Friday, October 31, 2025

सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर विशेष व्याख्यान

 शिक्षा मंत्रालय//Azadi Ka Amrit Mahotsav//प्रविष्टि तिथि: 31 OCT 2025 at 5:41PM by PIB Shimla

याद दिलाई गई सरदार पटेल की दृढ़ता और खूबियां 

शिमला31 अक्टूबर 2025: (पीआईबी//देवभूमि स्क्रीन डेस्क)::

भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, राष्ट्रपति निवास, शिमला में आज सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ. मुक्तिकांत मोहंती, फेलो, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान ने “सरदार पटेल और राष्ट्रीय एकता का विचार (Sardar Patel and the Idea of National Integration)” विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का व्यक्तित्व भारत की राजनीतिक एकता, प्रशासनिक निष्ठा और राष्ट्रीय दृढ़ता का सर्वोत्तम प्रतीक है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश की 562 रियासतों को एक सूत्र में बाँधना उनकी दूरदर्शिता और संगठनात्मक कौशल का अनुपम उदाहरण था।

“पटेल ने केवल भूगोल का नहीं, बल्कि भारत के आत्मा का एकीकरण किया — उन्होंने ‘राष्ट्र’ को प्रशासनिक ढाँचे के रूप में नहीं, बल्कि नैतिक एकता के रूप में परिभाषित किया,” डॉ. मोहंती ने कहा।

सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर एस. रंगनाथ द्वारा की गई, जिन्होंने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि सरदार पटेल भारतीय प्रशासनिक परंपरा के ऐसे स्तंभ हैं जिनके विचार आज भी सुशासन, नैतिकता और एकता के लिए दिशासूचक हैं।


इस अवसर पर राष्ट्रीय एकता की शपथ भी ली गई।  कार्यक्रमों में संस्थान के फेलो, टैगोर फेलो, अध्येता, अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। 



(रिलीज़ आईडी: 2184737)

Tuesday, October 7, 2025

अतीत का बहुत कुछ याद दिलाते हैं डाक और डाकिया

संचार मंत्रालय//Aazadi Ka Amrit Mahotsav//प्रविष्टि तिथि: 07 October 2025 at 12:56 PM by PIB Shimla

हिमाचल प्रदेश में भी राष्ट्रीय डाक सप्ताह का आयोजन


शिमला:07 अक्टूबर 2025: (PIB शिमला//कार्तिका कल्याणी सिंह//देवभूमि स्क्रीन डेस्क)::

दूरियां वास्तव में जितनी हुआ करती थीं महसूस उससे ज़्यादा हुआ करती थी। दशकों पहले यात्रा आसान नहीं होती थी। सफर की सुविधाएं भी बेहद पिछड़ी हुई हुई हुआ करती थी। इन कठिनाईओं को पहाड़ी क्षेत्र हिमाचल के लोगों से अधिक और कौन समझ सकता है। बहुत मुश्किल था मिलना मिलान और आना जाना। उस समय भी चिट्ठी के मिलने को आधा मिलन माना जाता था।  डाकिया जब आता  इंतज़ार हो रहा होता। उसकी मुश्किलों का अंदाजा किसी को हो या न हो लेकिन उस हाथ या झोले में थमें पत्रों की इंतज़ार सभी को रहती। इन पत्रों में खुश खबरियां भी होतीं और गम की खबरें भी। किसी दैवी आत्मा की तरह छवि बनी होती थे डाकिये की। सत्ता में डाकिया ही एक ऐसा सरकारी मुलज़म हुआ करता जिसे इलाके के घर घर परिवार का पूरा पता हुआ करता। उस की ज़िम्मेदारी और गवाही को महत्वपूर्ण माना जाता था। 

इस दौरान एक बहुत अच्छी फिल्म भी आई थी। इस फिल्म का नाम था पलकों की छांव में और यह फिल्म रिलीज़ हुई थी सन  1977 में। इसमें एक गीत भी था जो लोकप्रिय भी बहुत हुआ। इस गीत के बोल थे:

