पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर// 2nd Oct 2025 at 4:45 PM
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने याद दिलाए गाँधी जी और शास्त्री के आदर्श
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पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर// 2nd Oct 2025 at 4:45 PM
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने याद दिलाए गाँधी जी और शास्त्री के आदर्श
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर// 2nd Oct 2025 at 4:45 PM
बसों व टैक्सियों के माध्यम से पूरा हुआ सुरक्षित निकालने के काम
शिमला:30 अगस्त 2025: (मीडिया लिंक रविंद्र/ /देवभूमि स्क्रीन)::
लगभग 6000 मणिमहेश यात्रियों को बसों व टैक्सियों के माध्यम से सुरक्षित निकाला गया है। इस सफलता से बहुत से चिंतित घरों में राहत की लहर पहुंची है। इसके साथ ही अन्य कठिन स्थानों पर भी बहुत से प्रयास किए जा रहे हैं। इनका परिणाम भी बहुत अच्छा होगा। देवभूमि के लोगों पर देव अपनी कृपा अवश्य करेंगे।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आज यहां उच्च अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए जानकारी दी कि चंबा में फंसे लगभग 6 हजार यात्रियों को निजी और एचआरटीसी बसों तथा टैक्सियों के माध्यम से सुरक्षित निकालकर नूरपुर और पठानकोट भेज दिया गया है।
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को चंबा के कलसंुई क्षेत्र से यात्रियों को निगम की बसों के माध्यम से पठानकोट भेजा गया। शनिवार को 20 बसें चलाई गईं जिनमें 17 पठानकोट और शेष बसें कांगड़ा व देहरा भेजी गईं। चम्बा में 60 अतिरिक्त बसें तैनात की गई हैं, जिन्हें आवश्यकतानुसार उपयोग में लाया जा रहा है।
मुख्य सचिव ने कहा कि भरमौर में लगभग 5000 जबकि चम्बा चौगान में 500 यात्री बचे हैं जो जम्मू-कश्मीर और आसपास के क्षेत्रों के निवासी हैं। इन यात्रियों को भी लंगेरा सड़क के बहाल होने पर शीघ्र ही उनके गंतव्यों के लिए रवाना कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लंगेरा सड़क को बहाल करने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
उन्होंने कहा कि चम्बा-भरमौर सड़क को कलसुंई और राजेरा तक बहाल कर दिया गया है। इसके अलावा, जोत सड़क को भी गेट तक यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है।
मुख्य सचिव ने बताया कि लाहौल-स्पीति में पागल नाला को भी वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल कर दिया गया है जिसके बाद यहां से काजा की ओर भारी वाहन चलना शुरू हो गए हैं। पागल नाला खुलने के बाद अटल टनल से चार तेल टैंकरों को केलंग के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि रोहतांग दर्रे से होकर अलेओ सड़क को छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है।
निदेशक एवं विशेष सचिव आपदा प्रबन्धन डी.सी राणा ने जानकारी दी कि कुल्लू-मनाली सड़क को यातायात के लिए बहाल करने का कार्य भी युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। मनाली के लिए बांये किनारे से सड़क खोल दी गई है। बंजार के लिए सड़क व क्षेत्र में संचार सेवाएं बहाल कर दी गई हैं।
उन्होंने कहा कि रविवार से लाहौल से ट्रकों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी।
Received From AT//PR on 26th July 2025 at 1:05 PM Regarding Industrial Growth Workshop
कार्यशाला में बद्दी और नालागढ़ के उद्योग प्रतिनिधियों ने लिया भाग
*2500 से अधिक उद्यमों को ऊर्जा दक्षता
*अपशिष्ट प्रबंधन और हरित वित्तपोषण पर विशेष प्रशिक्षण की योजना
*शिमला से एक नई औद्योगिक तेज़ी की शुरुआत
प्रयवरण को सुरक्षित रखते हुए उद्योग को विकास की राह पर तेज़ रफ्तारी देना आसान नहीं होता। इस कोशिश में बहुत सी चुनौतियां भी रहती हैं। इन चुनौतियों से निपटने और इन पर चर्चा करने के लिए एक विशेष कार्यशाला का आयोजन करवाया गया जो पूरी तरह से सफल भी रहा।
पर्यावरण अनुकूल औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और एमएसएमई इकाइयों को टिकाऊ एवं संसाधन दक्ष बनाने की दिशा में ‘ग्रीनिंग ऑफ एमएसएमईज़’ योजना के अंतर्गत सोलन में एक स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में सोलन जिला के बद्दी, नालागढ़ जैसे औद्योगिक क्षेत्रों के उद्यमियों और उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लेकर सक्रिय सहभागिता निभाई।
