Sunday, November 28, 2021

स्वस्थ जीवन के लिए जीवनशैली में बदलाव आवश्यकः राज्यपाल

28th November 2021 at 2:10 PM

आरोग्य भारती संस्था के प्रांत अधिवेशन में शामिल हुए राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर


शिमला
: 28 नवम्बर 2021: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए आज जीवनशैली में बदलाव आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में बहुत से गंभीर रोग जीवन शैली की विकृति के कारण हो रहे हैं, जिनसे सही जीवनशैली व खान-पान के जरिए ही बचा जा सकता है। यह बात राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज ऊना में आयोजित आरोग्य भारती संस्था के प्रांत अधिवेशन में कही।

इस विषय पर बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पाए जाने वाले औषधीय पौधों का दस्तावेजीकरण आवश्यक है, ताकि लोगों को उन औषधीय पौधों के उपयोग के बारे में जानकारी मिल सके और यह ज्ञान घर-घर तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि बच्चों के ज्ञानवर्धन के लिए स्कूलों में औषधीय पौधों की वाटिकाओं का निर्माण होना चाहिए, जिससे आने वाली पीढ़ी भी इन सेे अवगत हो सके। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने ऐसे अनेक पौधे प्रदान किए हैं, जिनकी उपचार में उपयोगिता होती है। औषधीय पौधों की वाटिकाओं से आने वाली पीढ़ी को इन पौधों के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी। इन सभी कार्यों से आयुर्वेद तथा औषधीय पौधों के प्रति समाज के नजरिये में बदलाव आएगा।

आरोग्य भारती के कार्यों की सराहना करते हुए राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उम्मीद जताई की संस्था के प्रांत अधिवेशन में मनुष्य की दीर्घ आयु के साथ-साथ स्वस्थ जीवन पर सकारात्मक चर्चा होगी, जिसके निष्कर्ष समाज को लाभान्वित करेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ बने इसके लिए भी सभी को प्रयास करने चाहिए क्योंकि यह देश के भविष्य का सवाल है तथा देश का भविष्य वर्तमान पर निर्भर करता है।

स्वस्थ जीवन शैली की बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बीमारी के इलाज से अधिक बचाव पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद लोगों में आयुर्वेद व योग के प्रति रूचि बढ़ी है।

कार्यक्रम में आरोग्य भारती संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. राकेश पंडित ने आरोग्य भारती संस्था के कार्यों की जानकारी प्रस्तुत करते हुए कहा कि मनुष्य के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को बेहतर बनाना ही आरोग्य भारती के गठन का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद, एलोपेथी, होम्योपेथी जैसी सभी चिकित्सा पद्धतियों को एक साथ लाकर एक नई चिकित्सा प्रणाली शुरू करने की आवश्यकता है, ताकि मनुष्य को आवश्यकतानुसार उपचार प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस दिशा में आगे बढ़कर काम कर रही है। केंद्र सरकार वर्ष 2030 तक नीति आयोग के माध्यम से नया हेल्थकेयर सिस्टम लाने के लिए प्रयास कर रही है, जिस पर बढ़-चढ़ कर कार्य किया जा रहा है।

इससे पूर्व आरोग्य भारती अध्यक्ष ऊना डाॅ. रितेश सोनी ने राज्यपाल का कार्यक्रम में स्वागत किया। प्रांत अधिवेशन में विभिन्न चिकित्सा पद्धति पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम की शुरुआत राज्यपाल ने अग्निहोत्र यज्ञ के साथ की।

इस अवसर पर राज्यपाल ने पपरोला आयुर्वेदिक काॅलेज की प्रोफेसर डाॅ. सोनी कपिल की किताब आयुर्वेद प्रसूति तंत्र का विमोचन भी किया।

छठे राज्य वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, अतिरिक्त उपायुक्त डाॅ. अमित कुमार शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

