Friday, October 8, 2021

मंडी संसदीय क्षेत्र और तीन विधानसभा क्षेत्रों के लिए नामांकन

उप चुनावों का जोशो खरोश जोरों पर 

शिमला: 08 अक्तूबर 2021: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

निर्वाचन विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि 30 अक्तूबर, 2021 को होने वाले मंडी संसदीय क्षेत्र एवं अर्की, फतेहपुर और जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के उप-निर्वाचन के लिए आज नामांकन की अन्तिम तिथि तक 24 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। इनमें मंडी संसदीय क्षेत्र से 8, फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से 7, अर्की से 4 तथा जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र से 5 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए हैं।

उन्होंने बताया कि मंडी संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की ओर से खुशाल चंद व प्रियंता शर्मा, हिमाचल जनक्रांति पार्टी के मुन्शी राम ठाकुर, इंडियन नेशनल कांग्रेस की ओर से प्रतिभा सिंह व सुन्दर सिंह ठाकुर, राष्ट्रीय लोक नीति पार्टी की अम्बिका श्याम और निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष मोहन स्नेही व अनिल कुमार ने नामांकन दाखिल किए हैं।

उन्होंने बताया कि जिला सोलन के अर्की विधानसभा क्षेत्र से इंडियन नेशनल कांग्रेस की ओर से संजय व सतीश कुमार कश्यप, भारतीय जनता पार्टी की ओर से रत्न सिंह पाल तथा जीत राम ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किए।

जिला कांगड़ा के फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से डाॅ. अशोक कुमार सोमल और राजन सुशांत ने निर्दलीय उम्मीदवार, भवानी सिंह पठानिया व जीत कुमार ने इंडियन नेशनल कांग्रेस, पंकज कुमार ने हिमाचल जन क्रांति पार्टी, बलदेव ठाकुर ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में और प्रेम चन्द ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किए।

जिला शिमला के जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र से इंडियन नेशनल कांग्रेस की ओर से रोहित ठाकुर, भारतीय जनता पार्टी की ओर से नीलम सरैक तथा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सुमन कदम, चेतन सिंह बरागटा और केवल राम नेगी ने नामांकन दाखिल किए।

Wednesday, October 6, 2021

कोविड पाॅजिटिव लोगों के सम्पर्कों की की जा रही है स्क्रीनिंग

6th October 2021 at 4:35 PM

हिमाचल में अब तक हुई 3501015 कोविड-19 के सैंपलों की जांच

शिमला: 06 अक्तूबर, 2021: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो):: 

पेक्सल फोटो-नंदु कुमार 
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के जो भी पाॅजिटिव मामले सामने आ रहे हैं, उनके सम्पर्क में आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक 3501015 कोविड-19 के सैंपलों की जांच की जा चुकी है। कोविड-19 के परीक्षण की दर को प्रदेश में निरन्तर बढ़ाया जा रहा है और कोविड-19 के लिए ज्यादा से ज्यादा परीक्षण आर.टी.पी.सी.आर. व रैपिड एंटिजन के माध्यम से किये जा रहे हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 1400 पाॅजिटिव मामलों में से अस्पताल में भर्ती होने वालों की दर केवल 5.4 प्रतिशत है और इन मरीज़ों की स्वास्थ्य स्थिति की चिकित्सक निरन्तर निगरानी कर रहे hainउन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के अस्पतालों में केवल मात्र एक मरीज ही वेंटिलेटर पर है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिला हमीरपुर, मण्डी और कांगड़ा में पिछले 10 दिनों में कोविड-19 के मामले समूह में पाये गए है, उनमें सभी मरीज लक्षणरहित है और किसी भी मरीज़ को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया है। उन्होंनेे कहा कि राज्य में अब तक कुल 219746 लोग कोविड पाॅजिटिव पाये गए है, जिनमें से 214728 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।

उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि कोविड-19 का दूसरा टीका समयावधि पूरी होने पर शीघ्र लगवाएं ताकि ताकि आने वाले समय में कोविड-19 की स्थिति को पूरी तरह से नियन्त्रित किया जा सके।      

Tuesday, October 5, 2021

डाॅ. रचना गुप्ता की पुस्तक ‘देवधराः हिमाचल प्रदेश’ का विमोचन

 5th October 2021 at 7:02 PM

राज्यपाल ने किया इस विशेष पुस्तक का विमोचन 


शिमला: 05 अक्तूबर, 2021: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज यहां लेखिका और वरिष्ठ पत्रकार डाॅ. रचना गुप्ता, जो हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की सदस्य भी हैं, की पुस्तक ‘देवधराः हिमाचल प्रदेश’ का विमोचन किया। यह पुस्तक राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा प्रकाशित की गई है।