डाकिया डाक लाया

डाकिया डाक लाया

डाकिया डाक लाया

डाकिया डाक लाया

डाक लाया

डाक लाया

ख़ुशी का पयाम कहीं--

कही दर्दनाक लाया

डाकिया डाक लाया

ज़िंदगी के ख़ास यादगारी पलों की दास्तान डाक और डाकिये से जुडी रहती। इस गीत को पूरा पढ़ें या सुनें तो आपको ज़िंदगी के कितने ही सच इस गीत के साथ जुड़े मिलेंगे। 

इसी तरह एक गीत लोकप्रिय हुआ था:

चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आयी है

चिट्ठी है वतन से चिट्ठी आयी है

बड़े दिनों के बाद

हम बेवतनो को याद

बड़े दिनों के बाद

हम बेवतनो

को याद वतन की मिटटी आई है

चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आयी है

ऊपर मेरा नाम लिखा है

अंदर ये पैगाम लिखा है

ओ परदेस को जाने वाले

लौट के फिर न आने वाले

सात समुंदर पार गया तू

हमको ज़िदा मार गया तू

खून के रिश्ते तोड़ गया तू

आँख में आंसू छोड़ गया तू

कम खाते है कम सोते है

बहुत ज़्यादा हम रोते है चिट्ठी आयी है

यह सब याद आया राष्ट्रीय डाक सप्ताह के आयोजन को देख कर।  गौरतलब है कि भारतीय डाक विभाग की तरफ से 6 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक राष्ट्रीय डाक सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान हिमाचल प्रदेश डाक परिमंडल में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। हम इस पोस्ट के ज़रिये अगर डाक सिस्टम और डाकिये के तकलीफों  तरफ  ध्यान दिला सकें तो हमारी कोशिश सफल होगी। 

भारतीय डाक विभाग विभाग द्वारा कल 6 अक्टूबर को प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया जबकि आज 7 अक्टूबर को वित्तीय समावेशन दिवस मनाया जा रहा है। इसी तरह कल 8 अक्टूबर को डाक टिकट संग्रह और नागरिक केंद्रित सेवाएं, 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस और 10 अक्टूबर को ग्राहक दिवस के रूप में मनाया जाएगा। 

राष्ट्रीय डाक सप्ताह के दौरान डाक सेवाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार के कार्य एवं राजस्व अर्जन की वृद्धि पर जोर दिया जाएगा। इन प्रयासों के साथ ही डाक विभाग की पुराणी शान भी बहाल होगी। 

हिमाचल प्रदेश डाक परिमंडल अपने 2808 डाकघरों के माध्यम से पूरे प्रदेश में डाक सेवाएँ प्रदान कर रहा है। सामाजिक सुरक्षा कल्याण पेंशन के अंतर्गत प्रदेश के लगभग चार लाख पेंशन धारकों को डाकघर के माध्यम से हर तिमाही में पेंशन वितरित की जा रही है। इस तरह डाक विभाग का नेटवर्क अभी भी बहुत बड़ा है। 

हिमाचल प्रदेश के सभी डाकघरों में वर्तमान में लगभग 61.40 लाख विभिन्न प्रकार के बचत खाते हैं। इसके साथ ही डाक विभाग के नए उपक्रम इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के पास हिमाचल प्रदेश में लगभग 8 लाख खाते खुल चुके हैं। वैसे दुसरे राज्यों में इन खातों की संख्या बाहय बढ़ रही है। 

बीमा के क्षेत्र में भी डाक विभाग पीछे नहीं है।  भाग  हिमाचल प्रदेश में इस समय डाक जीवन बीमा की 1.45 लाख पॉलिसियाँ हैं जबकि ग्रामीण डाक जीवन बीमा की 3.42 लाख पॉलिसियाँ चल रही हैं। डाक बांटने के अपने परंपरागत कार्य के साथ साथ हिमाचल प्रदेश डाक परिमंडल अपने 6 डाकघरों में डाक पासपोर्ट सेवा केंद्र, 250 डाकघरों में आधार सेंटर एवं सभी डाकघरों में कॉमन सेवा केन्द्रों के माध्यम से प्रदेश की जनता को अपनी सेवाएँ दे रहा है। लोगों में इसकी लोकप्रियता भी बढ़ रही है। 

