Monday, March 29, 2021

लाहौल-स्पीति के स्नो फेस्टिवल का भव्य समापन

 मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने की अध्यक्षता 

on March 29, 2021


शिमला
: 29 मार्च 2021: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

पहाड़ों पर बर्फ गिरना अलौकिक सा नज़ारा महसूस होता है। स्वर्ग की बातें सत्य लगने लगती हैं। यूं लगता है जैसे धरती पर स्वर्ग उत्तर आया हो। लाहौल स्पीति में तो इसे देखने के लिए लोग विशेष तौर पर जाते हैं। इस बार यह महोत्स्व ७५ दिनों तक चला। 

इस में सहभागी बनते हुए मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला से वर्चुअल माध्यम द्वारा लाहौल-स्पीति जिले के स्नो फेस्टिवल के समापन समारोह को विशेष सम्बोधन भी किया। इस मौके पर संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 75 दिनों तक चला यह महोत्सव इस जनजातीय जिला की समृद्ध एवं विविध सांस्कृतिक परंपराओं व पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। 

उन्होंने कहा कि अटल टनल ने विकास के नए रास्ते खोले हैं और वर्ष भर सम्पर्क सुविधा सुनिश्चित की है। इस टनल से पर्यटन विकास को भी बहुत बढ़ावा मिला है क्योंकि इसके माध्यम से यह मनमोहक और खूबसूरत घाटी विश्व भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनी है। इससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि इस ज़िले के लोगों की अर्थव्यवस्था में भी बदलाव आएगा। इसे सुन कर लोगों में प्रसन्नता की गई। लोग बेहद खुश हुए। 

तेज़ी से हो रहे विकास का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अटल टनल और पर्यटन धीरे-धीरे पर्याय बनते जा रहे है, यहां प्रतिदिन 5000 से अधिक पर्यटक वाहन लाहौल घाटी की ओर जाने के लिए इस टनल को पार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को बेहतरीन बुनियादी ढांचा उपलब्ध करवाने के लिए कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ताकि वे घाटी में आराम से रह सकें। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से  विलुप्त होती जा रही कुछ परम्पराओं को पुनर्जीवित करने और दुनिया के सामने प्रदर्शित करने में मदद मिली है। इससे विश्व भर के पर्यटक घाटी में भ्रमण के लिए प्रेरित होंगे और उन्हें जनजातीय संस्कृति और वेशभूषा की झलक देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि टनल को राष्ट्र को समर्पित करने से पहले यहां केवल 71 होम स्टे थे और आज पर्यटकों की जरूरतों के लिए 450 से अधिक होम स्टे उपलब्ध हैं।

इन बदलावों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने कहा कि स्नो फेस्टिवल में विविधता लाने के प्रयास किए जाने चाहिए ताकि विश्व को कुछ विशेष और नया प्रदर्शित किया जा सके। उन्होंने कहा कि अटल टनल को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद आयोजित इस कार्यक्रम के बारे में वह प्रधानमंत्री को व्यक्तिगत रूप से अवगत कराएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही लाहौल स्पीति जिले में पर्यटन के प्रभावी विपणन के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्री के समक्ष एक ठोस प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी और इस आयोजन के जीआई टैगिंग सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि घाटी में सी बकथोर्न की खेती को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। इससे न केवल किसानों की अर्थव्यवस्था बल्कि क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। निश्चय ही इसका फायदा पूरे देश को भी होगा। 

