Tuesday, December 22, 2020

जीवन जीने की कला सिखाती है श्रीमद भगवद् गीता: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर

Tuesday: 22nd December 2020 at 4:26 AM 

  कुरुक्षेत्र में 5वें अंतरराष्ट्रीय गीता सेमिनार का किया शुभारंभ 

कुरुक्षेत्र: 22 दिसंबर 2020: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो):: 

हम सभी ज़िंदगी में हर कदम पर कुरुक्षेत्र का वह युद्ध आता है जिसमें विजयी होने के लिए श्रीमद भगवद् का गीता उपदेश ही सहायक होता है। कुरुक्षेत्र का नियमित आयोजन हमें निरंतर इसका अहसास भी करता है। इसी भावना को दृढ़ बनाने के मकसद से मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर विशेष तौर पर कुरुक्षेत्र में पहुंचे। 

सेमिनार का उद्घाटन 

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने आज कुरूक्षेत्र में कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा आयोजित 5वें अंतरराष्ट्रीय गीता सेमिनार का शुभारंभ भी किया। इस वर्ष आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय सेमिनार का विषय सतत अस्तित्व और श्रीमद्भगवद् गीता दर्शन है। हरियाणा सरकार द्वारा 17 से 25 दिसम्बर, 2020 तक अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर यह सेमिनार आयोजित किया जा रहा है।

कर्म के सिद्धांतों की शिक्षा देती है ‘‘गीता’’ 

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने इस अवसर पर श्रीमद्भगवद् गीता के आध्यात्मिक ज्ञान के भंडार को संरक्षित करने और बढ़ावा देने पर बल दिया तथा युवा पीढ़ी को श्रीमद्भगवद् गीता की शिक्षाओं के महत्व से अवगत करवाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि गीता आध्यात्मिक शिक्षा का भंडार है, जो हमें धर्म के सिद्धांतों के अनुसार जीवन जीने की कला सिखाती है। यह हमें जीवन के व्यवहारिक पहलुओं से भी अवगत कराती है और यह वर्तमान समय में भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि यह हमें कर्म के सिद्धांतों की शिक्षा देती है और परिणामों की अपेक्षा किए बिना हमें कर्तव्य को महत्ता प्रदान करने के लिए प्रेरित करती है।

सेमिनार से ऑनलाइन जुड़े देश-विदेश के नागरिक

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि इस वर्ष ऑनलाइन माध्यम से सेमिनार आयोजित किया जा रहा है और भारत तथा विदेश के विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में लोग वर्चुअली इस कार्यक्रम में जुड़ रहे हैं। उन्होंने इस प्रयास की सराहना की, क्योंकि यह युवा पीढ़ी को गीता के ज्ञान तक पहुंचाने में सक्षम बनाएगा। उन्होंने कहा कि यद्यपि कोविड-19 ने कई तरह की चुनौतियां खड़ी की हैं, फिर भी इसने तकनीक के माध्यम से परिवारों और लोगों को जोड़ा है। इसने विशेष रूप से गांवों के लोगों के पारिवारिक संबंधों को मजबूत किया है, क्योंकि देश के विभिन्न शहरों के साथ-साथ विदेशों से भी बहुत लोग वापस आ गए हैं।

ब्रह्म सरोवर में की विशेष पूजा-अर्चना

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने भगवद्गीता के प्रचार के लिए हरियाणा सरकार को गीता जयंती के आयोजन पर बधाई दी। जो हर वर्ष एक मेगा इवेंट साबित हो रहा है। मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर एक पुस्तक और स्मारिका का विमोचन भी किया। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने ब्रह्म सरोवर में पूजा की और हवन में भाग लिया। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य जी का एक वीडियो संदेश भी प्रस्तुत किया गया। कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति श्री सोमनाथ सचदेव जी ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। हरियाणा सरकार के शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल, आचार्य स्वामी ज्ञानानन्द जी, शंकराचार्य जी, लोकेश मुनी जी और डेविड ने इस अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत किए और जीवन में गीता के महत्व के बारे में बताया। राज्यपाल की सचिव डाॅ. जी. अनुपमा ने इस आयोजन के सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया।