इस कार्यशाला का आयोजन फ्रॉस्ट एंड सुलिवन एवं टिंज कंसल्टेंसी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया, जिसमें प्रतिभागियों को ऊर्जा संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन, हरित वित्तपोषण, जल संरक्षण एवं पुनर्चक्रण, तथा रिसोर्स एफिशिएंसी जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने ‘रिसोर्स एफिशिएंट क्लीनर प्रोडक्शन (RECP)’ की अवधारणा को रेखांकित करते हुए बताया कि किस प्रकार एमएसएमई इकाइयां कम संसाधनों के साथ अधिक उत्पादन कर सकती हैं और साथ ही पर्यावरणीय दायित्व भी निभा सकती हैं।
‘ग्रीनिंग ऑफ एमएसएमईज़’ योजना भारत सरकार के RAMP (Raising and Accelerating MSME Performance) कार्यक्रम के तहत चलाई जा रही है, जिसे विश्व बैंक का सहयोग प्राप्त है। इसका उद्देश्य देश के एमएसएमई सेक्टर को तकनीकी और वित्तीय रूप से सशक्त बनाकर उन्हें अधिक प्रतिस्पर्धी एवं पर्यावरण हितैषी बनाना है। इस परियोजना के तहत राज्य में लगभग 1900 एमएसएमई इकाइयों को ग्रीनिंग प्रक्रिया से जोड़ा जाएगा।
कार्यशाला में प्रतिभागियों को, नेट जीरो, ईसजी, सर्कुलर इकोनॉमी, डिकार्बनाइजेशन जैसे आधुनिक औद्योगिक अवधारणाओं से भी अवगत कराया गया। इसके अतिरिक्त, ग्रीन फाइनेंसिंग हेतु उपलब्ध योजनाओं, तकनीकी समाधान प्रदाताओं से संपर्क और डिजिटल पोर्टल के माध्यम से रियल टाइम निगरानी व्यवस्था पर भी जानकारी साझा की गई।
इसमें जानकारी दी गई कि आने वाले समय में राज्य के 2500 से अधिक उद्यमों को ऊर्जा दक्षता, अपशिष्ट प्रबंधन और हरित वित्तपोषण जैसे विषयों पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह पहल हिमाचल प्रदेश सरकार की 2026 तक राज्य को ‘ग्रीन एनर्जी स्टेट’ बनाने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है और भारत सरकार के वर्ष 2070 तक नेट ज़ीरो लक्ष्य को साकार करने में राज्य के योगदान को दर्शाती है। यह कार्यशाला न केवल ज्ञानवर्धक रही, बल्कि इसमें भाग लेने वाले उद्यमियों को अपनी इकाइयों के लिए व्यावहारिक समाधान और वित्तीय संसाधनों की दिशा में मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ।
उद्योग विभाग के अतिरिक्त निदेशक तिलकराज शर्मा ने कहा कि ‘ग्रीनिंग ऑफ एमएसएमईज़’ केवल पर्यावरणीय पहल नहीं, बल्कि यह औद्योगिक मानसिकता में सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल पर्यावरण को संरक्षण मिलेगा, बल्कि एमएसएमई इकाइयां अधिक आत्मनिर्भर, प्रतिस्पर्धी और लाभकारी बनेंगी।
क्रमांक 32/05// शिमला> 16 मई, 2025//07:48 PM from DPRO//Shimla//HP University//Event//
शिमला: 16 मई 2025: (इनपुट कार्तिका कल्याणी सिंह//देवभूमि स्क्रीन डेस्क)::
आज भी हिमाचल प्रदेश युनिवेर्सिटी में बहुत ही भावुकता भरी चहल पहल रही। आज दो दिवसीय सांस्कृतिक एवं साहित्यिक उत्सव "अभ्युदय 2025" के समापन समारोह में अतीत से जुड़ी यादों के सिलसिला सभी के ज़हन में बहता हुआ महसूस हुआ।
आयोजन का विशेष आकर्षण रहे उप मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश मुकेश अग्निहोत्री ने आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सभागार में विवि विधिक अध्ययन संस्थान (यूआईएलएस) एवालॉज द्वारा आयोजित दो दिवसीय सांस्कृतिक एवं साहित्यिक उत्सव "अभ्युदय 2025" के समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यूआईएलएस एक ऐसा संस्थान है जहां से हमारे भविष्य के अधिवक्ता, न्यायिक अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी एवं राजनेता निकलेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में लगभग 12 से 14 विधायक इसी विश्वविद्यालय से निकले हैं। इस संस्थान से निकले छात्र आज हर क्षेत्र में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं जो सभी के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि यहां के अध्यापकों की देश तथा प्रदेश में अपनी अलग पहचान है। उन्होंने विद्यार्थियों से सभी अध्यापकों का सम्मान एवं कड़ी मेहनत कर इस देश तथा प्रदेश को आगे ले जाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय से हमारा गहरा संबंध रहा है। हमारी धर्मपत्नी स्वर्गीय प्रो सिम्मी अग्निहोत्री ने लगभग 28 वर्ष तक इस विश्वविद्यालय में सेवाएं दी है और अब बेटी डॉ आस्था अग्निहोत्री इस संस्थान में सेवाएं दे रही है।
यूआईएलएस कैंपस भवन के जीर्णोद्धार के लिए अधिकारियों के टीम करेगी विजिट