इस मौके पर अन्य प्रमुख लोग भी मौजूद रहे। जनजातीय विकास, तकनीकी शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डा. राम लाल मारकंडा जी ने लाहौल-स्पीति जिले के विकास में गहरी रुचि के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने गत तीन वर्षों के दौरान कई बार जिले का दौरा किया है। उन्होंने कहा कि इस पूर्ण आयोजन का दस्तावेज तैयार किया जाएगा और उम्मीद जताई कि यह जनजातीय जिले की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को पुनर्जीवित करने में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में लोगों ने प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित की है और इसका आयोजन क्षेत्र के लोगों के योगदान से किया गया है। उन्होंने कहा कि होम स्टे चलाने वाले लोगों को प्रभावी प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे पर्यटकों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकें। उन्होंने राज्य के इस जिले के लिए एसी टू डीसी का पद पुनः बहाल करने करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जीओ के 18 और एयरटेल के तीन टावरों ने बेहतर संचार सुविधा सुनिश्चित की है। उन्होंने राज्य के जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए पर्याप्त बजट प्रावधान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री का सुस्वागतम भी गर्मजोशी से हुआ। उपायुक्त लाहौल-स्पीति पंकज राय ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि इस महोत्सव ने 75 दिनों तक मनाए जाने वाले दुनिया के सबसे लंबे महोत्सव का गौरव हासिल किया है। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव इस जनजातीय जिले की विभिन्न घाटियों के बीच संस्कृति के आदान-प्रदान में अहम भूमिका अदा करेगा। उन्होंने इस महोत्सव के दौरान आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में एक प्रस्तुति भी दी। इस महोत्सव में पर्यटकों को आकर्षित करने और उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए फुड फेस्टिवल का आयोजन भी किया गया। होम स्टे और हस्तकला पर कार्यशालाएं आयोजित की गई और इसे धूमधाम से मनाने के लिए सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की गई। उन्होंने कहा कि इससे पर्यटन, शीतकालीन और संबद्ध खेलों तथा आइस हाॅकी, स्कीइंग एवं स्नो क्राफ्ट को भी बढ़ावा मिलेगा। सदस्य टीएसी पुष्पा शर्मा ने कहा कि यह स्नो फेस्टिवल लाहौल-स्पीति क्षेत्र में पर्यटन विकास को और बढ़ावा प्रदान करेगा। इस महोत्सव से स्थानीय प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने के लिए एक उपयुक्त मंच भी प्राप्त हुआ है। प्रधान ग्राम पंचायत सिसु सुमन ठाकुर, केलांग महिला मंडल की अध्यक्षा छेरिंग डोलमा और पूर्व उपाध्यक्ष जिला परिषद रिग्जिन हरिप्पा ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। प्रधान सचिव जाजातीय विकास ओंकार शर्मा और मुख्यमंत्री के सलाहकार डा. आर.एन. बत्ता मुख्यमंत्री के साथ शिमला और जिला के वरिष्ठ अधिकारी केलांग में कार्यक्रम में उपस्थित थे।


Sunday, March 28, 2021

श्रीमती शालिनी अग्निहोत्री और श्री मोहित चावला को दी मुख्यमंत्री ने बधाई

दोनों का नाम 50 लोकप्रिय पुलिस कप्तानों में शामिल 


शिमला
: 30 मार्च 2021: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

डयूटी को पूरी ज़िम्मेदारी से निभाना, अनुशासन का ध्यान रखना और इसके साथ ही साथ लोकप्रियता भी पा लेना आसान नहीं होता लेकिन हिमाचल के दो पुलिस अधिकारीयों ने यह कर दिखाया। मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने इन सफल पुलिस अधिकारीयों को बधाई दी है। 

उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि यह हर्ष का विषय है कि फेम इंडिया मैगजीन-एशिया पोस्ट सर्वे के "50 लोकप्रिय पुलिस कप्तान  2021" में चयनित हुए प्रमुख नामों में पुलिस अधीक्षक मंडी, श्रीमती शालिनी अग्निहोत्री जी और पुलिस अधीक्षक शिमला, श्री मोहित चावला जी का नाम भी शामिल है। दोनों पुलिस अधिकारियों को हार्दिक बधाई।