Thursday, December 17, 2020

हिमाचल के पशोग गांव में "शी हाट" केन्द्र का लोकार्पण

 25 महिलाओं का स्वयं सहायता समूह चला रहा है यह परियोजना 

शिमला//सिरमौर: 17 दिसंबर 2020: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::  

मुख्यमंत्री जी ने "शी हाट" केंद्र का किया शुभारंभ।  मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने आज शिमला से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा सिरमौर जिले के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के बाग पशोग गांव में 70 लाख रुपये की लागत से निर्मित  "शी हाट" केन्द्र का लोकार्पण किया। इस केंद्र में ग्रामीण हाट, स्थानीय दुकान, रेस्तरां, अतिथि कक्ष, कौशल विकास केन्द्र और वे साइट एमेनिटीस उपलब्ध हैं। 

यह परियोजना 25 महिलाओं के स्वयं सहायता समूह द्वारा चलायी जा रही है, ताकि वे पारंपरिक, प्राकृतिक, जैविक उत्पाद बेचकर स्वयं को स्वरोजगार के लिए सशक्त बना सकें और पहाड़ी भोजन भी परोसें तथा आगंतुकों होम स्टे की सुविधा प्रदान कर सकें। यह परियोजना पूरे देश में महिलाओं के लिए और महिलाओं द्वारा सभी को सेवाएं प्रदान करने की अनूठी परियोजना है। शी हाट में तीन शिफ्टों में काम करेगी महिलाएं। मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि "शी हाट" में दो कमरों वाला अतिथि गृह, सौर ऊर्जा संयंत्र , वर्षा जल संग्रहण प्रणाली और अपशिष्ट कंपोस्टिंग, एक्यूप्रेशर ट्रैक और वायु शुद्ध करने वाले संयंत्र भी हैं। इस शी हाट में महिलाओं को अपने घरों से आने-जाने के लिए ई-वाहन की सुविधा भी है, इसका उपयोग प्राकृतिक झरने के पानी को लाने के लिए भी किया जाएगा। शी हाट में महिलाएं तीन शिफ्टों में काम करेगी। प्रदेश सरकार राज्य के अन्य हिस्सों में भी इस तरह के प्रयोग का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है , क्योंकि इससे प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। शी  हाट  की एक झलक भी देखिये यहाँ अटैच वीडियो में:

उन्होंने कहा कि इससे न केवल राज्य की संस्कृति, खान-पान और परंपरा की झलक मिलेगी, बल्कि महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा। शी हाट ग्रामीण महिलाओं को आजीविका अर्जित करने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि पच्छाद क्षेत्र के लोगों ने उपचुनावों में अपना पूरा समर्थन दिया और भाजपा प्रत्याशी श्रीमती रीना कश्यप जी ने भारी अंतर से जीत हासिल की। उन्होंने राज्य के लोगों से पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में ईमानदार, मेहनती और समर्पित उम्मीदवारों का चुनाव करने का आग्रह किया , ताकि विकास की गति को ग्रास रूट स्तर पर बढ़ावा मिले । सांसद श्री सुरेश कश्यप् जी ने कहा कि "शी हाट" महिला सशक्तीकरण और उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई एक अभिनव योजना है। राज्य सरकार ने महिलाओं और समाज के अन्य कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं। यह राज्य की भाजपा सरकार ही है जिसने पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया। पच्छाद की विधायक श्रीमती रीना कश्यप जी ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि शी हाट ग्रामीण महिलाओं को आजीविका अर्जित करने में मदद करेगा। राज्य सरकार के वर्तमान कार्यकाल में पच्छाद क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है । भव्य "शी हाट" केंद्र की झलक देखने के लिए इस ऊपर दी गई वीडियो को देखने के लिए आप इस लिंक पर भी क्लिक कर सकते हैं। 

Saturday, October 31, 2020

सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र को दी 24.70 करोड़ की सौगातें

