। बाद में इसे हिंदी में भी थलाइवी नाम से रिलिज किया गया है। इस कहानी की स्क्रिप्ट भी विजय ने खुद लिखी है और इसका निर्देशन भी इन्होंने खुद किया है।

Monday, September 13, 2021

जनमंच में 1609 शिकायतें व मांगें प्राप्त हुईं

12th September 2021 at 7:44 PM

अधिकांश मामलों का किया गया मौके पर निपटारा


शिमला:12 सितम्बर 2021: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

हिमाचल प्रदेश में जनमंच का आयोजन बेहद लोकप्रिय हुआ था लेकिन फिर कुछ कारणों से इसे नियमित नहीं रखा जा सका। अब काफी अंतराल के बाद इसका सिलसिला फिर से शुरू हुआ। आज प्रदेश के 11 जि़लों के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जनमंच प्रोग्राम आयोजित किए गए। इन जनमंच आयोजनों में 1609 शिकायतें व मांगें प्राप्त हुई, जिनमें से अधिकांश मामलों का मौके पर ही निपटारा किया गया। प्रशासन द्वारा जनमंच के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी आवश्यक सुरक्षा उपायों का सख्ती से पालन किया गया।

पहले करते हैं जिला मण्डी की बात:

जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने जिला मण्डी के करसोग में आयोजित जनमंच कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में कई कल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं और विभागीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इन कार्यक्रमों और योजनाओं का लाभ सभी पात्र लोगों को मिले। 

जनमंच के दौरान कुल 146 जन शिकायतें प्राप्त हुई, जिनका जल शक्ति, बागवानी, राजस्व व सैनिक कल्याण मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में मौके पर ही निपटारा कर दिया। इसके अलावा कुल 186 मांगे भी प्राप्त हुईं जिन्हे आगामी निपटारे के लिए संबंधित विभागों को सौंप दिया गया।

बेटी है अनमोल योजना तथा हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना के लाभार्थियों को बांटी एफडीआर व गैस कनेक्शन जन मंच के दौरान जल शक्ति मंत्री ने बेटी है अनमोल योजना के अंतर्गत बीपीएल परिवारों की पांच लाभार्थी बेटियों जिनमें सेरटी की तान्या, कोट की वैष्णवी, भनाच की पल्लवी ठाकुर, लोअर करसोग की परिधि तथा सानना गांव की अमायरा सिंह शामिल है को 12-12 हजार रूपये की एफडीआर वितरित कीं। जबकि हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना के अंतर्गत सात लाभार्थियों को एलपीजी गैस कनेक्शन भी वितरित किये।

प्री जनमंच की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए एसडीएम करसोग सन्नी शर्मा ने बताया कि इस दौरान लाभान्वित 13 ग्राम पंचायतों में से कुल 59 जन शिकायतें प्राप्त हुईं। साथ ही राजस्व विभाग से जुड़े विभिन्न तरह के 981 प्रमाणपत्र जारी किये गए तथा 145 म्यूटेशन अनुप्रमाणित की गईं। इस बीच 51 एफिडेविट, 65 आधार अपडेशेन, आठ निसानदेही तथा 378 विभिन्न तरह के फार्म को अनुप्रमाणित भी किया गया।

प्री-जनमंच के दौरान ही 60 मृदा स्वास्थ्य कार्ड तथा 211 उद्यान कार्ड भी बनाए गए। पशुपालन विभाग के माध्यम से 142 पशुओं का पंजीकरण किया गया तथा 2 स्वास्थ्य शिविर भी लगाए। इसी दौरान विभिन्न विभागों के माध्यम से 37 साईट्स का भी निरीक्षण किया गया। इस बीच 111 विभिन्न मांगे भी प्राप्त हुईं।

इस अवसर पर करसोग के विधायक हीरा लाल, सुंदरनगर संगठनात्मक जिलाध्यक्ष दिलीप ठाकुर, कुंदन ठाकुर, युवराज, रतन, चेतन गुलेरिया, सीमा ठाकुर, उपायुक्त अरिंदम चैधरी, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री, अतिरिक्त उपायुक्त जतिन लाल, एसडीएम सन्नी शर्मा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।