अब कुछ चर्चा इस अयिजन के इतिहास ओर भी डालें! गौरतलब है कि सन 1874 ई. में स्विट्जलैंड की राजधानी बर्न में स्थापित 'यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की वर्षगांठ तिथि 9 अक्टूबर को प्रतिवर्ष विश्व डाक दिवस के रूप में मनाया जाता है। सन 1969 में टोक्यो, जापान में हुई यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन कांग्रेस में इस दिन को विश्व डाक दिवस घोषित करने का निर्णय लिया गया था।

तब से लेकर डाक और डाक विभाग का संदेश इंटरनेट के युग में तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। चिठ्ठी की इंतज़ार गली मोहल्लों में भी रहती है और कंप्यूटर नेट व्रज पर भी, मोबाईल पर भी। 


(रिलीज़ आईडी: 2175697) 

Thursday, October 2, 2025

नेता प्रतिपक्ष ने महात्मा गांधी और शास्त्री जयंती पर किया नमन

पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर// 2nd Oct 2025 at 4:45 PM

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने याद दिलाए गाँधी जी और शास्त्री के आदर्श 


शिमला
: 2 अक्टूबर 2025: (मीडिया लिंक रविंदर//देवभूमि स्क्रीन)::
पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आज रिज मैदान जाकर महात्मा गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए नमन किया। साथी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्म तिथि उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जी द्वारा दिखाया गया सत्य अहिंसा का मार्ग ही चिर शांति और और विकास का मार्ग है। पूर्व प्रधानमंत्री के नारे जय जवान जय किसान ने देश को एक नई ऊर्जा और आत्मनिर्भरता की तरफ प्रेरित किया था। उन्हीं के दिखाए मार्ग पर आगे बढ़ते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जय विज्ञान और जय अनुसंधान को न सिर्फ शास्त्री जी के नारे के साथ जोड़ा बल्कि उसी को  ध्येय बनाकर संपूर्ण आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। 

क़ानून व्यवस्था ध्वस्त, प्रदेश की छवि धूमिल कर रही सरकार का निकम्मापन

पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर// 2nd Oct 2025 at 4:45 PM

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार को अड़े हाथों लिया 
*रोहड़ू, ऊना, कुल्लू, बंजार, चंबा, शिमला समेत हर जगह से आ रही वीभत्स ख़बरें, सरकार मौन
*पुलिस प्रशासन बीजेपी के कार्यकर्ताओं और नेताओं की निगरानी में लगा
*प्रदेश में अपराध और अपराधी का बोलबाला, प्रदेश का कोई कोना नहीं सुरक्षित
*जो घटनाएँ हो रही हैं उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती

शिमला: 2 अक्टूबर 2025: (मीडिया लिंक रविंद्र/ /देवभूमि स्क्रीन)::
शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुख की सरकार में अपराधी इतने बेलगाम हो गए हैं कि वह प्रदेश की छवि को धूमिल कर रहे हैं। प्रदेश के कोने-कोने से लेकर राजधानी में जो घटनाएं घट रही हैं, वह बताती हैं कि प्रदेश में कोई सुरक्षित नहीं हैं। न तो बच्चे और युवा न ही बुजुर्ग महिलाएं कोई भी सुरक्षित नहीं है। लोग न अपने परिवार में सुरक्षित हैं और न ही बाजार में। प्रशासनिक अधिकारी भी महिलाओं से दुष्कर्म के मामले में फरारी काट रहे हैं। यह प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण हैं। ऐसी घटनाएं इसलिए घट रही हैं क्योंकि पुलिस अपने राजनैतिक आकाओं को खुश करने का टूल बन कर रह गई हैं। सिर्फ भाजपा के नेताओं और पदाधिकारियों की जासूसी और निगरानी में व्यस्त हैं और प्रदेश के लोगों की जान पर बन आई है। सरकार के निकम्मेपन की कीमत प्रदेशवासियों को चुकानी पड़ रही है।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले कुछ दिनों की ख़बरों की कुछ हेडलाइन पर नज़र डालें तो पढ़कर भी डर लगने लगा है। हजारों हेडलाइन्स हैं। ऊना में गर्भवती युवती की अधजली लाश मिली, भतीजे ने चाचा का गला काटा। उप प्रधान की गाला रेतकर बेरहमी से हत्या की। शिमला के संजौली में नाबालिग से छेड़छाड़, विरोध करने पर पीड़िता और माँ को जान से मारने की धमकी। चंबा के चुवाड़ी के 63 वर्षीय महिला का मिला शव, हैवानियत के बाद की हत्या। नेशनल खिलाड़ी के साथ एसडीएम ने किया बलात्कार, एसडीएम पर महिला ने लगाए यौन शोषण के आरोप। आठ दिन से फरार एसडीएम। रेप के आरोपी एसडीएम तक नहीं पहुंची पुलिस। बंजार में गैंगरेप के बाद हुई थी महिला की हत्या, एक महीनें तक घटना को छुपाती रही पुलिस। गग्गी हत्याकांड में इंटर नेशनल साज़िश,हत्या के अंडर वर्ल्ड से जुड़ रहे तार। रोहड़ू में प्रताड़ना से बच्चे ने खाया जहर, बिलासपुर में घर में चल रही थी शादी की तैयारी-संदिग्ध हालत में मिला शव। चंबा में शिकार खेलने गए युवक की हत्या। शिक्षक ने किया नाबालिग के साथ गलत व्यवहार। शिमला से अगवा हुए तीन छात्र। जगह कम पड़ जाएगी, कहते-कहते दिल भर जाएगा। डर लगने लगेगा लेकिन यह सिलसिला खत्म नहीं होगा। अवैध खनन और वन कटान पर तो सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का कोई ढंग से जवाब ही सरकार को नहीं सूझ रहा है। नशे से जान गवां रहे युवाओं का सही आंकड़ा तक सरकार के पास नहीं हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि दु:ख इस बात का है कि सरकार इस पूरे मामले में मौन हैं। संरक्षण दे रही है। हिमाचल की पुलिस चर्चा में अंतिम बार तब आई थी, जब एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत की जांच को सीबीआई को न सौंपने के लिए सिर के बल खड़ी हो गई थी। डीजीपी, एसपी, एजी, सीएस, सबने एक दूसरे के दामन पर कीचड़ उछाले। अनुशासन के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हिमाचल पुलिस और प्रदेश की खूब किरकिरी हुई। दशकों में हासिल की गई साख मिट्टी में मिल गईं लेकिन सरकार ने ऐसी चुप्पी साधी जैसे सरकार की पूंछ इन अधिकारियों के पैर के नीचे दबी हो। अनुशासन हीनता की सीमाएं लांघी गई। कोर्ट ने भी सवाल उठाया लेकिन मुख्यमंत्री एक चुप हज़ार चुप। जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिन्होंने ग़लत के ख़िलाफ़ आवाज उठाई, उन्हें ही दंडित किया गया। डीजीपी द्वारा सीबीआई जाँच का समर्थन करने पर उनकी रिटायरमेंट पार्टी नहीं की गई। यह भी प्रदेश का इतिहास ही है। बाकियों को बचा लिया गया, आरोपियों को सम्मानित किया गया। यह सरकार का पुलिस प्रशासन को साफ़ संकेत दिया गया कि सरकार की प्राथमिकता क्या है? जो भी मामले ऊपर बताए गए हैं उनमें पुलिस और तंत्र की नाकामी सामने आई है। लेकिन जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सरकार की इसी चुप्पी को सत्ता का संरक्षण कहते हैं।