Thursday, November 25, 2021

7th IFFS:मलयालम फ़िल्म "ईवा" से होगा शुभारंभ

25th November 2021 at 3:03 PM

महिला ट्रैफिक कर्मी की जिंदगी से है प्रेरित फिल्म ईवा 


*गेयटी थिएटर में कल से शुरू होगा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल

*भारत सहित 16 देशों की 56 फिल्मों की होगी स्क्रीनिंग

शिमला: 25 नवंबर 2021: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::


सातवें अंतराष्ट्रीय फिल्म फेटिवल ऑफ़ शिमला ने हिमाचल को फिल्म उद्योग के तौर पर और विकसित करने में काफी योगदान की भूमिका निभानी है। इसके होने के एलान से ही चहल पहल शुरू हो गई थी। जानीमानी फिल्म हस्तियां ज़हन आ कर इस लाईन के लोगों का उत्साह बढ़ाएंगी। अच्छा हो आप भी इसकी सफलता के गवाह खुद ही बनें। 

राजधानी शिमला में शुक्रवार से तीन दिवसीय इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आगाज होने जा रहा है। यहां भारत सहित 16 देशों की चुनिंदा 56 फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाएगी। साथ ही जाने माने 30 फ़िल्म निर्देशक भी शिमला में आयोजित किए जा रहे इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में भाग लेंगे और अपनी फिल्मों के संदर्भ में सीधे दर्शकों से रूबरू होंगे। 

फ़िल्म फेस्टिवल का शुभारंभ मलयालम शार्ट फिल्म "ईवा" से होगा। ईवा एक महिला ट्रैफिक पुलिस कर्मी के जीवनपर आधारित फ़िल्म है, जिसमें एक कामकाजी महिला के जीवन संघर्ष को।दिखाया गया है। फ़िल्म में नौकरीपेशा महिला के सहकर्मियों की मानसिकता दर्शायी गई है। इसमें बताया गया है कि एक लड़की पढ़-लिखकर नौकरी हासिल तो कर लेती है लेकिन अगर उसे साथ काम करने वालों का सहयोग नही मिल पाता है तो उसके लिए काफी मुश्किल हो जाती है। 

इस साल होने जा रहे सातवें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की अपनी ही अलग ही पहचान बन चुकी है। इसकी खास बात यह है कि जहां इस फिल्म फेस्टिवल में देश व विदेश से नामी दिग्गज निर्देशकों की चुनिंदा व पुरस्कृत फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाती है तो उसी के साथ क्षेत्रीय सिनेमा को भी बराबर प्राथमिकता दी जाती है। क्षेत्रीय सिनेमा की फिल्मों ने न केवल राष्ट्रीय परिदृश्य पर अपनी जगह बनाई है बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत भी हुई हैं।

इस बार इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ शिमला में अहमदाबाद की निदेशक प्रमाती आनंद की 'झटआई बसंत' की स्पेशल स्क्रीनिंग की जाएगी। हिमाचली एवं हिंदी भाषा में बनी फिल्म 'झट आई बसंत' की शूटिंग धर्मशाला के आसपास क़े गांव में हुई है।  यह फिल्म दो ऐसी लड़कियों की कहानी है जो अलग- अलग  पृष्ठभूमि  से आती है  लेकिन  उनमें पितृसत्ता  का  प्रभाव  और  उससे  संघर्ष  उन्हें एक ही  कटघरे में  खड़ा  करता है।  

यह फिल्म  महिलाओं पर पितृसत्ता के प्रभाव और उसकी स्वीकृति को भी दर्शाती है। जिसे पुरानी पीढ़ी की स्त्रियां सहर्ष स्वीकार करके अपनी अगली पीढ़ी को हस्तांतरित करना अपना कर्तव्य मानती है। आज की जागृत और पढ़ी-लिखी  स्त्रियों से जब इसे  कबूल करने के लिए कहा जाता है  तो उस पुरानी पीढ़ी और नई  पीढ़ी के बीच संघर्ष एवं  विवाद  के  स्वर  तीखे  हो जाते हैं। यह फिल्म महिलाओं को अवश्य देखनी चाहिए जो अपनी बेटियों का उज्जवल भविष्य देखना चाहती है ।  लेकिन सामाजिक एवं आंतरिक द्वंद उन्हें यह करने से रोकते हैं यह फिल्म कई अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में कई पुरस्कारों से सम्मानित की जा चुकी है

