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Tuesday, July 12, 2022

राज्यपाल ने जनरल जे.जे. सिंह द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन किया

12th July 2022 at 7:46 PM

 पुस्तक का नाम है मैकमोहन लाईनः ए सेंचरी ऑफ डिस्कॉर्ड 

शिमला:12 जुलाई 2022: (देवभूमि स्क्रीन डेस्क)::

हिमाचल की प्राकृतिक सुंदरता और पहाड़ी लोगों की विनम्रता उसे देवभूमि बनाती हैं। दिव्यता का अहसास कराती है। इस सब के साथ साथ वहां के जनजीवन में साहित्य, ज्ञान और मौजूदा समस्यायों पर कलम की बातें भी जारी रहती हैं। हर क्षेत्र से सबंधित पुस्तकों का प्रकाशन और विमोचन होता रहता है। इस सिलसिले में कभी कोई लम्बा अंतराल या विराम नहीं आता। आज भी राजभवन शिमला में पुस्तक का विमोचन हुआ।राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज यहां जनरल जे.जे. सिंह (सेवानिवृत्त) द्वारा लिखित पुस्तक मैकमोहन लाईनः ए सेंचरी ऑफ डिस्कॉर्ड का विमोचन किया। जनरल जे.जे. सिंह अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और पूर्व चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ रहे हैं। यह पुस्तक सेना में कार्यकाल के दौरान भारत चीन सीमा विवाद पर उनके अनुभवों व शोध पर आधारित है।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि इस किताब से हमें निश्चित रूप से नया ज्ञान व अनुभव प्राप्त होगा। सामरिक दृष्टि से हमारा दृष्टिकोण क्या होना चाहिए और इसके लिए हमें किस तरह की तैयारियां करनी चाहिए, जनरल जे.जे. सिंह ने अपने अनुभवों, शोध एवं व्यवहारिक ज्ञान के आधार पर यह जानकारी पुस्तक के माध्यम से दी है, जो कि बहुत लाभदायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि हमारा देश हर तरह की समस्या के समाधान के लिए पूरी तरह सक्षम और तैयार है, परन्तु यह पुस्तक हमें अपने इतिहास को जानने और समझने का अवसर प्रदान करती है। इसके लिए जनरल जे.जे. सिंह की सराहना के पात्र हैं।
राज्यपाल ने कहा कि लोग मैकमोहन रेखा के बारे में बहुत कम जानते हैं। जनरल जे.जे. सिंह ने इस विषय पर अपने ज्ञान को बखूबी प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच बातचीत के माध्यम से ही समाधान निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि बातचीत के माध्यम से समाधान ही भारत के इतिहास का अभिन्न अंग रहा है। शांति हमारे समृद्ध इतिहास का अभिन्न अंग है। हम इस तरह की समस्याओं का शांतिप्रिय समाधान चाहते हैं। लेकिन अगर कोई हम पर आक्रमण करता है तो हम उसका जवाब देने में भी सक्षम हैं।  
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि जनरल जे.जे. सिंह ने इस संवेदनशील विषय पर पुस्तक की रचना की है। इस पुस्तक में मैकमोहन रेखा क्षेत्र से सम्बन्धित राजनीति, इतिहास और भूगोल पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस पुस्तक में उन अनेक तथ्यों को उजागर किया है, जो कूटनीतिक आधार पर चल रही बातचीत के दृष्टिगत महत्वपूर्ण हैं।
राज्यपाल ने कहा कि यह पुस्तक पाठकों के लिए रूचिकर सिद्ध होगी और समस्या के समाधान का रास्ता दिखाएगी। 
जनरल जे.जे. सिंह ने बताया कि यह पुस्तक भारत चीन विवाद पर उनके छह वर्षों के गहन अध्ययन और शोध पर आधारित है। उन्होंने इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी भी प्रदान की। यह उनके द्वारा लिखित द्वितीय पुस्तक है।इस अवसर पर मैकमोहन रेखा पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रस्तुत की गई। 
इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल प्रदीप बाली ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

Sunday, November 28, 2021

स्वस्थ जीवन के लिए जीवनशैली में बदलाव आवश्यकः राज्यपाल

28th November 2021 at 2:10 PM

आरोग्य भारती संस्था के प्रांत अधिवेशन में शामिल हुए राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर


शिमला
: 28 नवम्बर 2021: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए आज जीवनशैली में बदलाव आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में बहुत से गंभीर रोग जीवन शैली की विकृति के कारण हो रहे हैं, जिनसे सही जीवनशैली व खान-पान के जरिए ही बचा जा सकता है। यह बात राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज ऊना में आयोजित आरोग्य भारती संस्था के प्रांत अधिवेशन में कही।

इस विषय पर बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पाए जाने वाले औषधीय पौधों का दस्तावेजीकरण आवश्यक है, ताकि लोगों को उन औषधीय पौधों के उपयोग के बारे में जानकारी मिल सके और यह ज्ञान घर-घर तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि बच्चों के ज्ञानवर्धन के लिए स्कूलों में औषधीय पौधों की वाटिकाओं का निर्माण होना चाहिए, जिससे आने वाली पीढ़ी भी इन सेे अवगत हो सके। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने ऐसे अनेक पौधे प्रदान किए हैं, जिनकी उपचार में उपयोगिता होती है। औषधीय पौधों की वाटिकाओं से आने वाली पीढ़ी को इन पौधों के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी। इन सभी कार्यों से आयुर्वेद तथा औषधीय पौधों के प्रति समाज के नजरिये में बदलाव आएगा।

