Tuesday, October 7, 2025

अतीत का बहुत कुछ याद दिलाते हैं डाक और डाकिया

संचार मंत्रालय//Aazadi Ka Amrit Mahotsav//प्रविष्टि तिथि: 07 October 2025 at 12:56 PM by PIB Shimla

हिमाचल प्रदेश में भी राष्ट्रीय डाक सप्ताह का आयोजन


शिमला:07 अक्टूबर 2025: (PIB शिमला//कार्तिका कल्याणी सिंह//देवभूमि स्क्रीन डेस्क)::

दूरियां वास्तव में जितनी हुआ करती थीं महसूस उससे ज़्यादा हुआ करती थी। दशकों पहले यात्रा आसान नहीं होती थी। सफर की सुविधाएं भी बेहद पिछड़ी हुई हुई हुआ करती थी। इन कठिनाईओं को पहाड़ी क्षेत्र हिमाचल के लोगों से अधिक और कौन समझ सकता है। बहुत मुश्किल था मिलना मिलान और आना जाना। उस समय भी चिट्ठी के मिलने को आधा मिलन माना जाता था।  डाकिया जब आता  इंतज़ार हो रहा होता। उसकी मुश्किलों का अंदाजा किसी को हो या न हो लेकिन उस हाथ या झोले में थमें पत्रों की इंतज़ार सभी को रहती। इन पत्रों में खुश खबरियां भी होतीं और गम की खबरें भी। किसी दैवी आत्मा की तरह छवि बनी होती थे डाकिये की। सत्ता में डाकिया ही एक ऐसा सरकारी मुलज़म हुआ करता जिसे इलाके के घर घर परिवार का पूरा पता हुआ करता। उस की ज़िम्मेदारी और गवाही को महत्वपूर्ण माना जाता था। 

इस दौरान एक बहुत अच्छी फिल्म भी आई थी। इस फिल्म का नाम था पलकों की छांव में और यह फिल्म रिलीज़ हुई थी सन  1977 में। इसमें एक गीत भी था जो लोकप्रिय भी बहुत हुआ। इस गीत के बोल थे:

डाकिया डाक लाया

डाकिया डाक लाया

डाकिया डाक लाया

डाकिया डाक लाया

डाक लाया

डाक लाया

ख़ुशी का पयाम कहीं--

कही दर्दनाक लाया

डाकिया डाक लाया

ज़िंदगी के ख़ास यादगारी पलों की दास्तान डाक और डाकिये से जुडी रहती। इस गीत को पूरा पढ़ें या सुनें तो आपको ज़िंदगी के कितने ही सच इस गीत के साथ जुड़े मिलेंगे। 

इसी तरह एक गीत लोकप्रिय हुआ था:

चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आयी है

चिट्ठी है वतन से चिट्ठी आयी है

बड़े दिनों के बाद

हम बेवतनो को याद

बड़े दिनों के बाद

हम बेवतनो

को याद वतन की मिटटी आई है

चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आयी है

ऊपर मेरा नाम लिखा है

अंदर ये पैगाम लिखा है

ओ परदेस को जाने वाले

लौट के फिर न आने वाले

सात समुंदर पार गया तू

हमको ज़िदा मार गया तू

खून के रिश्ते तोड़ गया तू

आँख में आंसू छोड़ गया तू

कम खाते है कम सोते है

बहुत ज़्यादा हम रोते है चिट्ठी आयी है

यह सब याद आया राष्ट्रीय डाक सप्ताह के आयोजन को देख कर।  गौरतलब है कि भारतीय डाक विभाग की तरफ से 6 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक राष्ट्रीय डाक सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान हिमाचल प्रदेश डाक परिमंडल में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। हम इस पोस्ट के ज़रिये अगर डाक सिस्टम और डाकिये के तकलीफों  तरफ  ध्यान दिला सकें तो हमारी कोशिश सफल होगी। 

भारतीय डाक विभाग विभाग द्वारा कल 6 अक्टूबर को प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया जबकि आज 7 अक्टूबर को वित्तीय समावेशन दिवस मनाया जा रहा है। इसी तरह कल 8 अक्टूबर को डाक टिकट संग्रह और नागरिक केंद्रित सेवाएं, 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस और 10 अक्टूबर को ग्राहक दिवस के रूप में मनाया जाएगा। 

राष्ट्रीय डाक सप्ताह के दौरान डाक सेवाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार के कार्य एवं राजस्व अर्जन की वृद्धि पर जोर दिया जाएगा। इन प्रयासों के साथ ही डाक विभाग की पुराणी शान भी बहाल होगी। 

हिमाचल प्रदेश डाक परिमंडल अपने 2808 डाकघरों के माध्यम से पूरे प्रदेश में डाक सेवाएँ प्रदान कर रहा है। सामाजिक सुरक्षा कल्याण पेंशन के अंतर्गत प्रदेश के लगभग चार लाख पेंशन धारकों को डाकघर के माध्यम से हर तिमाही में पेंशन वितरित की जा रही है। इस तरह डाक विभाग का नेटवर्क अभी भी बहुत बड़ा है। 

हिमाचल प्रदेश के सभी डाकघरों में वर्तमान में लगभग 61.40 लाख विभिन्न प्रकार के बचत खाते हैं। इसके साथ ही डाक विभाग के नए उपक्रम इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के पास हिमाचल प्रदेश में लगभग 8 लाख खाते खुल चुके हैं। वैसे दुसरे राज्यों में इन खातों की संख्या बाहय बढ़ रही है। 

बीमा के क्षेत्र में भी डाक विभाग पीछे नहीं है।  भाग  हिमाचल प्रदेश में इस समय डाक जीवन बीमा की 1.45 लाख पॉलिसियाँ हैं जबकि ग्रामीण डाक जीवन बीमा की 3.42 लाख पॉलिसियाँ चल रही हैं। डाक बांटने के अपने परंपरागत कार्य के साथ साथ हिमाचल प्रदेश डाक परिमंडल अपने 6 डाकघरों में डाक पासपोर्ट सेवा केंद्र, 250 डाकघरों में आधार सेंटर एवं सभी डाकघरों में कॉमन सेवा केन्द्रों के माध्यम से प्रदेश की जनता को अपनी सेवाएँ दे रहा है। लोगों में इसकी लोकप्रियता भी बढ़ रही है। 

अब कुछ चर्चा इस अयिजन के इतिहास ओर भी डालें! गौरतलब है कि सन 1874 ई. में स्विट्जलैंड की राजधानी बर्न में स्थापित 'यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की वर्षगांठ तिथि 9 अक्टूबर को प्रतिवर्ष विश्व डाक दिवस के रूप में मनाया जाता है। सन 1969 में टोक्यो, जापान में हुई यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन कांग्रेस में इस दिन को विश्व डाक दिवस घोषित करने का निर्णय लिया गया था।

तब से लेकर डाक और डाक विभाग का संदेश इंटरनेट के युग में तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। चिठ्ठी की इंतज़ार गली मोहल्लों में भी रहती है और कंप्यूटर नेट व्रज पर भी, मोबाईल पर भी। 


(रिलीज़ आईडी: 2175697) 

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