Sunday: 21st March 2021
मुख्यमंत्री ने ऐसे लोगों को लोकतंत्र प्रहरियों के तौर पर दिया सम्मान
आपातकाल में नरेंद्र मोदी और डा. सुब्रमण्यम स्वामी ने सिख वेश में अज्ञातवास रह कर संघर्ष किया उस वक़्त की तस्वीर भी इस कोलाज में शामिल है अन्य लोकतंत्र प्रहरियों का दृश्य |
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने कहा कि आपातकाल स्वतंत्र भारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिन लोगों ने आपातकाल के खिलाफ आवाज उठाई और कड़ा संघर्ष किया उन्हें हमेशा याद रखा जाना चाहिए। यह बात आज मुख्यमंत्री ने आपातकाल के दौरान जेल गए व्यक्तियों द्वारा दिए गए योगदान को सम्मान देने के लिए राज्य सरकार द्वारा आयोजित लोकतंत्र प्रहरी सम्मान समारोह में कही। उन्होंने कहा कि आम तौर पर लोग कठिन समय को भूल जाते हैं लेकिन आपातकाल के समय को कभी नहीं भूलना चाहिए क्योंकि इस दौर से बहुत कुछ सीखने को मिला है। उन्होंने कहा कि आपातकाल हमारे इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और युवाओं और भावी पीढ़ी को इससे परिचित होना चाहिए।
आपातकाल की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जिन लोगों को आपातकाल के दौरान जेलों में बन्द किया गया था उन्हें सम्मानित करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि 20 मार्च, 2021 को राज्य सरकार ने हिमाचल विधानसभा में हिमाचल प्रदेश लोकतंत्र प्रहरी बिल-2021 पास किया है। उन्होंने कहा कि इससे अब आपातकाल के दौरान राज्य के जो लोग जेल में गए थे उन्हें सम्मान राशि मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि 25 जून, 1975 की आधी रात को आपातकाल लगाया गया था जो 21 मार्च, 1977 तक 21 माह तक रहा। हर व्यक्ति अपना-अपना कार्य कर रहा था और हालात सामान्य थे। कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में थी और आपातकाल लगाने की कोई आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने कहा किसी ने भी इसके बारे में सोचा नहीं था।
उन्होंने इसका इतिहास भी बताया। मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इन्दिरा गांधी ने रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और भारी अन्तर से जीती, जिसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इन्दिरा गांधी को चुनावी भ्रष्टाचार का दोषी पाया और रायबरेली लोकसभा क्षेत्र के चुनावी निर्णय को खारिज कर दिया और छः साल के लिए निर्वाचित पद पर रहने की रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि इन्दिरा गांधी सत्ता छोड़ने के लिए तैयार नहीं थीं इसलिए आपातकाल लगाया गया था। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान सरकार ने आम लोगों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित कर दिया था और कोई भी व्यक्ति सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकता था। बहुत से निर्दोष लोगों को बिना किसी कारण के जेल में डाल दिया गया। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों और अन्य मीडिया माध्यमों पर सेंसरशिप लगा दी गई थी।
आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को लोकतंत्र के प्रहरी कह क्र भी नवाजा गया है। मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि इस घटना को 45 वर्ष बीत गए हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 25 जनवरी, 2021 को राज्य ने भी अपने पूर्ण राज्यत्व के 50 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं और पूर्ण राज्यत्व की स्वर्ण जयंती को यादगार बनाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में 51 कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को हिमाचल प्रदेश की पिछले 50 वर्षों की विकास यात्रा के बारे में जागरूक करना है। राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में अत्यधिक प्रगति और विकास किया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 81 लोकतंत्र प्रहरियों में से 66 लोकतंत्र प्रहरियों को सम्मानित किया हालांकि देश भर में इनकी संख्या बहुत बड़ी होगी।
अन्य वक्ताओं ने भी उस वक़्त को याद दिलाया। लोकतंत्र प्रहरी समिति के अध्यक्ष एवं शहरी विकास मंत्री श्री सुरेश भारद्वाज जी ने आपातकाल को याद करते हुए कहा कि आपातकाल का समय लोकतंत्र के इतिहास में एक काला अध्याय है। उन्होंने आपातकाल की सम्पूर्ण पृष्ठ भूमि को उजागर किया और उस दौरान संघ व उससे सम्बन्धित विभिन्न संगठनों द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी। लोकतंत्र प्रहरी समिति के सदस्य श्री प्रवीण शर्मा जी ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री व अन्य गणमान्यों का स्वागत किया। उन्होंने आपातकाल के दौरान जेल में बिताए गए अपने कठिन दिनों के अनुभव को भी सांझा किया। राष्ट्रीय गौरव समिति के सचिव श्री सुभाष जी ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे और आपातकाल के दौरान के अपने अनुभवों को सांझा किया। इस अवसर पर आपातकाल पर बनाए गए एक वृतचित्र को भी दिखाया गया।
लोकतंत्र प्रहरियों की सूची
जिला बिलासपुर
1.श्री नारायण सिंह स्वामी
गांव लंजता, तहसील घुमारवी, जिला बिलासपुर
2.श्री जय कुमार
रौड़ा सैक्टर, बिलासपुर, जिला बिलासपुर
3. स्व.श्री राजेन्द्र कुमार हांडा
रौड़ा सैक्टर, बिलासपुर, जिला बिलासपुर
4. श्री अच्छर सिंह
गांव पनोल, जिला बिलासपुर
5.श्री नरोतम दत्त शास्त्री
बिलासपुर, जिला बिलासपुर
जिला: चम्बा
1.श्री लखीणू
गांव मुकलैली, जिला चम्बा
2.श्री नोरध
गांव समैला, जिला चम्बा
3.श्री भानू
गांव बडैेटा, जिला चम्बा
4.श्री साहवणू
गांव वनोटू, जिला चम्बा
5.श्री जोतू राम
गांव बडैटा, जिला चम्बा
6.श्री देवदत्त
गांव हरिपुर, जिला चम्बा
7.श्री देश राज
गांव सरोल, जिला चम्बा
8.श्री नरेश चन्द मेहता
चम्बा, जिला चम्बा
9.स्व. श्री जय राम
गांव प्रेच्छा, जिला चम्बा
10.स्व. श्री हरू
गांव रजिण्डू, जिला चम्बा
11.स्व. श्री चन्दू
गांव रजिण्डू, जिला चम्बा
12.स्व. श्री सरवण कुमार
गांव टपर, जिला चम्बा
13.श्री सुदेश राज
चम्बा, जिला चम्बा
14.श्री शिवकर्ण
गांव मडोलू, जिला चम्बा
15.श्री जूमी
गांव खल्ला, जिला चम्बा
16.स्व. श्री टिभलू
गांव खल्ला, जिला चम्बा
17.स्व. श्री धर्म पाल
गांव परेल, जिला चम्बा
जिलाः हमीरपुर
1.स्व. श्री सुदर्शन जैन
नादौन, जिला हमीरपुर
2.श्री मुलक राज धीमान
गांव खोहर, जिला हमीरपुर
जिलाः कांगड़ा
1.श्री शांता कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री
पालमपुर, जिला कांगड़ा
2.श्री सुनील मनोचा
धर्मशाला, जिला कांगड़ा
3.श्री अशोक कुमार
गांव अन्द्राणा, जिला कांगड़ा
4.श्री स्वराज कुमार बाली
पालमपुर, जिला कांगड़ा