आरोग्य भारती के कार्यों की सराहना करते हुए राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उम्मीद जताई की संस्था के प्रांत अधिवेशन में मनुष्य की दीर्घ आयु के साथ-साथ स्वस्थ जीवन पर सकारात्मक चर्चा होगी, जिसके निष्कर्ष समाज को लाभान्वित करेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ बने इसके लिए भी सभी को प्रयास करने चाहिए क्योंकि यह देश के भविष्य का सवाल है तथा देश का भविष्य वर्तमान पर निर्भर करता है।

स्वस्थ जीवन शैली की बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बीमारी के इलाज से अधिक बचाव पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद लोगों में आयुर्वेद व योग के प्रति रूचि बढ़ी है।

कार्यक्रम में आरोग्य भारती संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. राकेश पंडित ने आरोग्य भारती संस्था के कार्यों की जानकारी प्रस्तुत करते हुए कहा कि मनुष्य के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को बेहतर बनाना ही आरोग्य भारती के गठन का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद, एलोपेथी, होम्योपेथी जैसी सभी चिकित्सा पद्धतियों को एक साथ लाकर एक नई चिकित्सा प्रणाली शुरू करने की आवश्यकता है, ताकि मनुष्य को आवश्यकतानुसार उपचार प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस दिशा में आगे बढ़कर काम कर रही है। केंद्र सरकार वर्ष 2030 तक नीति आयोग के माध्यम से नया हेल्थकेयर सिस्टम लाने के लिए प्रयास कर रही है, जिस पर बढ़-चढ़ कर कार्य किया जा रहा है।

इससे पूर्व आरोग्य भारती अध्यक्ष ऊना डाॅ. रितेश सोनी ने राज्यपाल का कार्यक्रम में स्वागत किया। प्रांत अधिवेशन में विभिन्न चिकित्सा पद्धति पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम की शुरुआत राज्यपाल ने अग्निहोत्र यज्ञ के साथ की।

इस अवसर पर राज्यपाल ने पपरोला आयुर्वेदिक काॅलेज की प्रोफेसर डाॅ. सोनी कपिल की किताब आयुर्वेद प्रसूति तंत्र का विमोचन भी किया।

छठे राज्य वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, अतिरिक्त उपायुक्त डाॅ. अमित कुमार शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

Thursday, August 26, 2021

राज्यपाल ने समदोह में सेना के जवानों के साथ बातचीत की

 26th August 2021 at 4:47 PM

लेडी गवर्नर ने भी देश भक्ति गीत गाकर सैनिकों का मनोबल बढ़ाया


शिमला
: 26 अगस्त  2021: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र समदोह में आज चहलपहल सी महसूस होती थी। जैसे पूरा पर्यावरण ही गा रहा हो। हर्षोल्लास था। हर कण हर दिशा में उत्साह सा था। यहां उत्साह और जोश का समावेश जैसा माहौल था। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर का आज लाहौल-स्पीति जिले के दो दिवसीय दौरे पर समदोह सेना हैलीपेड पहुंचने पर सैन्य अधिकारियों ने स्वागत किया। गौरतलब है कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र का यह उनका पहला दौरा है। इस दौरे से सेना के जवान बहुत उत्साहित दिखे। 

अपने इस यादगारी दौरे पर उन्होंने कहा कि आर्मी क्षेत्र में उनके दौरे का मुख्य उद्देश्य हिमाचल के सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को गोवा की छात्राओं द्वारा भेजी गई राखी पहुंचाना है। लेडी गवर्नर अनघा आर्लेकर भी इस अवसर पर उनके साथ थीं। इस तरह राखी का बंधन सेना के इन जवानों के राज्यपाल के परिवार का भी भावनात्मक बंधन साबित हुआ। 

अपनी भावनाओं को उन्होंने व्यक्त भी किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि वह सौभाग्यशाली हैं कि वह सैनिकों को राखी बांधकर वीर जवानों के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले वह गोवा में रक्षा बन्धन के अवसर पर राखियां एकत्रित कर सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को भेजते थे। राज्यपाल के रूप में इस बार उन्हें यहां आने का अवसर प्राप्त हुआ है। इस तरह इस पावन त्यौहार के पावन जज़्बात और इस पावन बंधन का उद्देश्य भी एक हुए। 

सैनिकों के कठिन जीवन की चर्चा इस अवसर पर भी हुई। राज्यपाल ने कहा कि हमें अपने जवानों पर गर्व है जो विपरीत परिस्थितियों में भी ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में तैनात रहकर दुश्मनों से दिन-रात हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वीर सैनिकों के प्रति हम प्यार और स्नेह को इस प्रकार व्यक्त कर सकते हैं जिससे हमारी आने वाली पीढि़यों में भी देश भक्ति की भावना जागृत हो। इस तरह यह त्यौहार और भी ययादगारी बन पाया। 

राज्यपाल ने इस अवसर पर सैनिकों से बातचीत कर अपने अनुभवों को भी साझा किया। इस अवसर पर लेडी गवर्नर ने भी देश भक्ति गीत गाकर सैनिकों का मनोबल बढ़ाया। यह बहुत ही यादगारी बन पड़ा। गीत गायन से तो भावनाओं को पंख ही लग गए। 

इसके पश्चात् राज्यपाल ने समदोह हैलीपेड से लेपचा चैकी का दौरा किया और वहां भारत-तिब्बत सीमा पुलिस कर्मियों के साथ बातचीत की।