31st Oct 2020 at 3:25 AM

 मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विज्ञान प्रयोगशाला भवन का उद्घाटन भी  किया 


शिमला
//सुंदरनगर: 31 अक्टूबर 2020: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने आज शिमला से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मंडी जिला के सुन्दरनगर विधानसभा क्षेत्र के लिए 24.70 करोड़ रुपये की विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण किए। उन्होंने वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला निहरी में 1.15 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित विज्ञान प्रयोगशाला भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 13.73 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले करांगल-किंदर सड़क मार्ग की आधारशिला रखी, जिससे क्षेत्र की छह पंचायतों के लोग लाभान्वित होंगे। उन्होंने 7.94 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले आईटीआई भवन निहरी का शिलान्यास किया। इस संस्थान में इलैक्ट्रीशियन, टर्नर, पलम्बर, फैशन डिजाइन एवं तकनीकी और सूचना प्रौद्योगिकी के ट्रेड आरम्भ होंगे। उन्होंने निहरी में ही वन विश्राम गृह और मुख्यमंत्री लोक भवन की आधारशिलाएं भी रखीं।

विकास कार्यों के लिए आड़े नहीं आएगी धन की कमी

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने शिमला से वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने आज जिन विकासात्मक परियोजनाओं की आधारशिला रखी है उन्हें निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाएगा। इसके लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी ताकि लोग विकास का लाभ उठा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुन्दरनगर विधानसभा क्षेत्र में 500 करोड़ रुपये लागत की विकासात्मक परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जिनमें जल शक्ति विभाग की 200 करोड़ रुपये की परियोजनाएं और लोक निर्माण विभाग की 100 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान निहरी क्षेत्र के विकास की अनदेखी की गई। वर्तमान सरकार इस क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता दे रही है। निहरी में आईटी भवन बनने से क्षेत्र के युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी, जबकि मुख्यमंत्री लोक भवन से पंचायत समिति को आय के अतिरिक्त साधन सृजित होंगे।

विकास और खुशहाली की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा सुंदरनगर

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि सुन्दरनगर विधानसभा क्षेत्र विकास और खुशहाली की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। सीआरएफ के अन्तर्गत सलापड़ से तत्तापानी के बीच सड़क निर्माण के लिए 219 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और यह पहली बार है कि एक सड़क मार्ग के लिए इतनी अधिक धनराशि आवंटित की गई है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पिछले लगभग तीन वर्षों में हिमाचल का चार बार दौरा किया है, जो इस प्रदेश और यहां के लोगों के प्रति उनके विशेष स्नेह को दर्शाता है। प्रधानमंत्री जी ने प्रदेश को 3300 करोड़ रुपये की अटल टनल रोहतांग समर्पित की, जिससे जनजातीय क्षेत्रों में विकास के नए युग का सूत्रपात होगा। उन्होंने जनता के कल्याण के लिए आरम्भ की गई प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।

कोरोना महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए हिमाचल सरकार उठा रही प्रभावी कदम

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में कोरोना महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। सरकार के समक्ष सबसे पहला और महत्वपूर्ण कार्य इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकना सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि स्थिति की निगरानी के लिए उन्होंने राज्य के उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ 35 वीडियो कांफ्रेंस आयोजित की हैं। महामारी के संकट को कम करने के लिए जिला अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ 14 वीडियो सम्मेलन भी आयोजित किए गए ताकि इस संकट से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए लोगों को भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।

विधायक ने जताया आभार

सांसद श्री राम स्वरूप शर्मा जी ने कहा कि  मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने लोगों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार की विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं और कल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। सुंदरनगर के विधायक श्री राकेश जम्वाल जी ने क्षेत्र के लिए करोड़ों रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं के शिलान्यास करने के लिए मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का वर्तमान कार्यकाल राज्य के लोगों के लिए विशेष रूप से सुंदरनगर क्षेत्र के लोगों के लिए एक वरदान साबित हुआ है।