Thursday, August 26, 2021

हिमाचल प्रदेश में विकास कार्यों की आंधी

 26th August 2021 at 3:02 PM

 विभिन्न स्थानों पर करोड़ों रुपयों की परियोजनाओं के शुभारम्भ 


शिमला
26 अगस्त 2021: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

मुख्यमंत्री ने सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के ढलवान में उप-तहसील खोलने और बलद्वाड़ा को नागरिक अस्पताल बनाने की घोषणा की

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज जिला मंडी के सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र में 140 करोड़ रुपये लागत की 12 विकासात्मक परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास किए। इनमें 100 करोड़ रुपये की परियोजनाएं सरकाघाट क्षेत्र के बलद्वाड़ा में क्रियान्वित की जाएंगी।

जय राम ठाकुर ने तलाऊ में 2.91 करोड़ रुपये की लागत से बने 33/11 के.वी. सब-स्टेशन, ग्राम पंचायत नवानी, कशमैला, धनलग चैक, जाहमत और नरोला के लिए  डेहर में सतलुज नदी से 27.85 करोड़ रुपये की लागत की विभिन्न उठाऊ जलापूर्ति योजनाओं के संवर्धन कार्य, 3.14 करोड़ रुपये की लागत से बने खुडला-सारस-समलोन-कलथार सड़क और 2.83 करोड़ रुपये की लागत से बने अप्पर भामला से खरेड़ दधवान सम्पर्क मार्ग के उद्घाटन किए।

मुख्यमंत्री ने 2.60 करोड़ रुपये की लागत से 33/11 के.वी. सब-स्टेशन खुडला की सिंगल सर्कट एच.टी. लाइन बिछाने, 2.78 करोड़ रुपये की लागत वाले अम्बला-गलू-अन्धारा-हरवान सड़क, जल शक्ति खंड सरकाघाट के अन्तर्गत 55.25 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न उठाऊ जलापूर्ति व जलापूर्ति योजनाओं का स्त्रोत स्तर पर संवर्धन और सरकाघाट तहसील की ग्राम पंचायत नरोला के मटयारा में 2.12 करोड़ रुपये की लागत से बहाव सिंचाई व उठाऊ सिंचाई योजनाओं के शिलान्यास किए।

बलद्वाड़ा में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने राजकीय माध्यमिक पाठशाला कलखर को राजकीय उच्च पाठशाला में स्तरोन्नत करने, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बलद्वाड़ा को 50 बिस्तर क्षमता वाले नागरिक अस्पताल में स्तरोन्नत करने, राजकीय महाविद्यालय बलद्वाड़ा में विज्ञान की कक्षाएं आरम्भ करने, ढलवान में उप-तहसील खोलने, पत्रीघाट पशु औधालय को पशु अस्पताल के रूप में स्तरोन्नत करने और भांबला में हैलीपेड के निर्माण की घोषणा की।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के लिए लगभग 97 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया है। यह चिकित्सकों और पैरा-मेडिकल स्टाफ के परिश्रम के अतिरिक्त प्रदेशवासियों के सक्रिय सहयोग से सम्भव हो पाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति बिस्तर और आॅक्सीजन की अनुपलब्धता के कारण चिकित्सीय उपचार से वंचित न रहे। देश में जब यह महामारी फैली थी उस समय प्रदेश में केवल दो आॅक्सीजन सयंत्र थे जबकि अब राज्य में लगभग 28 आॅक्सीजन सयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं जिनमें से 12 सयंत्र कार्यशील किए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार logon को भ्रष्टाचारमुक्त शासन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस सरकार में भ्रष्टाचार के लिए कोई भी स्थान नहीं है और पिछले लगभग साढ़े तीन वर्षांे के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार का एक भी मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने का कि प्रदेश के लोगों ने लोकसभा, पंचायती राज संस्थानों, स्थानीय शहरी निकायों और दो विधानसभा क्षेत्रों के लिए हुए उप-चुनाव में वर्तमान राज्य सरकार को भरपूर सहयोग दिया है। पंचायती राज संस्थानों के चुनाव में चुनकर आए 75 से अधिक प्रधान भाजपा समर्थित हैं।