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यूआईएलएस संस्थान का कैंपस मुख्यमंत्री का आवास भी रह चुका है। आज यहां बात सामने आई है कि कैंपस के भवन के हालात ठीक नहीं है जिसकी मरम्मत करने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति ने भवन के लिए लगभग 5 करोड़ रुपए जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही यूआईएलएस संस्थान कैंपस भवन के जीर्णोद्धार के लिए अधिकारियों के टीम विजिट करेगी ताकि संस्थान के भवन की मरम्मत हो सके। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि संस्थान की हालत ठीक हो और इस संस्थान से छात्र आगे जाकर देश तथा प्रदेश का नाम रोशन करे।
प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता गरीब लोगों का विकास एवं कल्याण
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता गरीब लोगों का विकास एवं कल्याण है और इस दिशा में यह सरकार आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में हर क्षेत्र में शिक्षण संस्थान मौजूद हैं। प्रदेश में हर क्षेत्र में बहुत विकास हुआ है जिसके लिए उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हिमाचल निर्माता यशवंत सिंह परमार एवं वीरभद्र सिंह को याद किया।
इस दौरान विश्वविद्यालय के छात्रों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।
न्यूजलेटर विधि वॉल्यूम 2 का किया विमोचन, विभिन्न गतिविधियों में विजेता रहे छात्रों को किया सम्मानित
उप मुख्यमंत्री ने दो दिवसीय कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान विभिन्न गतिविधियों में विजेता रहे छात्रों को सम्मानित भी किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने यूआईएलएस संस्थान के न्यूजलेटर विधि वॉल्यूम 2 का विमोचन भी किया।
विवि के प्रति कुलपति प्रो. राजिंद्र वर्मा ने विश्वविद्यालय के बारे में अपनी बात रखी तथा मुख्यातिथि का स्वागत किया।
निदेशक प्रो. शिव कुमार डोगरा ने यूआईएलएस संस्थान की गतिविधियों की जानकारी दी।
डॉ रितिका राणा ने 2 दिवसीय कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा रखी।
यह भी रहे उपस्थित
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के वरिष्ठ नेता महेश्वर सिंह चौहान, विनोद जिंटा, विवि की अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो ममता मोक्टा, कुलसचिव ज्ञान सागर नेगी, परीक्षा नियंत्रक प्रो श्याम लाल कौशल, प्रो. सुनील देष्टा सहित विवि के अधिष्ठाता और संस्थानों के निदेशकों और विभागाध्यक्ष सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कुल मिलाकर यह एक यादगारी आयोजन रहा जिसने बहुत से लोगों के दिलों अतीत के तर झंकृत कर दिए। अतीत की यादों के साथ जब आज की चुनौतियों को रख कर देखा गया तो नै रहें और नई मंज़िलों की रंगीन तस्वीरें भी सामने आईं। -०-
No. 640/2024-PUB19th September 2024
एक पुस्तक में है पीठ का इतिहास और दूसरी में है साहित्य संकलन
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां सूचना एवं जन सम्पर्क, उत्तर पूर्व परिषद्, के निदेशक अजय पराशर द्वारा लिखित दो पुस्तकों ‘जालंधर पीठ का रहस्य’ और ‘मुश्तरका खाता’ का विमोचन किया।
जालंधर पीठ का रहस्य इस पीठ रहस्यों को बहुत अदभुत जानकारी उपलब्ध होती है। इस पीठ पर इस तरह के साहित्य की आवश्यकता बहुत महसूस भी की जा रही थी। धार्मिक साहित्य लिखा भी बहुत गया है लेकिन खोज पूर्ण धार्मिक साहित्य की कमी अभी अभी अखरती है। इस तरह यह पुस्तक इस संबंध में काफी योगदान देती है।
मुख्यमंत्री ने इन पुस्तकों के संकलन में लेखक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ‘जालंधर पीठ का रहस्य’ पाठकों का हिमाचल प्रदेश की विभिन्न पीठों के ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्त्व के बारे में ज्ञानवर्धन करेगी।
अजय प्रेशर साहिब की दूसरी पुस्तक ‘मुश्तरका खाता’ काफी योगदान देती है। वास्तव में यह पुस्तक रोजमर्रा की जिन्दगी के विभिन्न आयामों को दर्शाती 16 लघु कहानियों का संग्रह है, जो स्थानीय संस्कृति एवं इतिहास की समझ बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण साबित होगी। यह कहानियां ज़िंदगी के विभिन्न रंगों और आयामों को दर्शाती हुई कलम के ज़रिए हमें ज़िन्दगी के रूबरू करती हैं।
खोजी लेखक अजय पराशर ने विमोचन एवं उत्साहवर्धन के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। क्षेत्रों ने भी इन पुस्तकों का स्वागत। .0.