Thursday, September 24, 2020

अटल टन्नल तैयार; प्रधानमंत्री जी 3 अक्तूबर को करेंगे उद्घाटन

24th September 2020 at 2:59 AM

 मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लिया तैयारियों का जायजा 


लाहौल-स्पीति
24 सितंबर 2020: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

लाहौल स्पीति की महत्वपूर्ण परियोजना अटल टन्नल रोहतांग के उद्घाटन समारोह के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आगमन को लेकर आज मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने केलांग में अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि एक लम्बे इन्तजार के बाद लाहौल घाटी के लिए अटल टन्नल बनकर तैयार हुई है, जिसके उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी 3 अक्तूबर, 2020 को लाहौल आएंगे। 

अटल टन्नल सामरिक दृष्टि से राष्ट्र की महत्वपूर्ण उपलब्धि

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि अटल टन्नल सामरिक दृष्टि से राष्ट्र की महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस सुरंग के बनने से लाहौल-स्पीति जिला के आर्थिक, सामाजिक जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन आएगा। अटल टन्नल के निर्माण से कृषि, पर्यटन और बागवानी के क्षेत्र में व्यापक विकास योजनाएं आरम्भ की जाएंगी, जिनसे पूरे जिले की आर्थिकी सुदृढ़ होगी। अटल टन्नल बनने से पहले लाहौल घाटी लगभग छः माह तक आवाजाही के लिए बंद रहती थी परन्तु अब लाहौल घाटी के लोगों को वर्षभर आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

लाहौल के नागरिकों का सपना हुआ साकार

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि सुरंग के निर्माण से लाहौल के लोगों का वर्षों का सपना साकार हुआ है और पूरे क्षेत्र में विकास के प्रति नये उत्साह का संचार हुआ है। इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री रामलाल मारकण्डा जी ने आयोजन से सम्बन्धित विस्तृत रूपरेखा पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के अथक प्रयासों से इस सुरंग का कार्य सम्पन हो पाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने टन्नल की वन स्वीकृतियों के लिए गम्भीरता से कार्य नही किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के विकास कार्यों की अनदेखी की। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अनिल खाची, पुलिस महानिदेशक श्री संजय कुण्डू भी उपस्थित थे।

अटल टन्नल रोहतांग से बदलेगी लाहौल घाटी की तस्वीर : मुख्यमंत्री

जिला लाहौल-स्पीति की तांदी पंचायत के कारगा गांव की जनता को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि यह पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की दूरदर्शी सोच का परिणाम है कि आज लाहौल घाटी के विकास के रूपांतरण के लिए अटल टन्नल रोहतांग बनकर तैयार हो चुकी है। अटल टन्नल के आरम्भ होने से लाहौल घाटी में विकास और सुख समृद्धि का नया दौर आरम्भ होगा। अटल टन्नल जहां विकास की कड़ी है वहीं दुनिया के लिए तकनीक की भी मिसाल है। अटल टन्नल का सामरिक महत्व है और देश की सुरक्षा के लिए यह महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने कहा कि यह टन्नल लद्दाख क्षेत्र के लिए भी प्रवेश द्वार साबित होगी।

पर्यटन और कृषि गतिविधियों में होगा जबरदस्त प्रसार

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि टन्नल के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी 3 अक्तूबर को लाहौल आएंगे। उन्होंने कहा कि टन्नल के निर्माण से पर्यटन और कृषि गतिविधियों में जबरदस्त प्रसार होगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत अति विश्ष्टि अतिथियों के प्रवास के दौरान कोविड-19 मापदंडों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। तकनीकी शिक्षा एवं जनजातीय विकास मंत्री श्री रामलाल मारकण्डा जी ने कहा कि टन्नल का निर्माण एक ऐतिहासिक निर्णय है जिससे मनाली और लेह के बीच की दूरी कम होगी और जनजातीय क्षेत्र लाहौल-स्पीति के विकास में सहायक सिद्ध होगी। जनजातीय सलाहकार समिति के सदस्य शमशेर सिंह ने मुख्यमंत्री को मांगपत्र प्रस्तुत किया और क्षेत्र में पर्यटन और शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने का आग्रह किया।