इस अवसर पर, राज्यपाल ने कहा कि यह पुस्तक पाठकोें को हिमाचल के बारे में सूचना, ज्ञान, शोध, अन्वेषण का एक नया मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्होंने कहा कि अच्छी पुस्तकें पढ़ना जरुरी है और यह एक अभियान बनना चाहिए। किसी घर में रखी पुस्तकें-पत्रिकाएं नई पीढ़ी के चरित्र निर्माण में सहायक होती हैं। उन्होंने कहा कि क्यों न हम सभी महीने में एक बार किसी विद्यालय में जा कर लोगों को पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक न केवल राज्य के लोगों के लिए, बल्कि राज्य में विभिन्न प्रयोजन से आने वाले लोगों के लिए भी एक त्वरित संदर्भ पुस्तिका है। उन्होंने इस पुस्तक के विमोचन को एक मणिकांचन योग निरुपित किया क्योंकि यह देश की स्वतन्त्रता का अमृत महोत्सव और हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण महोत्सव का युग्म हैं।

श्री आर्लेकर ने कहा कि इस पुस्तक को उन्होंने पढ़ा है और इसमें अब तक की विकास यात्रा से लेकर यहां के इतिहास, विभिन्न घटनाओं, सभी जिलों की विशेषताएं, भूगोल, इतिहास, संस्कृति की स्पष्ट जानकारी दी गई है। उन्होंने राष्ट्रीय पुस्तक न्यास को राज्य में पुस्तक के प्रकाशन के लिए बधाई दी तथा कहा कि यहां के इतिहास और धरोहर से लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेज़ों ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया। यह थोपी गई धारणाएं स्थायी न बनें, इसके लिए प्रयास होने चाहिए। हमेें इतिहास को संजोकर रखना है लेकिन भविष्य में विकास कैसे सुनिश्चित होगा, इस पर विचार किया जाना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि पुस्तकें ही हमारी सच्ची मित्र और मार्गदर्शक होती हैं। इसलिए नई पीढ़ी में पढ़ने की आदत डालने की आवश्यकता है अन्यथा वे नशे की ओर आकर्षित होंगे। आज देश में ‘चरित्र का संकट’ है। इसलिए संस्कार देने की आवश्यकता है, जो हमें घर से और अच्छी पुस्तकों को पढ़ने से मिलते हैं। युवा पीढ़ी क्या सोचती है, उसी पर देश का भविष्य निर्भर करता है।

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रो. गोविन्द प्रसाद शर्मा ने कहा कि किस तरह किसी किताब का विमोचन महज लेखक ही नहीं बल्कि पाठक, प्रकाशक और आलोचक सभी के लिए आनंद का अवसर होता है। उन्होंने कहा कि पुस्तकों का संसार ही अलग होता है- यह फ्रेंड, फिलोसोफर और गाईड होती हैं। पुस्तकें  विचारों के विकल्प प्रस्तुत करती हैं। प्रजातान्त्रिक समाज सदैव विकल्पों की तलाश में रहता है और पुस्तकें विकल्पों की पूर्ति करती हैं।

हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने इस अवसर पर कहा कि यदि किसी पुस्तक का प्रकाशन नेशनल बुक ट्रस्ट से हो रहा है तो यह उसकी सार्थकता और सामयिकता का प्रमाण है। उन्होंने राज्य की पिछले 50 वर्षों की विकास यात्रा को अतुलनीय बताते हुए आने वाले दस सालों में राज्य की जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण में महत्पूर्ण भूमिका का उल्लेख किया।

पुस्तक की लेखिका डाॅ. रचना गुप्ता ने इस सृजन यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गत बीस साल के पत्रकारिता जीवन में उन्होंने महसूस किया कि हर दिन ख़बरों की खाई से कुछ नया निकलता है लेकिन अगले दिन वह गुम  हो जाता है। उन्होंने अपने ऐसे ही अनुभवों को पुस्तक के रूप में ढालने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की विकास यात्रा बेहद कठिन दौर से आगे बढ़ी है और इसमें सभी दौर की सरकारें, राजनेता, नौकरशाही की सामान महत्वपूर्ण भूमिका रही है। लेखिका ने राज्य के पहले मुख्यमंत्री डाॅ. वाई.एस. परमार की कई स्मृतियाँ साझा कीं।

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के निदेशक युवराज मलिक ने कहा कि इस पुस्तक की खूबसूरती इसकी सरलता है और इसे कोई भी आम आदमी को समझने में सहजता होगी। पिछले 65 वषों से नेशनल बुक ट्रस्ट 50 से अधिक भाषाओं में देश के हर आयु वर्ग के लिए उत्कृष्ट पुस्तकें प्रकाशित कर देश के ‘नाॅलेज पार्टनर’ के रूप में अपनी भूमिका निभाता रहा है।

इस पुस्तक में हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व की 50वीं वर्षगांठ की महत्ता को रेखांकित करते हुए उसकी नैसर्गिक और अर्जित विशेषताओं तथा हासिल उपलब्धियों का एक तटस्थ विश्लेषण किया गया है। इसमेें विगत की आदिम, पौराणिक, ऐतिहासिक, सामाजिक-आर्थिक, राजनीतिक तथा मनोवैज्ञानिक, प्रवृत्तियों-रूझानों और लोकतांत्रिक तौर-तरीकों का विश्लेषण किया गया है।

हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अजय कुमार, पुलिस महानिदेशक संजय कुण्डू, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष, प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।