जय राम ठाकुर ने प्रदेश के लोगों का सामाजिक-आर्थिक उत्थान सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न विकासात्मक कल्याणकारी योजनाओं से लोगों को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि गृहिणी सुविधा योजना के अन्तर्गत 3.17 लाख पात्र परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं उठा पाने वाले गरीब परिवारों के लिए हिमकेयर योजना वरदान साबित हो रही है। इस योजना के अन्तर्गत 1.75 लोग लाभान्वित हो रहे हैं।   

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संगठनों को सम्मानित किया।

जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने विभिन्न विकासात्मक परियोजनाएं समर्पित करने के लिए क्षेत्र के लोगों की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रदेश में कोरोना महामारी से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने क्षेत्र के लोगों को आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री द्वारा आज किए गए जलापूर्ति परियोजनाओं के शिलान्यासों का कार्य एक वर्ष के भीतर पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को लाभान्वित करने के लिए प्रदेश के निचले क्षेत्रों के सात जिलों में 1,688 करोड़ रुपये की बाह्य वित्तपोषित बागवानी शिवा परियोजना क्रियान्वित की जा रही है।  

सरकाघाट के विधायक कर्नल इन्द्र सिंह ने क्षेत्र के लिए 140 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र में पिछले तीन वर्षों के दौरान सड़कों और पुलों के लिए 145 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। मुख्यमंत्री द्वारा आज जल शक्ति मण्डल सरकाघाट के अन्तर्गत 55.25 करोड़ रुपये की विभिन्न उठाऊ जलापूर्ति योजनाओं और जलापूर्ति योजनाओं के स्त्रोत स्तरीय संवर्धन कार्य से क्षेत्र में जल की समस्या का समाधान होगा। उन्होंने क्षेत्र की विभिन्न विकासात्मक मांगों की विस्तृत जानकारी दी।

विधायक विनोद कुमार, राकेश जम्वाल व इन्द्र सिंह गांधी, सुंदरनगर संगठन जिला भाजपा के अध्यक्ष दिलीप ठाकुर, मण्डी जिला परिषद के अध्यक्ष पाल वर्मा, भाजपा मण्डल की अध्यक्ष निशा ठाकुर, उपायुक्त मण्डी अरिन्दम चैधरी व पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री इस अवसर पर अन्य सहित उपस्थित थीं।


Monday, August 23, 2021

यादगारी रहा पालमपुर यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह

Monday: 23rd August 2021 at 05:35 AM PDT

 राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने कहीं यादगारी बातें  


पालमपुर
: 23 अगस्त 2021: (कार्तिका सिंह//देवभूमि स्क्रीन):: 

दीक्षांत समारोह एक ऐसा आयोजन होता है जिसमें अपने सपनों को साकार होता हुआ देखने दिखाने का सुअवसर मिलता है। इसकी इंतज़ार बहुत ही उत्सुकता और शिद्दत से की जाती है। इस मौके पर ख़ुशी के आंसू आ जाना  भी  स्वाभाविक सा ही होता है। स्वयं को क्षितिज पर मौजूद होने का अहसास होता है। सपने सा अहसास। वो गीत बहुत ही लोकप्रिय हुआ था न-दिल है छोटा सा-छोटी सी आशा आसमानों को छूने की आशा....  बस वह गीत सामने आ कर तस्वीर का रुख ले लेता है। पूरा पर्यावरण ही उस गीत को गुनगुनाता हुआ सा लगता है। इतने बरसों की साधना, दिन रात की मेहनत सामने आती है। उस मेहनत का  है। ज़िंदगी की नई शुरुआत के संकल्प जागता है। आसमान अपनी मुठ्ठी में महसूस होता है। बहुत ही मधुर सा अहसास होता दीक्षांत समरोह में सम्मिलित होना। 