मनाली में सुनी जनसमस्याएं

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने केलांग के उपरांत मनाली प्रवास पर गए। मनाली स्थित सर्किट हाउस पहुंचने पर उन्होंने स्थानीय जनता की समस्याएं सुनी। मुख्यमंत्री जी ने मौके पर ही अधिकतर समाधान निकाले साथ ही शेष शिकायतों के निपटारे हेतु स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी ने जनता से आग्रह किया मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन 1100 का भी भरपूर लाभ उठाएं। इस सेवा के माध्यम से त्वरित जन समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।

Friday, September 18, 2020

हिमाचल तेज़ी से मज़बूत आत्म निर्भरता की ओर

 Friday: 18th September 2020 at  5:04 AM

 अब महिला शक्ति केंद्र काउंटर पर भी बिकेंगे हिमाचली उत्पाद 


शिमला
: 17 सितंबर 2020: (हिमाचल सरकार विभाग//देवभूमि स्क्रीन):: 

हिमाचल प्रदेश को आत्म निर्भरता  में और मज़बूत करने से राज्य सरकार तेज़ी से बहुत से कदम उठा रही है रही है। मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने मुख्य डाक घर, शिमला में जो महिला शक्ति केन्द्र काउंटर का उद्घाटन किया है वह भी इसी दिशा उठाया गया कदम ही है। जल्द ही इसके परिणाम भी सामने आएंगे। इसके साथ ही महिलाओं की स्थिति भी और मज़बूत होगी। 

हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की राह पर राज्य सरकार मजबूती के साथ सराहनीय कदम उठा रही है। इस ध्येय के साथ आज मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने प्रदेश ग्रामीण विभाग के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किए उत्पादों को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए शिमला स्थित मुख्य डाकघर में ‘‘महिला शक्ति केन्द्र काउंटर’’ का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू किया गया ‘‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’’ कोविड-19 महामारी के दौरान देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वहीं हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। ग्रामीण विकास विभाग के राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और भारतीय डाक विभाग के संयुक्त तत्त्वावधान में राज्य के मुख्य डाकघरों में महिला शक्ति केन्द्र शुरू करना, महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।

बिक्री के बाद स्वयं सहायता समूहों को हस्तांतरित होगी धनराशि

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पाद बिक्री के लिए इन काउंटरों पर उपलब्ध रहेंगे। हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत गठित स्वयं सहायता समूह इन बिक्री काउंटर पर अपने उत्पाद बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिक्री के बाद धनराशि सीधे स्वयं सहायता समूहों को हस्तांतरित की जाएगी।

‘‘वोकल फाॅर लोकल’’ को वास्तविक रूप से साकार करेगा यह प्रयास 

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि यह न केवल महिलाओं की आर्थिकी को मजबूत करेगा बल्कि जनता के बीच स्थानीय उत्पादों को भी प्रोत्साहित करेगा और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘‘वोकल फाॅर लोकल’’ को वास्तविक रूप से साकार करेगा जो आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं आरम्भ की हैं। यह न केवल महिलाओं को उनके घर-द्वार पर रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाएगा, बल्कि उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ करेगा।