इस मौके पर जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि यह घटनाएँ प्रदेश में क्यों बढ़ रही हैं। इसका कारण सरकार हैं। अपराधियों के प्रति उनका सॉफ्ट कॉर्नर हैं। चंबा में तो एक नाबालिग स्टेट चाइल्ड के साथ बलात्कार हुआ, वह गर्भवती हुई तो अन्य प्रदेश में प्रसव करवा कर बच्चा बेच दिया गया और उस नाबालिग की शादी करवा दी गई। एक गुनाह को छुपाने के लिए दूसरा गुनाह होता रहा, सीएम से लेकर गांव के चौकीदार तक को यह घटना पता थी लेकिन कागज़ी कार्रवाई तब हुई। जब भाजपा विधायक ने यह मुद्दा सदन में उठाया। इतनी बड़ी घटना, जिसमें पीड़ित स्टेट चाइल्ड है, जिसका कस्टोडियन ख़ुद सीएम हैं, स्थानीय अभिभावक जिलाधीश हैं। उस बिटिया के साथ इतनी बड़ी घटना हो जाती है और सब जानते हुए आँखे मूँद कर बैठे रहते हैं? अपराध को जानते हुए चुप रहने से बड़ा कोई पाप नहीं हो सकता है। लेकिन सरकार में ऊपर से नीचे तक सबको इस अपराध की जानकारी होने के बाद भी सरकार की चुप्पी बहुत पीड़ादायक है। अधिकारियों ने सरकार की नब्ज़ पकड़ ली है। चंबा में मनोहर हत्या काण्ड सीएम का हिंदुत्व को हराने को लेकर दिया गए बयान की ही परिणति है। सरकार लोगों को कुछ देने से रही, जो लोगों के पास रह गया है वही रहने दे तो बड़ी मेहरबानी होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी कमजोरी छोड़ें और प्रदेश के लोगों की जान-माल की हिफ़ाज़त की ज़िम्मेदारी निभाएँ और ग़ैरज़िम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करें तो बेहतर रहेगा।

Sunday, August 31, 2025

लगभग 6000 मणिमहेश यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया

  बसों व टैक्सियों के माध्यम से पूरा हुआ सुरक्षित निकालने के काम  

शिमला:30 अगस्त 2025: (मीडिया लिंक रविंद्र/ /देवभूमि स्क्रीन)::

जल प्रकोप ने हिमाचल प्रदेश पर बहुत बड़े कहर बरपाए हैं। दुःख की इस कड़वी हकीकत के बावजूद एक बहुत बड़ा तथ्य यह भी है कि सत्ता, समाज और आम लोगों ने इस मुश्किल घड़ी में बहुत हिम्मत से इन सभी कठिनाईयों का सामना किया है। इसी हिम्मत के चलते बहुत से लोगों को बचाने में भी सफलता मिली है। 

लगभग 6000 मणिमहेश यात्रियों को बसों व टैक्सियों के माध्यम से सुरक्षित निकाला गया है। इस सफलता से बहुत से चिंतित घरों में राहत की लहर पहुंची है। इसके साथ ही अन्य कठिन स्थानों पर भी बहुत से प्रयास किए जा रहे हैं। इनका परिणाम भी बहुत अच्छा होगा। देवभूमि के लोगों पर देव अपनी कृपा अवश्य करेंगे। 

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आज यहां उच्च अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए जानकारी दी कि चंबा में फंसे लगभग 6 हजार यात्रियों को निजी और एचआरटीसी बसों तथा टैक्सियों के माध्यम से सुरक्षित निकालकर नूरपुर और पठानकोट भेज दिया गया है। 

उन्होंने कहा कि शुक्रवार को चंबा के कलसंुई क्षेत्र से यात्रियों को निगम की बसों के माध्यम से पठानकोट भेजा गया। शनिवार को 20 बसें चलाई गईं जिनमें 17 पठानकोट और शेष बसें कांगड़ा व देहरा भेजी गईं। चम्बा में 60 अतिरिक्त बसें तैनात की गई हैं, जिन्हें आवश्यकतानुसार उपयोग में लाया जा रहा है। 

मुख्य सचिव ने कहा कि भरमौर में लगभग 5000 जबकि चम्बा चौगान में 500 यात्री बचे हैं जो जम्मू-कश्मीर और आसपास के क्षेत्रों के निवासी हैं। इन यात्रियों को भी लंगेरा सड़क के बहाल होने पर शीघ्र ही उनके गंतव्यों के लिए रवाना कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लंगेरा सड़क को बहाल करने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। 

उन्होंने कहा कि चम्बा-भरमौर सड़क को कलसुंई और राजेरा तक बहाल कर दिया गया है। इसके अलावा, जोत सड़क को भी गेट तक यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है। 