इस सर्वे में अन्य  राज्यों के ज़िलों से लिए गए लोकप्रिय पुलिस कप्तानों के नाम भी शामिल हैं। फेम इंडिया के मुताबिक संपादकीय प्रमुख यू.एस. सोंथालिया ने बताया कि सकारात्मक मीडिया होने के नाते फेम इंडिया ने हर वर्ष की तरह ही इस बार भी जिला स्तर पर सुरक्षा, शांति और जनता में कानून के प्रति विश्वास जगाने में अपनी बेहतर भूमिका निभा रहे पुलिस कप्तानों को श्रेय और सम्मान देने का निर्णय किया है। वर्तमान में देश भर में करीब 700 से अधिक  जिला पुलिस कप्तानों  में सिर्फ 50 लोकप्रिय पुलिस कप्तानों को चुनना एक बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था। इस चुनौती ओके स्वीकार किया फेम इण्डिया की टीम ने। 

इस तरह सर्वप्रथम  फेम इंडिया मैगजीन और एशिया पोस्ट सर्वे ने विभिन्न स्रोतों, ग्राउंड सर्वे  के आधार पर टॉप 200 जिला पुलिस कप्तानों (एसपी, एसएसपी, जिला पुलिस कमिश्नर आदि) को  चयनित किया, जिसमें निम्नांकित 12 मापदंडों-क्राईम कंट्रोल, लॉ एंड आर्डर में सुधार, पीपुल्स फ्रेंडली, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, सजगता, व्यवहार कुशलता आदि पर  देश भर के विभिन्न क्षेत्रों के प्रबुद्ध लोगों की राय, ग्राउंड और मीडिया रिपोर्ट को भी आधार बनाया गया। ये 200 जिला पुलिस कप्तान अपनी उत्कृष्टता के कारण देश भर में विशिष्ट स्थान रखते हैं। इन सभी अधिकारियों को 50 कैटेगरियों में बांटा गया फिर उन में से 50 लोकप्रिय पुलिस कप्तानों को अलग-अलग कैटगरी की सूची में पब्लिश किया गया। इस तरह यह नकारत्मक  अनूठा प्रयोग भी हुआ। 

Monday, March 22, 2021

हिमाचल में जल शक्ति उपमंडलों में बनेंगे जल संरक्षण ढांचे

 On March 22, 2021

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने जल दिवस के मौके पर की घोषणा

जल की गुणवत्ता जांचने और जल स्त्रोतों की सफाई के लिए चलाए जाएंगे विशेष अभियान


शिमला: 22 मार्च 2021: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

विश्व जल दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने आज नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल शक्ति अभियान कैच द रेन का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह अभियान ‘‘कैच द रेन, व्हेयर इट फॉल्स, वेन इट फॉल्स’’ विषय के अंतर्गत देश के सभी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में चलाया जाएगा। अभियान को 22 मार्च, 2021 से 30 नवम्बर, 2021 तक चलाया जाएगा। इस जन अभियान के अंतर्गत जन सहभागिता सुनिश्चित कर उन्हें जल संग्रहण के लिए प्रेरित किया जाएगा।

जल नमूनों की प्रयोगशाला में की जाएगी जांच

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने जिला मंडी के सराज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जंजैहली के निकट कुठाह मैदान में आयोजित राज्यस्तरीय जल दिवस की अध्यक्षता की। उन्होंने प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर राज्य के सभी जल शक्ति उपमंडलों में वर्षा जल संग्रहण और जल संरक्षण के लिए कम से कम एक जल संरक्षण ढांचे के निर्माण की घोषणा की। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने यह निर्णय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जल संरक्षण और वर्षा जल संग्रहण के संकल्प को पूरा करने के उद्देश्य से लिया है। उन्होंने प्रदेश के निर्वाचित प्रतिनिधियों से जल संरक्षण और वर्षा जल संग्रहण की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया। प्रदेश में जल की गुणवत्ता जांचने के लिए जून माह के पहले पखवाड़े में एक विशेष अभियान चलाया जाएगा जिसके अंतर्गत गांवों, स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों के जल के नमूनों की जांच प्रयोगशाला में की जाएगी।