Wednesday, August 26, 2020

हिमाचल सरकार के प्रभावी प्रयास से हुआ चामुर्थी घोड़ों का संरक्षण

Tuesday: 25th August 2020
4 हजार तक पहुंच गई इन घोड़ों की संख्या
शिमला25 अगस्त 2020: (PRD//देवभूमि स्क्रीन)::
अपने निरंतर प्रयासों और विपरीत परिस्थितियों पर विजय हासिल करने के उपरांत प्रदेश सरकार चामुर्थी घोड़े की नस्ल के संरक्षण और पुनःस्थापन में सफल रही है। यह उन घोड़ों की नस्ल में से एक है, जिन पर कुछ साल पहले विलुप्त होने का खतरा मंडराया था। बेहतर क्षमता और बल-कौशल के लिए विख्यात चामुर्थी नस्ल के घोड़े हिमाचल के ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों, मुख्य रूप से बर्फीली स्पीति घाटी में सिंधु घाटी (हड़प्पा) सभ्यता के समय से पाए जाते हैं। यह नस्ल भारतीय घोड़ों की 6 प्रमुख नस्लों में से एक है, जो ताकत और अधिक ऊंचाई वाले बर्फ से आच्छांदित क्षेत्रों में अपने पांव जमाने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। इन घोड़ों का उपयोग तिब्बत, लद्दाख और स्पीति के लोगों द्वारा युद्ध और सामान ढोने के लिए किया जाता रहा है। इसके अतिरिक्त, हिमाचल के कुल्लू, लाहौल-स्पीति और किन्नौर तथा पड़ोसी राज्यों में विभिन्न घरेलू और व्यावसायिक कार्यों के लिए व्यापक रूप से इनका उपयोग किया जाता रहा है।
बर्फानी घोड़ों को बचाने के लिए स्थापित किया घोड़ा प्रजनन केंद्र
पशुपालन विभाग ने इन बर्फानी घोड़ों को बचाने और संरक्षित करने तथा पुनः अस्तित्व में लाने के उद्देश्य से वर्ष 2002 में लारी (स्पीति) में एक घोड़ा प्रजनन केंद्र स्थापित किया। यह केंद्र स्पीति नदी से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किया गया है, जो राजसी गौरव और किसानों में समान रूप से लोकप्रिय घोड़ों की इस प्रतिभावान नस्ल के प्रजनन के लिए उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान में इस प्रजनन केंद्र को तीन अलग-अलग इकाइयों में विभाजित किया गया है, जिसमें प्रत्येक इकाई में 20 घोड़ों को रखने की क्षमता और चार घोड़ों की क्षमता वाला एक स्टैलियन शेड है। इस कंेद्र को 82 बीघा और 12 बिस्वा भूमि पर चलाया जा रहा है। विभाग द्वारा इस लुप्तप्राय प्रजाति के लिए स्थानीय गांव की भूमि का उपयोग चरागाह के रूप में भी किया जा रहा है।
4 हजार तक पहुंच गई घोड़ों की संख्या
पशुपालन मंत्री श्री वीरेंद्र कंवर जी के मुताबिक प्रजनन केंद्र की स्थापना और कई वर्षों तक चलाए गए प्रजनन कार्यक्रमों के उपरांत इस शक्तिशाली विरासतीय नस्ल, जो कभी विलुप्त होने की कगार पर थी, की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में इनकी आबादी लगभग चार हजार हो गई है। लारी फार्म में इस प्रजाति के संरक्षण के प्रयासों के लिए आवश्यक दवाओं, मशीनों और अन्य बुनियादी सुविधाओं के अलावा पशुपालन विभाग के लगभग 25 पशु चिकित्सक और सहायक कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस केंद्र में इस नस्ल के लगभग 67 घोड़ों को पाला जा रहा है, जिनमें 23 स्टैलियन और 44 ब्रूडमेयर्स दोनों युवा और वयस्क शामिल हैं। प्रत्येक वर्ष पैदा होने वाले अधिकांश घोड़ों को पशुपालन विभाग द्वारा नीलामी के माध्यम से स्थानीय खरीदारों को बेचा जाता है।
एक व्यसक घोड़े का औसत बाजार मूल्य 40 हजार रुपए
चार-पांच वर्ष की आयु के एक व्यसक घोड़े का औसत बाजार मूल्य वर्तमान में 30-40 हजार रुपए है। इन घोड़ों की सबसे अधिक लागत तीन वर्ष पूर्व 75 हजार रुपये दर्ज की गई थी। जनसंख्या, जलवायु और चरागाह के आधार पर एक वर्ष में औसतन अधिकतम 15 मादाएं गर्भधारण करती हैं और गर्भाधान के 11-12 महीने बाद बच्चा जन्म लेता है, जबकि एक वर्ष की आयु तक उसे दूध पिलाया जाता है। प्रजनन भी पशु चिकित्सा विशेषज्ञों की निगरानी में करवाया जाता है। जन्म के एक महीने के बाद घोड़े के बच्चे को पंजीकृत किया जाता है और छह महीने की आयु में उसे दूसरे शेड में स्थानांतरित कर दिया जाता है। एक वर्ष का होने पर ही इसे बेचा जाता है। इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा वृद्ध अथवा अधिक संख्या होने पर चामुर्थी मादाओं को बेच दिया जाता है।
इसके अलावा, घोड़े की अन्य नस्लों की देख-रेख, पालन-पोषण और उनका प्राचीन महत्व पुनः स्थापित करने के लिए विभाग द्वारा इस केंद्र पर प्रति वर्ष लगभग 35 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। स्टैलियन घोड़ों के संरक्षण के मामले में हिमाचल प्रदेश का स्टैलियन चार्ट में अग्रणी स्थान है और निरन्तर गुणात्मक घोड़ों के उत्पादन में सफलता हासिल की है। प्रदेश की सफलता और चामुर्थी प्रजाति की लोकप्रियता का अंदाजा अंतरराष्ट्रीय लवी, लदारचा मेलों और समय-समय पर आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों के दौरान प्राप्त किए गए विभिन्न पुरस्कारों से लगाया जा सकता है।

