Thursday, October 2, 2025

क़ानून व्यवस्था ध्वस्त, प्रदेश की छवि धूमिल कर रही सरकार का निकम्मापन

पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर// 2nd Oct 2025 at 4:45 PM

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार को अड़े हाथों लिया 
*रोहड़ू, ऊना, कुल्लू, बंजार, चंबा, शिमला समेत हर जगह से आ रही वीभत्स ख़बरें, सरकार मौन
*पुलिस प्रशासन बीजेपी के कार्यकर्ताओं और नेताओं की निगरानी में लगा
*प्रदेश में अपराध और अपराधी का बोलबाला, प्रदेश का कोई कोना नहीं सुरक्षित
*जो घटनाएँ हो रही हैं उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती

शिमला: 2 अक्टूबर 2025: (मीडिया लिंक रविंद्र/ /देवभूमि स्क्रीन)::
शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुख की सरकार में अपराधी इतने बेलगाम हो गए हैं कि वह प्रदेश की छवि को धूमिल कर रहे हैं। प्रदेश के कोने-कोने से लेकर राजधानी में जो घटनाएं घट रही हैं, वह बताती हैं कि प्रदेश में कोई सुरक्षित नहीं हैं। न तो बच्चे और युवा न ही बुजुर्ग महिलाएं कोई भी सुरक्षित नहीं है। लोग न अपने परिवार में सुरक्षित हैं और न ही बाजार में। प्रशासनिक अधिकारी भी महिलाओं से दुष्कर्म के मामले में फरारी काट रहे हैं। यह प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण हैं। ऐसी घटनाएं इसलिए घट रही हैं क्योंकि पुलिस अपने राजनैतिक आकाओं को खुश करने का टूल बन कर रह गई हैं। सिर्फ भाजपा के नेताओं और पदाधिकारियों की जासूसी और निगरानी में व्यस्त हैं और प्रदेश के लोगों की जान पर बन आई है। सरकार के निकम्मेपन की कीमत प्रदेशवासियों को चुकानी पड़ रही है।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले कुछ दिनों की ख़बरों की कुछ हेडलाइन पर नज़र डालें तो पढ़कर भी डर लगने लगा है। हजारों हेडलाइन्स हैं। ऊना में गर्भवती युवती की अधजली लाश मिली, भतीजे ने चाचा का गला काटा। उप प्रधान की गाला रेतकर बेरहमी से हत्या की। शिमला के संजौली में नाबालिग से छेड़छाड़, विरोध करने पर पीड़िता और माँ को जान से मारने की धमकी। चंबा के चुवाड़ी के 63 वर्षीय महिला का मिला शव, हैवानियत के बाद की हत्या। नेशनल खिलाड़ी के साथ एसडीएम ने किया बलात्कार, एसडीएम पर महिला ने लगाए यौन शोषण के आरोप। आठ दिन से फरार एसडीएम। रेप के आरोपी एसडीएम तक नहीं पहुंची पुलिस। बंजार में गैंगरेप के बाद हुई थी महिला की हत्या, एक महीनें तक घटना को छुपाती रही पुलिस। गग्गी हत्याकांड में इंटर नेशनल साज़िश,हत्या के अंडर वर्ल्ड से जुड़ रहे तार। रोहड़ू में प्रताड़ना से बच्चे ने खाया जहर, बिलासपुर में घर में चल रही थी शादी की तैयारी-संदिग्ध हालत में मिला शव। चंबा में शिकार खेलने गए युवक की हत्या। शिक्षक ने किया नाबालिग के साथ गलत व्यवहार। शिमला से अगवा हुए तीन छात्र। जगह कम पड़ जाएगी, कहते-कहते दिल भर जाएगा। डर लगने लगेगा लेकिन यह सिलसिला खत्म नहीं होगा। अवैध खनन और वन कटान पर तो सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का कोई ढंग से जवाब ही सरकार को नहीं सूझ रहा है। नशे से जान गवां रहे युवाओं का सही आंकड़ा तक सरकार के पास नहीं हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि दु:ख इस बात का है कि सरकार इस पूरे मामले में मौन हैं। संरक्षण दे रही है। हिमाचल की पुलिस चर्चा में अंतिम बार तब आई थी, जब एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत की जांच को सीबीआई को न सौंपने के लिए सिर के बल खड़ी हो गई थी। डीजीपी, एसपी, एजी, सीएस, सबने एक दूसरे के दामन पर कीचड़ उछाले। अनुशासन के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हिमाचल पुलिस और प्रदेश की खूब किरकिरी हुई। दशकों में हासिल की गई साख मिट्टी में मिल गईं लेकिन सरकार ने ऐसी चुप्पी साधी जैसे सरकार की पूंछ इन अधिकारियों के पैर के नीचे दबी हो। अनुशासन हीनता की सीमाएं लांघी गई। कोर्ट ने भी सवाल उठाया लेकिन मुख्यमंत्री एक चुप हज़ार चुप। जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिन्होंने ग़लत के ख़िलाफ़ आवाज उठाई, उन्हें ही दंडित किया गया। डीजीपी द्वारा सीबीआई जाँच का समर्थन करने पर उनकी रिटायरमेंट पार्टी नहीं की गई। यह भी प्रदेश का इतिहास ही है। बाकियों को बचा लिया गया, आरोपियों को सम्मानित किया गया। यह सरकार का पुलिस प्रशासन को साफ़ संकेत दिया गया कि सरकार की प्राथमिकता क्या है? जो भी मामले ऊपर बताए गए हैं उनमें पुलिस और तंत्र की नाकामी सामने आई है। लेकिन जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सरकार की इसी चुप्पी को सत्ता का संरक्षण कहते हैं।