इसके अलावा फेस्टिवल में शिमला में तेंदुए  के  आतंक  पर  बनी  फिल्म  'शूट देट लेपर्ड'  प्रदर्शित  की  जाएगी।  मुंबई के  निर्देशक  'सोहेल '  और ' शबनम जाफरी '  की 52 मिनट  की  यह  डॉक्यूमेंट्री  फिल्म  शिमला  और उत्तराखंड  में  तेंदुए  और  मानव  के  संघर्ष  को  बयां  करती है,  यह  फिल्म  दो  ऐसे  मुख्य  पात्रों  की है  जिनमें  से  एक अपनी बंदूक से तेंदुए  को  शूट करता है  तो दूसरा  कैमरे से। 

 फेस्टिवल में कंगना रनौत स्टारर फिल्म थलायवी के निर्देशक विजय सेलिब्रिटी 28 नवम्बर को  गेस्ट के तौर पर आएंगे और दर्शकों से रुबरु होंगे । इंटरनेशन फिल्म फेस्टिवल ऑफ शिमला का आयोजन हिमालयन वेलोसिटी और भाषा , कला  और संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वाधान किया जा रहा है।

Monday, November 22, 2021

इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल ऑफ़ शिमला 26 से 28 नवंबर तक

Monday 22nd November 2021 at 7:03 PM

जर्मनी, मोरोको, अमेरिका, ईरान और  कोरिया के फ़िल्म निदेशक करेंगे शिरकत


शिमला
: 22 नवंबर 2021: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

फिल्म फेस्टिवल को लेकर हिमाचल में हर तरफ रौनक है। हर तरफ उत्साह की लहर है। विदेशी फिल्म निर्देशकों के आने का रोमांच भी है। 

गेयटी  थियेटर शिमला में 26 से 28 नवंबर तक आयोजित होने वाले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ शिमला में मरोक्को, यूएसए, इरान, जर्मनी, और कोरिया के डायरेक्टर अपने फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए आएंगे और अपनी फिल्म  के बारे में शिमला के दर्शकों से संवाद करेंगे।

कोरिया के डायरेक्टर मैथ्यू कोशमारी की डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'फादर ऑफ माई लैंड' की स्क्रीनिंग होगी इस दौरान फिल्म के निदेशक गेयटी  थिएटर में दर्शकों से रूबरू होंगे। यह फिल्म कोरिया के किसानों की है, जो कि जापान सरकार द्वारा विवादास्पद द्वीप पर उनके  अधिकारों की लड़ाई को लेकर है।

ईरान के डायरेक्टर पेमेन महमूद शाह मोहम्मदी की शॉर्ट फिल्म 'अपारात' की स्क्रीनिंग के दौरान मौजूद रहेंगे और ईरान की फिल्मों के बारे में अपना वक्तव्य प्रस्तुत करेंगे। पेमेन महमूद की सतरह मिनट की शार्ट फिल्म है,जो कि ईरान के एक गांव में प्रोजेक्टर पर फिल्म देखने के लिए वित्तीय प्रबंध करने वाले छ: बच्चों के संघर्ष की कहानी है।

जर्मनी के डायरेक्टर रोनाल्ड अपनी फीचर फिल्म 'डाई ग्रेंज' की स्क्रीनिंग के दौरान गेयटी थिएटर में फिल्मों के अंतरराष्ट्रीय स्वरूप पर दर्शकों से बात करेंगे और जर्मनी में फिल्मों के प्रचलन पर भी चर्चा करेंगे।