उस दिन भी बहुतों के लिए कुछ ऐसा ही अवसर था। जिला कांगड़ा के चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर का 16वां दीक्षांत समारोह आज आयोजित किया गया। हर तरफ खुशियां ही खुशियां नज़र आ रहीं थीं। उमंगें ही उमंगें। नई ज़िंदगी की राहें सभी के सामने खुल रहीं थीं। बहुत सी चुनौतियां और बहुत से संकल्प। मधुरता के साथ ही यह अहसास भी था कि अब नई जंग का नया मैदान फतह करना होगा। एक चुनातियों भरी गुनगुनाहट थी-ज़िंदगी हर कदम इक नई जंग है। इस नई जंग को लड़ने की शक्ति भी मिल रही थी। पंख भी मिले और और उड़ान भी।  

इस सारे आयोजन की अध्यक्षता राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर जी ने करते हुए कहा की जबकि मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित हुए। राज्यपाल जी ने अपने संबोधन में युवा विज्ञानियों और डिग्रीधारकों से अपील की कि वे रोजगार की तलाश के बजाय रोजगार प्रदात्ता बनें। इसके लिए उन्हें स्वरोजगार की राह पर आगे बढ़ना चाहिए। उनके ज्ञान का लाभ समाज, विशेषकर कृषि समुदाय को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक योगदान के अलावा, वे राज्य के कृषि क्षेत्र में भी योगदान दें। युवा देश की सम्पदा हैं और उन्हें राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों में भाग लेना चाहिए। राष्ट्र तभी विकसित हो सकता है जब युवा केंद्रित, अनुशासित और विकासोन्मुखी दृष्टिकोण अपनाएं। उन्होंने युवाओं से अपने जीवन में अनुशासन, देशभक्ति, ईमानदारी और समर्पण जैसे मूल्यों को विकसित करने का आग्रह किया।

राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि अनुसंधान और तकनीक के माध्यम से नवाचार बड़े पैमाने पर कृषि समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगा। राज्यपाल ने स्वर्ण पदक विजेताओं, सभी डिग्रीधारकों और पूर्व विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार द्वारा 1 नवम्बर, 1978 को विश्वविद्यालय के रूप में रोपा गया यह पौधा आज देश में उच्च शिक्षा का केंद्र बन गया है। शांता कुमार की इस परिकल्पना को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है और इस दिशा में योगदान देना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा, अनुसंधान और प्रसार की दिशा में अपनी भूमिका बखूबी निभा रहा है। पिछले साल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् ने इस विश्वविद्यालय को देश के सभी कृषि विश्वविद्यालयों और समकक्ष कृषि संस्थानों में 14वें स्थान पर आंका, जिसके लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन बधाई का पात्र है। उन्होंने विश्वविद्यालय को और अधिक कार्य करने की सलाह दी ताकि यह विश्वविद्यालय देश में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर सके। राज्यपाल जी ने कहा कि स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थी समाज, राष्ट्र और राज्य के लिए समर्पण की भावना से कार्य करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी विश्वविद्यालय से अर्जित शिक्षा और ज्ञान का भरपूर उपयोग करें।

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय देश के हिमालयी राज्यों के कृषि अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी विश्वविद्यालयों में एक है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की 90 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती जिसका मुख्य व्यवसाय कृषि है। इसलिए प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के बिना प्रदेश के विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। कृषि के इस योगदान को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने उत्पादन में सुधार, रोजगार के अवसर सृजित करने और परिवार की आय को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं।