जल स्त्रोतों को संवारने के लिए चलाया जाएगा विशेष अभियान

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक सभी जल स्त्रोतों की सफाई के लिए अभियान चलाया जाएगा जिसका उद्देश्य जल गुणवत्ता और जल संरक्षण को एक जन अभियान बनाना है। जल शक्ति विभाग द्वारा 25 जनवरी, 2021 जल गुणवत्ता और संरक्षण के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जो 24 जनवरी, 2022 तक जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी 3615 पंचायतों में विशेष ग्राम सभाएं आयोजित कर गांवों के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी और गांव जल व सफाई समितियां गठित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने जब सत्ता संभाली थी, उस समय शिमला शहर जल की गंभीर समस्या से जूझ रहा था। सरकार ने शिमला शहर के लिए 80 करोड़ रुपये की जल आपूर्ति योजना के निर्माण का निर्णय लिया जिसे एक वर्ष के भीतर पूरा कर लिया गया।

उत्कृष्ट कार्यों के लिए स्व. रामस्वरूप शर्मा जी को सदैव किया जाएगा स्मरण

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि प्रदेश और विशेषकर मंडी के लोग स्वर्गीय रामस्वरूप शर्मा जी को याद रखेंगे जिन्होंने सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान क्षेत्र के लोगों की विकासात्मक मांगों और आकांक्षाओं को सदैव महत्व दिया। उन्होंने वर्तमान प्रदेश सरकार को भरपूर सहयोग प्रदान करने के लिए क्षेत्र के लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र के लोगों की उदारता है कि भाजपा ने हाल ही में हुए सभी चुनावों और उप-चुनावों में जीत दर्ज की है। प्रदेश सरकार जंजैहली को राज्य के एक महत्वपूर्ण पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

एचपी वाटर बिल्ज मोबाईल ऐप का शुभारंभ

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के लोगों के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। प्रदेश सरकार ने 65 से 69 आयु वर्ग की सभी वृद्ध महिलाओं को 1000 रुपये वृद्धावस्था पेंशन देने का निर्णय लिया है। गरीब परिवारोें की बेटियों के विवाह के समय 31 हजार शगुन प्रदान करने के लिए शगुन योजना की शुरूआत की गई है। मुख्यमंत्री जी ने इस दौरान राज्य जल शक्ति विभाग के एचपी वाटर बिल्ज मोबाईल ऐप का भी शुभारम्भ किया जिसके माध्यम से लोग अपने फोन से पानी के बिलों का भुगतान कर सकेंगे। यह ऐप राज्य एनआईसी द्वारा विकसित की गई है और उपभोक्ताओं को डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और यूपीआई इत्यादि के माध्यम से बिल का भुगतान करने में सहायक सिद्ध होगी। यह ऐप 1 मई, 2021 से प्रदेश के लगभग 13.5 लाख उपभोक्ताओं को सुविधा प्रदान करेगी। उन्होंने इस अवसर पर लोगों को जल संरक्षण के लिए जल शपथ भी दिलाई। इस अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन्होंने जल संरक्षण से संबंधित विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों और उपभोक्ताओं के साथ भी बातचीत की।

करोड़ों की लागत वाले विकास कार्यों के किए शुभारंभ

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने जल शक्ति विभाग द्वारा आयोजित चित्रकला और नारा लेखन के विजेताओं को पुरस्कार वितरित तथा पंचायतों की महिला प्रतिनिधियों को जल परीक्षण किट वितरित किए। मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर स्थानीय एनजीओ की ‘‘सराजी टी’’ भी लांच की। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने 2.78 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित लोक निर्माण विभाग सिराज के कार्यकारी अभियन्ता के कार्यालय भवन और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जंजैहली में 2.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित विज्ञान खण्ड का लोकार्पण किया। उन्होंने 4.22 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित जंजैहली बस अड्डे का शिलान्यास भी किया। इस असवर पर मण्डी संसदीय क्षेत्र के सांसद स्व. राम स्वरूप जी के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया।