मोरक्को के फिल्मेकर 'वाउचैन' की डॉक्यूमेंट्री फिल्म का 'अमगाहर' की स्क्रीनिंग के दौरान वे स्वयं गेयटी थियेटर में मौजूद रहेंगे और मोरक्को के सिनेमा पर बात करेंगे।

इसके अलावा अमेरिका में काम कर रहे भारतीय मूल के फिल्ममेकर 'श्री आर्यमन प्रसाद' की शार्ट फिल्म 'ऊंच नीच' प्रदर्शित की जाएगी और वे स्वयं दशकों से फिल्म की बारीकियों  पर और अमेरिका में सिनेमा के संदर्भ पर बात करेंगे।

हालांकि फेस्टिवल में 16 देशों की फिल्में शॉर्टलिस्ट हुई है। और देश भर के विभिन्न राज्यों से 23  फिल्ममेकर इस फिल्म फेस्टिवल में स्वयं अपनी फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान मौजूद रहेंगे और दर्शकों से अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सिनेमा पर चर्चा करेंगे।

हालांकि इस फिल्म फेस्टिवल में तमिल, मराठी, बंगाली,उड़िया, तेलुगु,मलयाली, हिमाचली, हिंदी और अंग्रेजी फिल्में भी प्रदर्शित होंगीं। भारतीय फिल्मों में सबसे बड़ा आकर्षण हाल ही में रिलीज हुई कंगना रनौत की फिल्म 'थलाइवी 'होगी। तमिल फिल्म इंडस्ट्री के सुप्रसिद्ध निर्देशक विजय ने इस फिल्म का निर्देशन किया है। वे स्वयं अपनी फिल्म की स्क्रीनिंग और उस पर चर्चा के लिए मौजूद रहेंगे। गौरतलब है कि इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के छह संस्करणों का इससे पूर्व सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है जिसमें की पूर्व में दीप्ति नवल, संजय मिश्रा और बड़े एक्टर शिरकत कर चुके हैं।

इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल ऑफ़ शिमला हिमालयन विलोसिटी संस्था द्वारा हिमाचल प्रदेश सरकार और भाषा कला संस्कृति के तत्वाधान में आयोजित किया जाता है।

Sunday, November 21, 2021

“थलाईवी” के निर्देशक विजय 28 को आएंगे शिमला, देंगे निर्देशन के टिप्स

21st November 2021 at 7:05 PM

इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में करेंगे शिरकत 


शिमला
: 21 नवंबर  2021: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

शिमला में फिल्म फेस्टिवल की तैयारियां ज़ोरों पर हैं। इस अवसर पर फ़िल्मी दुनिया को चाहने वाले नए लोग पुराने लोगों से बेहद नज़दीक हो कर उनकी बात सुन सकेंगे। उनसे बात कर सकेंगे और उनसे तकनीक जानकारी भी ले सकेंगे। अनुबहों का खज़ाना मिल सकेगा इस फिल्म फेस्टिवल में। 

थलाइवी फिल्म के निर्देशक विजय 28 को शिमला आएंगे। वे यहां अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल फेस्टिवल में शिरकत करेंगे। थलाइवी को फिल्म स्क्रीनिंग के अतिम दिन दर्शकों को दिखाया जाएगा। इस दौरान रिज स्थित ओपन एयर थिएटर में तमिल निर्देशक लोगों से रूबरू भी होंगे और फिल्म निर्देशन से सबंधित अपने अनुभव भी साझा करेंगे। इस दौरान वे फिल्म निर्देशन के टिप्स भी देंगे।

सातवें अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के तीसरे व अंतिम दिन मशहूर फिल्म थलाइवी की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके बाद इस फिल्म के निर्देशक विजय दर्शकों से मुलाकात कर अब तक अपने फिल्मी दुनिया के अनुभवों के बारे में बात करेंगे।