इसी अवसर पर मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भी कृषि क्षेत्र ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस महामारी का वैश्विक अर्थव्यवस्था का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है लेकिन कृषक समुदाय ने यह सुनिश्चित किया कि देश की घटती अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ सहयोग प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि देश को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का सशक्त नेतृत्व मिल रहा है और उन्होंने इस संकट की घड़ी से देश को सफलतापूर्वक बाहर निकाला है। विभिन्न बाधाओं के बावजूद प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित किया है कि देश पीपीई किट्स, वेटिंलेटर और दवाई जैसी आवश्यक वस्तुओं में आत्मनिर्भर बने। उन्होंने कहा कि आज देश में विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री जी देश के कृषक समुदाय के कल्याण के लिए चिन्तित हैं और महामारी के दौरान विशेषकर किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से किसान सम्मान निधि योजना शुरू की गई है। इस योजना के अन्तर्गत राज्य के 9.32 लाख किसानों को 1 हजार 350 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। प्रदेश सरकार रसायनों के न्यूनतम प्रयोग व कम निवेश से किसानों की आय को बढ़ाने के लिए प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना का क्रियान्वयन कर रही है। प्रदेश के सभी जिलों में जिका परियोजना क्रियान्वित की जा रही है जिससेे फलों और सब्जियों के अंतर्गत क्षेत्र बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने फसलों को बन्दरों, जंगली जानवरों और बेसहारा पशुओं से बचाने के लिए मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश ने पूर्ण राज्यत्व के 51वें वर्ष में प्रवेश किया है। उन्होंने विश्वविद्यालय को कृषि क्षेत्र में प्रदेश की यात्रा को प्रदर्शित करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया।

इसी पर आगे बात करते हुए मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि फसलों की पैदावार बढ़ाने और प्राकृतिक संसाधनों का अधिक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कृषि उत्पादन तकनीकों, विभिन्न फसलों की किस्मों, भूमि और जल प्रबंधन, जैविक संसाधनों के उपयोग व संरक्षण, जल भण्डारण, रोग और कीट नियंत्रण तकनीकों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान न केवल अतिआवश्यक है, बल्कि यह किसानों की आर्थिकी को भी सुदृढ़ करेगा। यह विश्वविद्यालय देश में अग्रणी और प्रमुख कृषि विश्वविद्यालय बनकर उभरा है जिसका श्रेय विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों की मेहनत और समर्पण को जाता है। उन्होंने मेडल और अवार्ड विजेता विद्यार्थियों के उज्जवल और सफल भविष्य की कामना की। राज्यपाल जी और मुख्यमंत्री जी ने विश्वविद्यालय के डिजी-लाॅकर और वेबसाइट के अपडेटड वर्जन का भी लोकार्पण किया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के जैनेटिक्स एण्ड प्लांट ब्रिडिंग विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. राजन कटोच द्वारा लिखित पुस्तक राइसबीनः एक्सप्लाॅयटिंग द न्यूट्रिशनल पोटेंशियल ऑफ एन अण्डरयूटिलाइजड लैग्यूम, आर.एस. चन्देल द्वारा लिखित पुस्तक पेस्ट्स ऑफ फ्रूट एण्ड प्लांटेशन क्राॅप्स, डाॅ. आर.के. राजू द्वारा लिखित मेज-गोल्डन ग्रेन ऑफ हिमाचल प्रदेश और विश्वविद्यालय की संयुक्त रिपोर्ट का भी इस अवसर पर विमोचन किया गया। इससे पूर्व, राज्यपाल जी और मुख्यमंत्री जी ने विश्वविद्यालय परिसर में 1.13 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हरित अतिथि गृह का लोकार्पण किया।