Friday, May 1, 2020

आयुर्वेद विभाग द्वारा विशेष काढ़ा तैयार

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ने किया शुभारम्भ 
शिमला में आयुर्वेद काढ़ा लांच करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 
शिमला: 1 मई 2020: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां कोरोना महामारी के दृष्टिगत लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए राज्य आयुर्वेदिक विभाग द्वारा तैयार किए गए मधुयष्टियादि कषाय (काढ़ा) का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयुर्वेदिक काढ़ा प्रतिरक्षण तंत्र को मजबूत करने में सहायक होगा तथा इसे कोरोना योद्धाओं डाॅक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस, वरिष्ठ नागरिकों और राज्य के सभी कोरोना मुक्त हुए लोगों को निःशुल्क प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट 2020-21 में की गई घोषणा के अनुसार, यह आयुर्वेदिक दवा राज्य के सभी वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना योद्धाओं को आयुर्वेदिक दवा मधुयष्टियादि कषाय (काढ़ा) निःशुल्क प्रदान करना, उनकी निःस्वार्थ सेवा के प्रति सरकार के आभार का द्योतक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन और ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान भी लोगों को शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों और कोरोना योद्धाओं को संक्रमण का ज्यादा खतरा हैं, इसलिए आयुर्वेदिक विभाग की यह दवा इनकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों को इस दवा को निःशुल्क उपलब्ध करवाएगी, इसके साथ-साथ उन्हें सभी आयुर्वेदिक दवाएं भी निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने इस दवा को डाॅक्टरों और पुलिस कर्मियों सहित अन्य कोरोना योद्धाओं को वितरित भी किया।

सचिव आयुर्वेद जी.के. श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री का स्वागत कर उन्हें आश्वस्त किया कि विभाग इस दवा को लोगों को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाएगा।

मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू, निदेशक आयुर्वेद डी.के. रतन और अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