प्रदेशवासियों के लिए वरदान सिद्ध हुआ जल जीवन मिशन

जल शक्ति मंत्री श्री महेन्द्र सिंह ठाकुर जी ने कहा कि जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करने के लिए विश्वभर में विश्व जल दिवस मनाया जा रहा है। जल संरक्षण और वर्षा जल संग्रहण सुनिश्चित करना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार हिमाचल का संतुलित और समग्र विकास सुनिश्चित बना रही है। आमतौर पर यह परंपरा रही है कि राजनीतिक दल अपनी सरकार के कार्यकाल के आखिर में विकास में तेजी लाते थे लेकिन श्री जयराम ठाकुर जी ने अपने कार्यकाल के पहले दिन से ही विकास को प्राथमिकता प्रदान की। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन राज्य के लोगों के लिए वरदान सिद्ध हुआ है और राज्य सरकार ने इस मिशन में प्रगति की है। जल शक्ति विभाग के सचिव श्री विकास लाबरू ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

Sunday, March 21, 2021

आपातकाल के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने वालों को किया सम्मानित

 Sunday: 21st March 2021

मुख्यमंत्री ने ऐसे लोगों को लोकतंत्र प्रहरियों के तौर पर दिया सम्मान 

आपातकाल में नरेंद्र मोदी और डा. सुब्रमण्यम स्वामी ने सिख वेश में अज्ञातवास रह कर संघर्ष किया उस वक़्त की तस्वीर भी इस कोलाज में शामिल है अन्य  लोकतंत्र प्रहरियों  का दृश्य 

शिमला: 21 मार्च 2021: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

आपातकाल का दौर एक ऐसा समय था जिसे अभी तक भूलाया नहीं जा सका। कलम पर सीधी पाबंदी थी जो नज़र भी आती थी। हर अख़बार को पूरी तरह जांच और दिखाने के बाद ही प्रकाशित किया जा सकता था। ऐसे में रोष स्वरूप अख़बारों ने सेंसर की गई जगह को खाली छोड़ देने का सिलसिला भी शुरू किया। खाली जगहों पर लिख दिया जाता था सेंसर की भेंट। बाद में सरकार ने अख़बार संचालकों को ऐसा करने से भी मना कर दिया। इस तरह की बहुत सी बंदिशों से देश का जनमानस गुस्से से भरता चला गया। परिणाम स्वरूप श्रीमति इंदिरा गाँधी को चुनावों में पराजय का मुँह देखना पड़ा। आपातकाल के दौर में सबसे बड़ा मोर्चा श्री दरबार साहिब अमृतसर से लगा जहां से हर रोज़ अकाली कार्यकर्ताओं का जत्था अरदास करता। जत्थे के सभी सदस्यों के गले में सम्मान स्वरूप हार डाले जाते और यह जत्था जैकारे लगाते हुए गरिफ्तारी देने निकलता था। गरिफ्तारियों का यह सिलसिला आपातकाल का समापन होने तक चला अर्थात 19 महीनों तक। सिख संगठनों का आरोप भी रहा कि जून-84 में ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार और नवंबर-84 में सिखों का हत्याकांड जैसे कांग्रेस के एक्शन वास्तव में आपातकाल के खिलाफ लगे मोर्चे की खुंदक को ले कर सिख समुदाय से अपना गुस्सा निकालने वाले कदम ही थे। आपातकाल के खिलाफ चले मोर्चों में भाग लेने वालों को सम्मानित करने और आर्थिक मदद देने जैसे कदम पहले भी उठाए जाते रहे हैं लेकिन अब हिमाचल प्रदेश में इसे और वैधता प्रदान की गई है। 

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने कहा कि आपातकाल स्वतंत्र भारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिन लोगों ने आपातकाल के खिलाफ आवाज उठाई और कड़ा संघर्ष किया उन्हें हमेशा याद रखा जाना चाहिए। यह बात आज मुख्यमंत्री ने आपातकाल के दौरान जेल गए व्यक्तियों द्वारा दिए गए योगदान को सम्मान देने के लिए राज्य सरकार द्वारा आयोजित लोकतंत्र प्रहरी सम्मान समारोह में कही। उन्होंने कहा कि आम तौर पर लोग कठिन समय को भूल जाते हैं लेकिन आपातकाल के समय को कभी नहीं भूलना चाहिए क्योंकि इस दौर से बहुत कुछ सीखने को मिला है। उन्होंने कहा कि आपातकाल हमारे इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और युवाओं और भावी पीढ़ी को इससे परिचित होना चाहिए।