5.स्व. श्री गुलशन कुमार
पालमपुर, जिला कांगड़ा
6.स्व. श्री मोहिन्द्र सिंह
गांव जण्डपुर, जिला कांगड़ा
7.श्री बलवीर सिंह राणा
गांव लखवाल, जिला कांगड़ा
8.श्री रोशन लाल धीमान
गांव दाड़ी, जिला कांगड़ा
9.श्री गोपी चन्द अग्रवाल
कांगड़ा, जिला कांगड़ा
10.स्व. कुलदीप सचदेवा
कांगड़ा, जिला कांगड़ा
11.श्री केदार नाथ बस्सी
कांगड़ा, जिला कांगड़ा
12.श्री नरेन्द्र नाथ
नगरोटा-बगवां, जिला कांगड़ा
13.श्री कमल किशोर
शाहपुर, जिला कांगड़ा
14.श्री राजेन्द्र अग्रवाल
धर्मशाला, जिला कांगड़ा
15.श्री राकेश भारती
शाहपुर, जिला कांगड़ा
16.वसन्त कुमार सूद
धर्मशाला, जिला कांगड़ा
जिलाः कुल्लू
1.स्व. चन्द्रसेन ठाकुर
गांव दशाल, जिला कुल्लू
2.श्री सुरेन्द्र खन्ना
गांव शमशी, जिला कुल्लू
3.श्री लाल चन्द
पुरानी मनाली, जिला कुल्लू
4.श्री टाम्बर सिंह
गांव जटेहड़, जिला कुल्लू
5.श्री शेर सिंह
गांव गजां, जिला कुल्लू
6.श्री जगदेव सिंह
गांव कन्याल, जिला कुल्लू
7.श्री होतम राम
गांव दशाल, जिला कुल्लू
8.श्री गोकल चन्द
गांव गोशाल, जिला कुल्लू
9.श्री लुदर चन्द ठाकुर
गांव छियाल, जिला कुल्लू
10.स्व. श्री मनी राम
गांव वडागों, जिला कुल्लू
11.स्व. श्री फूंचोग
गांव पनंगा, जिला कुल्लू
जिलाः मण्डी
1.श्री मुनेन्द्र पाल
गांव संथल, जिला मण्डी
2.श्री पूर्ण प्रकाश
मण्डी, जिला मण्डी
3.श्री हेमन्त राज वैद्य
मण्डी, जिला मण्डी
4.श्री रमेश बन्टा
जोगिन्द्रनगर, जिला मण्डी
5.स्व. श्री रोशन लाल बाली
सुन्दरनगर, जिला मण्डी
6.स्व. श्री देवकीनन्दन
मण्डी, जिला मण्डी
7.स्व. श्री गंगा सिंह ठाकुर
गांव चैक, जिला मण्डी
8.श्री बलबीर कुमार शर्मा
गांव तल्याहड़, जिला मण्डी
9.स्व. श्री पुष्पराज वैद्य
मण्डी, जिला मण्डी
जिलाः शिमला
1.श्री सुरेश भारद्वाज, माननीय शहरी विकास मंत्री हि.प्र.
गांव भमनोली, जिला शिमला
2.श्री राधा रमण शास्त्री
गांव गोटारी, जिला शिमला
3.स्व. श्री मदन गोपाल
शिमला, जिला शिमला
4.श्री भारत भूषण वैद
शिमला, जिला शिमला
5.श्री केशव श्रीधर
शिमला, जिला शिमला
6.आचार्य प्रियतोष उर्फ प्रियतोषानन्द अवधूत
शिमला, जिला शिमला
7.स्व. श्री मेघ राज शर्मा
गांव मल्याणा, जिला शिमला
8.स्व. श्री दौलत राम चैहान
शिमला, जिला शिमला
जिलाः सिरमौर
1.श्री कन्हैया लाल
गुन्नूघाट, जिला सिरमौर
2.स्व. जगत सिंह नेगी
शिलाई, जिला सिरमौर
जिलाः सोलन
1.श्री महेन्द्र नाथ सोफत
गांव आंजी, जिला सोलन
2.श्री आशनारायण सिंह
गांव शिल्ली, जिला सोलन
3.श्री राजेश कपूर
सपरून, जिला सोलन
4.श्री निहाल चन्द
सोलन, जिला सोलन
जिलाः ऊना
1.श्री प्रवीण शर्मा
अम्ब, जिला ऊना
2.श्री विजय सिंह
गांव लोअर वढेडा, जिला ऊना
3.श्री प्रेम चन्द हीर
गांव कलोह, जिला ऊना
4.स्व. श्री रक्षपाल सिंह
गांव लालसिंगी, जिला ऊना
अन्य राज्य
1.श्री कृष्ण चन्द आहूजा
ग्रेटर मोहाली, पंजाब
2.श्री प्रेम कुमार
पश्चिम विहार, नई दिल्ली
3.स्व. श्री बिशम्बर दत्त
होशियारपुर, पंजाब
इस सूचि में पंजाब के केवल दो नाम शामिल किया गए हैं जबकि आपातकाल के खिलाफ लड़ने के मामले में भी पंजाब के लोग बहुत बड़ी संख्या में थे। देखना है उनके सम्मान की बात कब की जाती है और कौन करता है।
अब तो इस तालाब का पानी बदल दो
ये कँवल के फूल कुम्हलाने लगे हैं
आपको यह पोस्ट कैसी लगी अवश्य बताएं। आपके विचारों की इंतज़ार भी रहेगी।
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