Friday, April 24, 2020

हिमाचल को अधिक से अधिक वेंटिलेटर्ज प्रदान किये जाएं

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने किया केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से आग्रह
मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये स्वास्थ्य और परिवार भलाई के केन्द्रीय मंत्री डा. हर्ष वर्धन के साथ भेंट की (शुक्रवार 24 अप्रैल 2020)
शिमला: 24 अप्रैल 2020: (मीडिया लिंक//देवभूमि स्क्रीन):: 
कोविड-19 अर्थात कोरोना के साथ चल रही विश्व जंग में भारत का राज्य हिमाचल प्रदेश भी पूरी तीव्रता से डटा हुआ है। जगह जगह इस मुद्दे को लेकर कई तरह के कदम उठाये जा रहे हैं। आज मुख्य मंत्री श्री जय राम ठाकुर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये स्वास्थ्य और परिवार भलाई से सबंधित केंद्रीय मंत्री डा. हर्ष वर्धन के साथ भी विशेष भेंट की। इस वीडियो मीटिंग के दौरान जिन जिन मुद्दों पर बात हुई उनमें कोरोना के साथ लड़ी जा रही जंग का मुद्दा भी शामिल रहा। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्रालय से राज्य को तुरंत अधिक से अधिक वेंटिलेटर्ज प्रदान करने का आग्रह किया। 
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डाॅ. हर्ष वर्धन के साथ बैठक करते हुए उन्हें प्रदेश में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावी रूप से निपटने के लिए उठाए जा रहे विभिन्न कदमों के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के छह जिलों में कोविड-19 का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अभी तक 8847 लोगांे को निगरानी में रखा गया है, जिनमें से 5637 लोगों ने 28 दिन की अनिवार्य निगरानी अवधि को पूरा कर लिया है तथा 3210 व्यक्ति अभी भी निगरानी में है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गत वीरवार तक कोरोना संक्रमण के लिए 3994 लोगों की जांच की गई है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि अभी तक 40 सैंपल पाॅजिटिव पाए गए हैं, जिनमें से 18 व्यक्ति नेगेटिव पाए जाने के बाद स्वस्थ होकर घर चले गए हैं। इसके अतिरिक्त चार लोग प्रदेश से बाहर उपचाराधीन हैं एवं एक व्यक्ति का देहांत हो चुका है। उन्होंने कहा कि शेष 17 व्यक्ति प्रदेश के अस्पतालों में उपचाराधीन है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कफ्र्यू लगाया गया है, ताकि लोग अनावश्यक रूप से बाजारों में न जाएं। लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस के हाॅटस्पाॅट सील कर दिए गए हैं, ताकि संक्रमण आगे न फैल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के 183 स्वास्थ्य संस्थानों में लगभग 9200 क्वारन्टीन बिस्तरों की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट तथा मास्क उपलब्ध है। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश को अधिक वेंटिलेटर्ज प्रदान करने का आग्रह किया।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में चार अस्पतालों में कोविड-19 के संेपल की जांच की जा रही है, जिनमें आईजीएमसी शिमला, डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय मेडिकल काॅलेज टांडा, आईएचबीटी पालमपुर कांगड़ा तथा जिला सोलन के केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में कोविड-19 के लिए पांच अस्पतालों को अधिसूचित किया है, जिनमें 300 बिस्तरों की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि इन अस्पतालों में जिला मण्डी का श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय मेडिकल काॅलेज नेरचैक, जिला सोलन के काठा बद्दी का ईएसआई अस्पताल, जिला हमीरपुर के भोटा का चैरिटेबल अस्पताल, जिला सिरमौर के सराहां का नागरिक अस्पताल तथा जिला कांगड़ा के ज्वालामुखी का अग्रवाल अस्पताल शामिल है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में आरंभ एक्टिव केस फाइन्डिंग अभियान के तहत 70 लाख से अधिक लोगों को कवर किया गया है तथा इनमें से लगभग 10 हजार लोगों की जांच की जा रही है, जिनमें इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के लक्षण पाए गए थे।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज तथा मुख्यमंत्री के राजनैतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल भी इस बैठक में उपस्थित थे।

Monday, January 6, 2020

मुख्यमंत्री ने किया राज्य वन विकास निगम के कैलेंडर का विमोचन

हिमाचल प्रदेश में बहुत अहम भूमिका है वन विकास निगम की 
किन्नौर: 6 जनवरी 2020: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो):: 
कैलेंडर हमारी ज़िंदगी के संचालन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।  इस लिए क्रीं सब्जी सरकारें, सभी विभाग और सभी संगठन हर वर्ष अपना अपना कैलंडर प्रकाशित करते हैं। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए हिमाचल प्रदेश के वन विकास निगम ने भी अपना कैलेंडर प्रकाशित किया है। 
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम के कैलेंडर-2020 का विमोचन किया। यह बहुत ही सुंदर छपाई में छपा है और इसमें विभाग से सबंधित बहुत सी सूचनाएं हैं। कैलंडर रिलीज़ के इस मौके पर निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।