इस मौके पर जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि यह घटनाएँ प्रदेश में क्यों बढ़ रही हैं। इसका कारण सरकार हैं। अपराधियों के प्रति उनका सॉफ्ट कॉर्नर हैं। चंबा में तो एक नाबालिग स्टेट चाइल्ड के साथ बलात्कार हुआ, वह गर्भवती हुई तो अन्य प्रदेश में प्रसव करवा कर बच्चा बेच दिया गया और उस नाबालिग की शादी करवा दी गई। एक गुनाह को छुपाने के लिए दूसरा गुनाह होता रहा, सीएम से लेकर गांव के चौकीदार तक को यह घटना पता थी लेकिन कागज़ी कार्रवाई तब हुई। जब भाजपा विधायक ने यह मुद्दा सदन में उठाया। इतनी बड़ी घटना, जिसमें पीड़ित स्टेट चाइल्ड है, जिसका कस्टोडियन ख़ुद सीएम हैं, स्थानीय अभिभावक जिलाधीश हैं। उस बिटिया के साथ इतनी बड़ी घटना हो जाती है और सब जानते हुए आँखे मूँद कर बैठे रहते हैं? अपराध को जानते हुए चुप रहने से बड़ा कोई पाप नहीं हो सकता है। लेकिन सरकार में ऊपर से नीचे तक सबको इस अपराध की जानकारी होने के बाद भी सरकार की चुप्पी बहुत पीड़ादायक है। अधिकारियों ने सरकार की नब्ज़ पकड़ ली है। चंबा में मनोहर हत्या काण्ड सीएम का हिंदुत्व को हराने को लेकर दिया गए बयान की ही परिणति है। सरकार लोगों को कुछ देने से रही, जो लोगों के पास रह गया है वही रहने दे तो बड़ी मेहरबानी होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी कमजोरी छोड़ें और प्रदेश के लोगों की जान-माल की हिफ़ाज़त की ज़िम्मेदारी निभाएँ और ग़ैरज़िम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करें तो बेहतर रहेगा।

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