आपातकाल की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जिन लोगों को आपातकाल के दौरान जेलों में बन्द किया गया था उन्हें सम्मानित करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि 20 मार्च, 2021 को राज्य सरकार ने हिमाचल विधानसभा में हिमाचल प्रदेश लोकतंत्र प्रहरी बिल-2021 पास किया है। उन्होंने कहा कि इससे अब आपातकाल के दौरान राज्य के जो लोग जेल में गए थे उन्हें सम्मान राशि मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि 25 जून, 1975 की आधी रात को आपातकाल लगाया गया था जो 21 मार्च, 1977 तक 21 माह तक रहा। हर व्यक्ति अपना-अपना कार्य कर रहा था और हालात सामान्य थे। कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में थी और आपातकाल लगाने की कोई आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने कहा किसी ने भी इसके बारे में सोचा नहीं था।  

उन्होंने इसका इतिहास भी बताया। मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इन्दिरा गांधी ने रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और भारी अन्तर से जीती, जिसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इन्दिरा गांधी को चुनावी भ्रष्टाचार का दोषी पाया और रायबरेली लोकसभा क्षेत्र के चुनावी निर्णय को खारिज कर दिया और छः साल के लिए निर्वाचित पद पर रहने की रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि इन्दिरा गांधी सत्ता छोड़ने के लिए तैयार नहीं थीं इसलिए आपातकाल लगाया गया था। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान सरकार ने आम लोगों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित कर दिया था और कोई भी व्यक्ति सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकता था। बहुत से निर्दोष लोगों को बिना किसी कारण के जेल में डाल दिया गया। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों और अन्य मीडिया माध्यमों पर सेंसरशिप लगा दी गई थी।

आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को लोकतंत्र के प्रहरी कह क्र भी नवाजा गया है। मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि इस घटना को 45 वर्ष बीत गए हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 25 जनवरी, 2021 को राज्य ने भी अपने पूर्ण राज्यत्व के 50 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं और पूर्ण राज्यत्व की स्वर्ण जयंती को यादगार बनाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में 51 कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को हिमाचल प्रदेश की पिछले 50 वर्षों की विकास यात्रा के बारे में जागरूक करना है। राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में अत्यधिक प्रगति और विकास किया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 81 लोकतंत्र प्रहरियों में से 66 लोकतंत्र प्रहरियों को सम्मानित किया हालांकि देश भर में इनकी संख्या बहुत बड़ी होगी। 

अन्य वक्ताओं ने भी उस वक़्त को याद दिलाया। लोकतंत्र प्रहरी समिति के अध्यक्ष एवं शहरी विकास मंत्री श्री सुरेश भारद्वाज जी ने आपातकाल को याद करते हुए कहा कि आपातकाल का समय लोकतंत्र के इतिहास में एक काला अध्याय है। उन्होंने आपातकाल की सम्पूर्ण पृष्ठ भूमि को उजागर किया और उस  दौरान संघ व उससे सम्बन्धित विभिन्न संगठनों द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी। लोकतंत्र प्रहरी समिति के सदस्य श्री प्रवीण शर्मा जी ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री व अन्य गणमान्यों का स्वागत किया। उन्होंने आपातकाल के दौरान जेल में बिताए गए अपने कठिन दिनों के अनुभव को भी सांझा किया। राष्ट्रीय गौरव समिति के सचिव श्री सुभाष जी ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे और आपातकाल के दौरान के अपने अनुभवों को सांझा किया। इस अवसर पर आपातकाल पर बनाए गए एक वृतचित्र को भी दिखाया गया।