बता दें कि थलाइवा फिल्म में हिमाचल से सबंध रखने वाली मशहूर अभिनेत्री कंगना रनौत ने तमिलनाडु की दिग्गज राजनीतिज्ञ जयललिता का किरदार निभाया है। कंगना को हाल ही में पदमश्री सम्मान से नवाजा गया है। थलाइवी फिल्म मशहूर राजनीतिज्ञ जयललिता की बायोग्राफी फिल्म है, जिसमें कंगना ने उनके किरदार को जीवंत किया है। फिल्म में जयललिता के राजनीतिक जीवन मे आए उतार-चढ़ावों को दर्शाया गया है। दर्शक वर्ग में फिल्म को काफी सराहा गया है। थलाइवी का हिंदी में मतलब है नायिका।

वर्ष 2000 से इस क्षेत्र में काम कर रहे विजय अपने करियर के शुरूआती दौर में विज्ञापन फिल्में बनाते थे। विजय ने लगभग सौ से ऊपर विज्ञापन फिल्मों को सफल निर्देशन किया है, जिनमें से कुछ विज्ञापन फिल्मों को अवार्ड भी मिल चुका है। विजय कहते हैं कि विज्ञापन फिल्में आपको किसी कहानी को बहुत कम समय में अधिक प्रभावी कैसे बनाएं, ये सिखाती हैं। 

विजय ने अभी तक 22 तमिल व हिंदी इत्यादि फिल्मों को निर्देशन किया है, जिनमें तीन फिल्में तमिल मे हैं। जबकि उनकी दो फिल्मों का रिमेक हिंदी में बनाया गया है। इन्हीं में से एक फिल्म है थलाइवा। बाद में इसे हिंदी में भी थलाइवी नाम से रिलिज किया गया है। इस कहानी की स्क्रिप्ट भी विजय ने खुद लिखी है और इसका निर्देशन भी इन्होंने खुद किया है।

Saturday, November 20, 2021

जेल सुधार गृह कार्यक्रम के तहत होगा आयोजन, दिखाई जाएगी 25 फिल्में

20th November 2021 at 5:44 PM

 इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल की दूसरी फ़िल्म होगी कंडा जेल में 


शिमला
: 20 नवंबर 2021: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::
सातवें इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल की दूसरीं स्क्रीनिंग शिमला के आदर्श कंडा जेल में होगी। यहां कैदियों को चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर की पुरस्कृत फिल्में दिखाई जाएंगी। ये जानकारी देते हुए इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल ऑफ शिमला के फेस्टिवल डायरेक्टर पुष्प राज ठाकुर ने बताया कि कंडा जेल में फ़िल्म स्क्रीनिंग का आयोजन तीसरी बार किया जा रहा है। बता दें कि 26 से 28 नवंबर तीन दिनों तक शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में इस अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। इसी के साथ साथ कंडा जेल में भी फेस्टिवल की स्क्रीनिंग साथ साथ चलती रहेगी। 

पुष्प राज ठाकुर ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था अपराध से नफरत करो अपराधी से नहीं। इसी को आधार मानते हुए उनकी संस्था हिमालयन वेलोसिटी जेल सुधारों पर आधारित एक फ़िल्म का निर्माण कर चुकी है। 

गौरतलब है कि हिमाचल की जेलों में   कैदियों के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए कई तरह की गतिविधियों का आयोजन किया जाता रहा है। कंडा जेल को आदर्श जेल का दर्जा प्राप्त है और यहां करवाई जा रही गतिविधियां   में कैदियों को उनकी शिक्षा व योग्यता के अनुरूप काम पर लगाया जाता हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ शिमला के फेस्टिवल डायरेक्टर पुष्प राज ठाकुर ने कहा कि कंडा जेल में कैदियों के लिए पहले भी कई तरह के मनोरंजन परक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते रहे हैं। 
उन्होंने कहा कि जेल में समय बिताने के बाद बाहर निकलकर कैदी एक अच्छा इंसान बने इसके लिए उसे जेल में भी सकारात्मक माहौल मिलना चाहिए। जेल के तनाव से बाहर आने के लिए अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल में दिखाई जाने वाली अवार्ड विनिंग फिल्में एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती हैं।