पूर्व मुख्यमंत्री श्री शान्ता कुमार ने इस अवसर पर कहा कि उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि 43 वर्ष पूर्व उनके मुख्यमंत्रीत्व काल के दौरान इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। इन वर्षों में इस विश्वविद्यालय ने देश के कृषि विश्वविद्यालयों के मध्य अपना एक विशेष स्थान बनाया है। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों के विज्ञानियों के परिश्रम और अनुसंधान का ही परिणाम है कि आज भारत अन्न उत्पादन में आत्मनिर्भर है, जिसके परिणामस्वरूप कोरोना महामारी के दौरान देश के 80 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन प्रदान करवाया गया। उन्होंने कहा कि कत्र्तव्य के प्रति समर्पण बलिदान नहीं बल्कि हमारे जीवन का भाग है इसलिए हमें दूसरों तथा समाज के लिए जीना चाहिए ताकि अपने जीवन को सार्थक बना सकें।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री विपिन सिंह परमार जी ने मेडल विजेताओं और डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी और कहा कि यह उनकी मेहनत और समर्पण का फल है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र द्वारा सुदृढ़ आधार प्रदान करने के फलस्वरूप कोरोना महामारी के दौरान भी प्रदेश की आर्थिकी स्थिर रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुना करने की परिकल्पना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय देश में कृषि क्षेत्र के विश्वविद्यालयों मेें अग्रणी है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरिन्दर कुमार चौधरी जी ने राज्यपाल जी व मुख्यमंत्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह में 393 विद्यार्थियों को डिग्रियां आबंटित की गईं हैं जिनमें से 262 स्नातक, 110 स्नातकोत्तर और 21 पीएचडी धारक हैं। विश्वविद्यालय के आठ विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किए गए जबकि दो पूर्व विद्यार्थियों नन्द लाल शर्मा और तिलक राज शर्मा को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न अनुसंधान व शैक्षणिक कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस स्वर्ण जयंती वर्ष से विश्वविद्यालय विभिन्न राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ हिमाचल के 51 स्थानीय उत्पादों के पंजीकरण का कार्य आरम्भ करेगा।

कुल मिला कर खुशियों भरा और जज़्बातों से भरा आयोजन था। देखना होगा इस जज़्बे और उत्साह को सारी उम्र कितने लोग याद रखपाते हैं। आज के दिन की तस्व्वीरें सभी को बहुत कुछ याद दिलाती रहेंगी। पाहड़ों की ऊंचाई भी याद दिलाती रहेगी कि हर पल अडोल रहना  है पर्वत की तरह। जो लोग याद रख पाएंगे उनको यह पहाड़ शक्ति भी देता रहेगा साथ ही पहाड़ के देवी देवता भी ज़िंदगी  भर सहायक रहेंगे। 