लोकतंत्र प्रहरियों की सूची

जिला बिलासपुर

1.श्री नारायण सिंह स्वामी

गांव लंजता, तहसील घुमारवी, जिला बिलासपुर

2.श्री जय कुमार

रौड़ा सैक्टर, बिलासपुर, जिला बिलासपुर

3. स्व.श्री राजेन्द्र कुमार हांडा

रौड़ा सैक्टर, बिलासपुर, जिला बिलासपुर

4. श्री अच्छर सिंह

गांव पनोल, जिला बिलासपुर

5.श्री नरोतम दत्त शास्त्री

बिलासपुर, जिला बिलासपुर

जिला: चम्बा

1.श्री लखीणू

गांव मुकलैली, जिला चम्बा

2.श्री नोरध

गांव समैला, जिला चम्बा

3.श्री भानू

गांव बडैेटा, जिला चम्बा

4.श्री साहवणू

गांव वनोटू, जिला चम्बा

5.श्री जोतू राम

गांव बडैटा, जिला चम्बा

6.श्री देवदत्त

गांव हरिपुर, जिला चम्बा

7.श्री देश राज

गांव सरोल, जिला चम्बा

8.श्री नरेश चन्द मेहता

चम्बा, जिला चम्बा

9.स्व. श्री जय राम

गांव प्रेच्छा, जिला चम्बा

10.स्व. श्री हरू

गांव रजिण्डू, जिला चम्बा

11.स्व. श्री चन्दू

गांव रजिण्डू, जिला चम्बा

12.स्व. श्री सरवण कुमार

गांव टपर, जिला चम्बा

13.श्री सुदेश राज

चम्बा, जिला चम्बा

14.श्री शिवकर्ण

गांव मडोलू, जिला चम्बा

15.श्री जूमी

गांव खल्ला, जिला चम्बा

16.स्व. श्री टिभलू

गांव खल्ला, जिला चम्बा

17.स्व. श्री धर्म पाल

गांव परेल, जिला चम्बा

जिलाः हमीरपुर

1.स्व. श्री सुदर्शन जैन

नादौन, जिला हमीरपुर

2.श्री मुलक राज धीमान

गांव खोहर, जिला हमीरपुर

जिलाः कांगड़ा

1.श्री शांता कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री

पालमपुर, जिला कांगड़ा

2.श्री सुनील मनोचा

धर्मशाला, जिला कांगड़ा

3.श्री अशोक कुमार

गांव अन्द्राणा, जिला कांगड़ा

4.श्री स्वराज कुमार बाली

पालमपुर, जिला कांगड़ा

5.स्व. श्री गुलशन कुमार

पालमपुर, जिला कांगड़ा

6.स्व. श्री मोहिन्द्र सिंह

गांव जण्डपुर, जिला कांगड़ा

7.श्री बलवीर सिंह राणा

गांव लखवाल, जिला कांगड़ा

8.श्री रोशन लाल धीमान

गांव दाड़ी, जिला कांगड़ा

9.श्री गोपी चन्द अग्रवाल

कांगड़ा, जिला कांगड़ा

10.स्व. कुलदीप सचदेवा

कांगड़ा, जिला कांगड़ा

11.श्री केदार नाथ बस्सी

कांगड़ा, जिला कांगड़ा

12.श्री नरेन्द्र नाथ

नगरोटा-बगवां, जिला कांगड़ा

13.श्री कमल किशोर

शाहपुर, जिला कांगड़ा

14.श्री राजेन्द्र अग्रवाल

धर्मशाला, जिला कांगड़ा

15.श्री राकेश भारती

शाहपुर, जिला कांगड़ा

16.वसन्त कुमार सूद

धर्मशाला, जिला कांगड़ा

जिलाः कुल्लू

1.स्व. चन्द्रसेन ठाकुर

गांव दशाल, जिला कुल्लू

2.श्री सुरेन्द्र खन्ना

गांव शमशी, जिला कुल्लू

3.श्री लाल चन्द

पुरानी मनाली, जिला कुल्लू

4.श्री टाम्बर सिंह

गांव जटेहड़, जिला कुल्लू

5.श्री शेर सिंह

गांव गजां, जिला कुल्लू

6.श्री जगदेव सिंह

गांव कन्याल, जिला कुल्लू