मुख्य सचिव ने बताया कि लाहौल-स्पीति में पागल नाला को भी वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल कर दिया गया है जिसके बाद यहां से काजा की ओर भारी वाहन चलना शुरू हो गए हैं। पागल नाला खुलने के बाद अटल टनल से चार तेल टैंकरों को केलंग के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि रोहतांग दर्रे से होकर अलेओ सड़क को छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है।

निदेशक एवं विशेष सचिव आपदा प्रबन्धन डी.सी राणा ने जानकारी दी कि कुल्लू-मनाली सड़क को यातायात के लिए बहाल करने का कार्य भी युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। मनाली के लिए बांये किनारे से सड़क खोल दी गई है। बंजार के लिए सड़क व क्षेत्र में संचार सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। 

उन्होंने कहा कि रविवार से लाहौल से ट्रकों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी। 

Friday, July 25, 2025

ग्रीनिंग ऑफ एमएसएमईज़’ के तहत स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन कार्यशाला का आयोजन

 Received From AT//PR on 26th July 2025 at 1:05 PM Regarding Industrial Growth Workshop 

कार्यशाला में  बद्दी और नालागढ़ के उद्योग प्रतिनिधियों ने लिया भाग

*2500 से अधिक उद्यमों को ऊर्जा दक्षता 

*अपशिष्ट प्रबंधन और हरित वित्तपोषण  पर विशेष प्रशिक्षण की योजना

*शिमला से एक नई औद्योगिक तेज़ी की शुरुआत 


शिमला
: 25 जुलाई 2025: (कार्तिका कल्याणी सिंह/ / देवभूमि स्क्रीन डेस्क):: 

प्रयवरण को सुरक्षित रखते हुए उद्योग को विकास की राह पर तेज़ रफ्तारी देना आसान नहीं होता। इस कोशिश में बहुत सी चुनौतियां भी रहती हैं। इन चुनौतियों से निपटने और इन पर चर्चा करने के लिए एक विशेष कार्यशाला का आयोजन करवाया गया जो पूरी तरह से सफल भी रहा। 

पर्यावरण अनुकूल औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और एमएसएमई इकाइयों को टिकाऊ एवं संसाधन दक्ष बनाने की दिशा में ‘ग्रीनिंग ऑफ एमएसएमईज़’ योजना के अंतर्गत  सोलन में एक स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में सोलन जिला के बद्दी, नालागढ़ जैसे औद्योगिक क्षेत्रों के उद्यमियों और उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लेकर सक्रिय सहभागिता निभाई।

इस कार्यशाला का आयोजन फ्रॉस्ट एंड सुलिवन एवं टिंज कंसल्टेंसी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया, जिसमें प्रतिभागियों को ऊर्जा संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन, हरित वित्तपोषण, जल संरक्षण एवं पुनर्चक्रण, तथा रिसोर्स एफिशिएंसी जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने ‘रिसोर्स एफिशिएंट क्लीनर प्रोडक्शन (RECP)’ की अवधारणा को रेखांकित करते हुए बताया कि किस प्रकार एमएसएमई इकाइयां कम संसाधनों के साथ अधिक उत्पादन कर सकती हैं और साथ ही पर्यावरणीय दायित्व भी निभा सकती हैं।

‘ग्रीनिंग ऑफ एमएसएमईज़’ योजना भारत सरकार के RAMP (Raising and Accelerating MSME Performance) कार्यक्रम के तहत चलाई जा रही है, जिसे विश्व बैंक का सहयोग प्राप्त है। इसका उद्देश्य देश के एमएसएमई सेक्टर को तकनीकी और वित्तीय रूप से सशक्त बनाकर उन्हें अधिक प्रतिस्पर्धी एवं पर्यावरण हितैषी बनाना है। इस परियोजना के तहत राज्य में लगभग 1900 एमएसएमई इकाइयों को ग्रीनिंग प्रक्रिया से जोड़ा जाएगा।

कार्यशाला में प्रतिभागियों को, नेट जीरो, ईसजी, सर्कुलर   इकोनॉमी, डिकार्बनाइजेशन जैसे आधुनिक औद्योगिक अवधारणाओं से भी अवगत कराया गया। इसके अतिरिक्त, ग्रीन फाइनेंसिंग हेतु उपलब्ध योजनाओं, तकनीकी समाधान प्रदाताओं से संपर्क और डिजिटल पोर्टल के माध्यम से रियल टाइम निगरानी व्यवस्था पर भी जानकारी साझा की गई।