Wednesday, August 26, 2020

हिमाचल सरकार के प्रभावी प्रयास से हुआ चामुर्थी घोड़ों का संरक्षण

Tuesday: 25th August 2020
4 हजार तक पहुंच गई इन घोड़ों की संख्या
शिमला25 अगस्त 2020: (PRD//देवभूमि स्क्रीन)::
अपने निरंतर प्रयासों और विपरीत परिस्थितियों पर विजय हासिल करने के उपरांत प्रदेश सरकार चामुर्थी घोड़े की नस्ल के संरक्षण और पुनःस्थापन में सफल रही है। यह उन घोड़ों की नस्ल में से एक है, जिन पर कुछ साल पहले विलुप्त होने का खतरा मंडराया था। बेहतर क्षमता और बल-कौशल के लिए विख्यात चामुर्थी नस्ल के घोड़े हिमाचल के ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों, मुख्य रूप से बर्फीली स्पीति घाटी में सिंधु घाटी (हड़प्पा) सभ्यता के समय से पाए जाते हैं। यह नस्ल भारतीय घोड़ों की 6 प्रमुख नस्लों में से एक है, जो ताकत और अधिक ऊंचाई वाले बर्फ से आच्छांदित क्षेत्रों में अपने पांव जमाने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। इन घोड़ों का उपयोग तिब्बत, लद्दाख और स्पीति के लोगों द्वारा युद्ध और सामान ढोने के लिए किया जाता रहा है। इसके अतिरिक्त, हिमाचल के कुल्लू, लाहौल-स्पीति और किन्नौर तथा पड़ोसी राज्यों में विभिन्न घरेलू और व्यावसायिक कार्यों के लिए व्यापक रूप से इनका उपयोग किया जाता रहा है।
बर्फानी घोड़ों को बचाने के लिए स्थापित किया घोड़ा प्रजनन केंद्र
पशुपालन विभाग ने इन बर्फानी घोड़ों को बचाने और संरक्षित करने तथा पुनः अस्तित्व में लाने के उद्देश्य से वर्ष 2002 में लारी (स्पीति) में एक घोड़ा प्रजनन केंद्र स्थापित किया। यह केंद्र स्पीति नदी से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किया गया है, जो राजसी गौरव और किसानों में समान रूप से लोकप्रिय घोड़ों की इस प्रतिभावान नस्ल के प्रजनन के लिए उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान में इस प्रजनन केंद्र को तीन अलग-अलग इकाइयों में विभाजित किया गया है, जिसमें प्रत्येक इकाई में 20 घोड़ों को रखने की क्षमता और चार घोड़ों की क्षमता वाला एक स्टैलियन शेड है। इस कंेद्र को 82 बीघा और 12 बिस्वा भूमि पर चलाया जा रहा है। विभाग द्वारा इस लुप्तप्राय प्रजाति के लिए स्थानीय गांव की भूमि का उपयोग चरागाह के रूप में भी किया जा रहा है।
4 हजार तक पहुंच गई घोड़ों की संख्या
पशुपालन मंत्री श्री वीरेंद्र कंवर जी के मुताबिक प्रजनन केंद्र की स्थापना और कई वर्षों तक चलाए गए प्रजनन कार्यक्रमों के उपरांत इस शक्तिशाली विरासतीय नस्ल, जो कभी विलुप्त होने की कगार पर थी, की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में इनकी आबादी लगभग चार हजार हो गई है। लारी फार्म में इस प्रजाति के संरक्षण के प्रयासों के लिए आवश्यक दवाओं, मशीनों और अन्य बुनियादी सुविधाओं के अलावा पशुपालन विभाग के लगभग 25 पशु चिकित्सक और सहायक कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस केंद्र में इस नस्ल के लगभग 67 घोड़ों को पाला जा रहा है, जिनमें 23 स्टैलियन और 44 ब्रूडमेयर्स दोनों युवा और वयस्क शामिल हैं। प्रत्येक वर्ष पैदा होने वाले अधिकांश घोड़ों को पशुपालन विभाग द्वारा नीलामी के माध्यम से स्थानीय खरीदारों को बेचा जाता है।
एक व्यसक घोड़े का औसत बाजार मूल्य 40 हजार रुपए
चार-पांच वर्ष की आयु के एक व्यसक घोड़े का औसत बाजार मूल्य वर्तमान में 30-40 हजार रुपए है। इन घोड़ों की सबसे अधिक लागत तीन वर्ष पूर्व 75 हजार रुपये दर्ज की गई थी। जनसंख्या, जलवायु और चरागाह के आधार पर एक वर्ष में औसतन अधिकतम 15 मादाएं गर्भधारण करती हैं और गर्भाधान के 11-12 महीने बाद बच्चा जन्म लेता है, जबकि एक वर्ष की आयु तक उसे दूध पिलाया जाता है। प्रजनन भी पशु चिकित्सा विशेषज्ञों की निगरानी में करवाया जाता है। जन्म के एक महीने के बाद घोड़े के बच्चे को पंजीकृत किया जाता है और छह महीने की आयु में उसे दूसरे शेड में स्थानांतरित कर दिया जाता है। एक वर्ष का होने पर ही इसे बेचा जाता है। इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा वृद्ध अथवा अधिक संख्या होने पर चामुर्थी मादाओं को बेच दिया जाता है।
इसके अलावा, घोड़े की अन्य नस्लों की देख-रेख, पालन-पोषण और उनका प्राचीन महत्व पुनः स्थापित करने के लिए विभाग द्वारा इस केंद्र पर प्रति वर्ष लगभग 35 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। स्टैलियन घोड़ों के संरक्षण के मामले में हिमाचल प्रदेश का स्टैलियन चार्ट में अग्रणी स्थान है और निरन्तर गुणात्मक घोड़ों के उत्पादन में सफलता हासिल की है। प्रदेश की सफलता और चामुर्थी प्रजाति की लोकप्रियता का अंदाजा अंतरराष्ट्रीय लवी, लदारचा मेलों और समय-समय पर आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों के दौरान प्राप्त किए गए विभिन्न पुरस्कारों से लगाया जा सकता है।