Monday, November 18, 2019

भारतीय संस्कृति वैज्ञानिक पहुंच पर आधारित--दलाईलामा

राज्यपाल ने धर्मशाला में दलाई लामा से भेंट की

धर्मशाला: 18 नवंबर 2019: (देवभूमि स्क्रीन ब्यूरो)::

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज धर्मशाला में दलाई लामा के तिब्बतियों के आध्यात्मिक धर्मगुरू से मुलाकात की। बैठक में दलाई लामा ने भारत की प्राचीन संस्कृति, परंपरा, गौरवशाली इतिहास, विशेष रूप से हिमाचली लोगों से उनकी सुविधा पर चर्चा की।

उन्होंने कहा कि भारत में अपने लगभग 60 वर्षों के निर्वासन के दौरान, उन्होंने दुनिया के कई देशों का दौरा किया है, परन्तु वह भारत की प्राचीन परंपरा और अहिंसा और करुणा के संदेश से वह बहुत प्रभावित हैं, जिसकी आज दुनिया को सबसे ज्यादा जरूरत है।

दलाई लामा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति, किसी भी धार्मिक विश्वास के बावजूद, अहिंसा और करुणा के संदेश का पालन करके जीवन में खुश रह सकता है। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय ज्ञान मानसिक शांति प्रदान करने में सहायक है। इसलिए, प्राचीन भारतीय संस्कृति को आधुनिक ज्ञान के साथ जोड़ना महत्वपूर्ण है ताकि बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकें।

दलाई लामा ने कहा कि वह इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं और उन्होंने राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला में छः महीने का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है, जो प्राचीन भारतीय ज्ञान, आध्यात्मिकता और भारतीय दर्शन पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भविष्य में शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण का एक कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा ताकि भविष्य की पीढ़ियों तक इस सोच को बढ़ावा दिया जा सके।

उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति वैज्ञानिक पहुंच पर आधारित है। उन्होंने भारत को गुरू और तिब्बत को भारत का श्रेष्ठ अनुयायी बताया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में रह रहे निर्वासित तिब्बती समुदाय का हिमाचल के लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध है और उन्होंने भी हिमाचल के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी यह मजबूत सम्बन्ध बने रहें।

राज्यपाल ने देशभर में रह रहे तिब्बती समुदाय के कल्याण और विकास की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने विशेषकर उत्तर व दक्षिण भारत में तिब्बती-बौद्ध पढ़ाई के प्रतिष्ठित संस्थानों की जानकारी ली।

उन्होंने समस्त भारत में रहने वाले तिब्बती समुदाय को शुभकानाएं देते हुए उन्हें बेहतर जीवन, शिक्षा और अन्य सभी सुविधाएं प्रदान करने का आश्वासन दिया।

राज्यपाल ने तिब्बती संसदीय सचिवालय का भी दौरा किया और अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष से भेंट की।

इससे पूर्व, केन्द्रीय तिब्बती प्रशासन (सी.टी.ए.) के कार्यवाहक अध्यक्ष कालोन वेन कर्मा गैलेक यूथोक, ने काशग-तिब्बती मंत्रिमण्डल में राज्यपाल का स्वागत किया।

कार्यवाहक अध्यक्ष कालोन वेन कर्मा गैलेक यूथोक, गृह विभाग के कालोन सोनम टोपगयाल खोरलासांग, वित्त विभाग के कालोन फागपा, रक्षा विभाग के फागपा सेरिग लबरांग, स्वास्थ्य विभाग के कालोन चैयकयोंग वांगचुक, काशग के सचिव सेज्ञाल चुकया द्रानयी,  शिमला में तिब्बती के मुख्य प्रतिनिधि तेनजिन नोरगु और धर्मशाला के बन्दोबस्त अधिकारी ने सी.टी.ए. मुख्यालय में राज्यपाल का स्वागत किया।

इस अवसर पर, धर्म और संस्कृति विभाग के कलोन वेन कर्मा गिलेक युथोक ने राज्यपाल को सम्मानित किया।

कालोन की परिषद ने राज्यपाल को सी.टी.ए. के सुदृढ़ प्रशासन और पूरे भारत, नेपाल और भूटान में एक लाख से अधिक तिब्बती प्रशासन और सरकार के बारे में अवगत कराया और भारत सरकार तथा हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा केंद्रीय तिब्बती प्रशासन और तिब्बत सरकार को दिए जा रहे समर्थन के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। 

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