इसमें जानकारी दी गई कि आने वाले समय में राज्य के 2500 से अधिक उद्यमों को ऊर्जा दक्षता, अपशिष्ट प्रबंधन और हरित वित्तपोषण जैसे विषयों पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह पहल हिमाचल प्रदेश सरकार की 2026 तक राज्य को ‘ग्रीन एनर्जी स्टेट’ बनाने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है और भारत सरकार के वर्ष 2070 तक नेट ज़ीरो लक्ष्य को साकार करने में राज्य के योगदान को दर्शाती है। यह कार्यशाला न केवल ज्ञानवर्धक रही, बल्कि इसमें भाग लेने वाले उद्यमियों को अपनी इकाइयों के लिए व्यावहारिक समाधान और वित्तीय संसाधनों की दिशा में मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ। 

उद्योग विभाग के अतिरिक्त निदेशक तिलकराज शर्मा ने कहा कि ‘ग्रीनिंग ऑफ एमएसएमईज़’ केवल पर्यावरणीय पहल नहीं, बल्कि यह औद्योगिक मानसिकता में सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल पर्यावरण को संरक्षण मिलेगा, बल्कि एमएसएमई इकाइयां अधिक आत्मनिर्भर, प्रतिस्पर्धी और लाभकारी बनेंगी।

Monday, June 2, 2025

हिमाचल के युवा वन अधिकारी देवेन्द्र चौहान की पुस्तक का विमोचन

Emailed on Monday 2nd June 2025 at 7:03 PM Regarding Book Release By Chief Minister 

पुस्तक का विमोचन किया मुख्यमंत्री ने


शिमला
: 2 जून 2025: (देवभूमि स्क्रीन डेस्क)::

हिमाचल सचमुच देवभूमि की तरह ही तो है। इस पावन पवित्र स्थान के दर्शन सभी को तो नहीं होते। इस राज्य के शुद्ध जल और शुद्ध हवा के लिए अच्छे नसीबों की ज़रूरत होती है। यहाँ के प्रकृति दृश्य देखें तो इंसान देखता ही रह जाता है। जब उसके हाथ में कलम या पेंटिंग वाला बी रश हो तो एक नया जादू सा छा  जाता है। जब जानेमाने लेखक देवेंद्र सिंह चौहान यहांलाहौल स्पीति में रहे तो उनकी कलम ने बहुत कुछ रचा। उन्हीं रचनाओं का संकलन है यह पुस्तक।  

हिमाचल प्रदेश के युवा अधिकारी दवेंद्र सिंह चौहान की पुस्तक ‘ The Mountainous wilderness of Spiti a Hidden world“  का आज हमीरपुर में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने विमोचन किया।  आयोजन यादगारी रहा।  देवेन्द्र चौहान ने लाहुल स्पीती में अपने स्वाकाल के दौरान लाहुल के जीवन के हर पहलू को इस पुस्तक में समेटा है। महामहिम दलाई लामा ने इस पुस्तक की प्रशंसा करते हुए इसे एक बेहतरीन पुस्तक बताया है। 

एक बात और 326 पृष्ठों की इस पुस्तक में लाहुल स्पीती के अनेक मनमोहक चित्रों के साथ वहां के जन-जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को उकेरा गया है। स्पीती में रहने वाले पशु-पक्षियों सहित वहां की शान कहे जाने वाले बर्फानी तेंदुए तक के उल्लेखों से पुस्तक एक महत्वपूर्ण दसतावेज़ बन गयी है। यह किताब इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसका लेखक एक युवा वन अधिकारी है और इस अधिकारी ने लाहुल स्पीती के ऊंचे-ऊचे पहाड़ों तक स्वयं पहुच कर वहां की कठिनायों को खुद जिया है। देवेन्द्र सिंह चौहान हिमाचल प्रदेश के चौपाल से समब्ध रखने वाले वन अधिकारी हैं और वर्तमान में वन विभाग के पब्लिसिटी वन मंडल में कार्यरत हैं |