7.श्री होतम राम

गांव दशाल, जिला कुल्लू

8.श्री गोकल चन्द

गांव गोशाल, जिला कुल्लू

9.श्री लुदर चन्द ठाकुर

गांव छियाल, जिला कुल्लू

10.स्व. श्री मनी राम

गांव वडागों, जिला कुल्लू

11.स्व. श्री फूंचोग

गांव पनंगा, जिला कुल्लू

जिलाः मण्डी

1.श्री मुनेन्द्र पाल

गांव संथल, जिला मण्डी

2.श्री पूर्ण प्रकाश

मण्डी, जिला मण्डी

3.श्री हेमन्त राज वैद्य

मण्डी, जिला मण्डी

4.श्री रमेश बन्टा

जोगिन्द्रनगर, जिला मण्डी

5.स्व. श्री रोशन लाल बाली

सुन्दरनगर, जिला मण्डी

6.स्व. श्री देवकीनन्दन

मण्डी, जिला मण्डी

7.स्व. श्री गंगा सिंह ठाकुर

गांव चैक, जिला मण्डी

8.श्री बलबीर कुमार शर्मा

गांव तल्याहड़, जिला मण्डी

9.स्व. श्री पुष्पराज वैद्य

मण्डी, जिला मण्डी

जिलाः शिमला

1.श्री सुरेश भारद्वाज, माननीय शहरी विकास मंत्री हि.प्र.

गांव भमनोली, जिला शिमला

2.श्री राधा रमण शास्त्री

गांव गोटारी, जिला शिमला

3.स्व. श्री मदन गोपाल

शिमला, जिला शिमला

4.श्री भारत भूषण वैद

शिमला, जिला शिमला

5.श्री केशव श्रीधर

शिमला, जिला शिमला

6.आचार्य प्रियतोष उर्फ प्रियतोषानन्द अवधूत

शिमला, जिला शिमला

7.स्व. श्री मेघ राज शर्मा

गांव मल्याणा, जिला शिमला

8.स्व. श्री दौलत राम चैहान

शिमला, जिला शिमला

जिलाः सिरमौर

1.श्री कन्हैया लाल

गुन्नूघाट, जिला सिरमौर

2.स्व. जगत सिंह नेगी

शिलाई, जिला सिरमौर

जिलाः सोलन

1.श्री महेन्द्र नाथ सोफत

गांव आंजी, जिला सोलन

2.श्री आशनारायण सिंह

गांव शिल्ली, जिला सोलन

3.श्री राजेश कपूर

सपरून, जिला सोलन

4.श्री निहाल चन्द

सोलन, जिला सोलन

जिलाः ऊना

1.श्री प्रवीण शर्मा

अम्ब, जिला ऊना

2.श्री विजय सिंह

गांव लोअर वढेडा, जिला ऊना

3.श्री प्रेम चन्द हीर

गांव कलोह, जिला ऊना

4.स्व. श्री रक्षपाल सिंह

गांव लालसिंगी, जिला ऊना

अन्य राज्य

1.श्री कृष्ण चन्द आहूजा

ग्रेटर मोहाली, पंजाब

2.श्री प्रेम कुमार

पश्चिम विहार, नई दिल्ली

3.स्व. श्री बिशम्बर दत्त

होशियारपुर, पंजाब 

इस सूचि में पंजाब के केवल दो नाम शामिल किया गए हैं जबकि आपातकाल के खिलाफ लड़ने के मामले में भी पंजाब के लोग बहुत बड़ी संख्या में थे। देखना है उनके सम्मान की बात कब की जाती है और कौन करता है। 


पोस्ट स्क्रिप्ट: उन दिनों जनाब दुष्यंत कुमार की शायरी बहुत तेज़ी से लोकप्रिय होने लगी थी। उनकी शायरी में एक शेयर जो उन दिनों बहुत गुनगुनाया गया। आम बोलचाल में  पर भी इसका उल्लेख अक्सर होता था। वह शेयर था: 

अब तो इस तालाब का पानी बदल दो 

ये कँवल के फूल कुम्हलाने लगे हैं 

आपको यह पोस्ट कैसी लगी अवश्य बताएं। आपके विचारों की इंतज़ार भी रहेगी। 

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