एक शिक्षक को राष्ट्रीय पुरस्कार से किया सम्मानित
शिक्षक दिवस पर इस बार भी देश भर में विशेष आयोजन हुए। हिमाचल प्रदेश में भी इसी आश्य के कार्यक्रम अलग अलग स्थानों पर हुए। राज्य स्तरीय आयोजन शिमला में हुआ जिसमें शिक्षकों का सम्मान विशेष आकर्षण था। इस मौके पर राष्ट्र निर्माण में अध्यापकों, अभिभावकों व विद्यार्थियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर भी विस्तार से प्रकाश डाला गया।
शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में 27 अध्यापकों को राज्य पुरस्कार और एक अध्यापक को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। यह पुरस्कार वर्ष 2023 के लिए शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किए गए। इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला ने सभी पुरस्कृत अध्यापकों को पौधें भी भेंट किए।
भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को देशभर में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर राज्यपाल ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि डॉ. राधाकृष्णन एक कुशल प्रशासक, कर्मठ राजनेता, महान शिक्षक और सत्यनिष्ठ व्यक्तित्व के धनी थे।
इस अवसर पर शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित अध्यापकों को बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अध्यापकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। अध्यापकों को समाज के सभी वर्गों के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है जिससे शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया और अधिक प्रभावी होगी। उन्होंने कहा कि एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य करने की आवश्यकता है और युवाओं की सक्रिय भागीदारी से इसे साकार किया जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) में भी राष्ट्र निर्माता के रूप में अध्यापकों के महत्त्व के बारे में बताया गया है। इस नीति में शिक्षकों के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ाने के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने सदैव ही शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सुझाए गए सुधारों के अनुरूप हिमाचल इस दिशा में बेहतर कार्य करेगा।
श्री शुक्ल ने कहा कि भारत सरकार ने ‘पीएमश्री’ योजना को भी स्वीकृति प्रदान की है। इस योजना के अंतर्गत पहले से स्थापित विद्यालयों को सुदृढ़ीकरण कर ‘पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इण्डिया’ के रूप में स्थापित करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि यह विद्यालय एनईपी का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित कर, अन्य स्कूलों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के 180 विद्यालय विकसित किए जाएंगे। भारत सरकार ने 6 राज्यों में से हिमाचल को चुनकर स्टार परियोजना के अंतर्गत लाया है। इस योजना के अंतर्गत हिमाचल को 3 राज्यों सहित लाईट हाऊस के रूप में चुना गया है जोकि अन्य राज्यों के लिए मार्गदर्शक बनेंगे।
उन्होंने एक भारत-श्रेष्ठ भारत पहल पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों और अध्यापकों को विभिन्न राज्यों में शैक्षणिक भ्रमण करवाया जाता है और प्रदेश सरकार ने पहली बार प्रदेश के शिक्षकों का ज्ञानवर्धन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन भी करवाया है।
नशे के प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में बहुत से युवा नशे के चुंगल में फंसे हुए हैं जो देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि नशे के विरुद्ध एक जन आन्दोलन शुरू करने की आवश्यकता है जिसके माध्यम से स्कूलों, महाविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाएगा। अध्यापकों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए ताकि युवा समाज के समग्र विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही जिला स्तर पर जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से सशक्त जागरूकता अभियान शुरू करेगा।
इस अवसर पर राज्यपाल ने एक स्मारिका का भी विमोचन भी किया।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने राज्यपाल और लेडी गर्वनर का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने के उद्देश्य से अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक पुरस्कारों के लिए पारदर्शी नीति को अपनाया गया है जिसमें साक्षात्कार के साथ-साथ मूल्यांकन को भी शामिल किया गया ताकि योग्य शिक्षक को ही पुरस्कृत किया जाए। उन्होंने कहा कि युवाओं की शक्ति को सही दिशा देने की आवश्यकता है और शिक्षक इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार ने शिक्षा क्षेत्र को विशेष अहमियत दी थी जिसे सभी सरकारों ने अपनाया। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में बच्चों का कम दाखिला चिंता का विषय है।
मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। बच्चों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित कर रही है।
इससे पहले शिक्षा मंत्री ने राज्यपाल और मुख्य संसदीय सचिव ने लेडी गवर्नर को सम्मानित किया।
शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कहा कि शिक्षकों ने शिक्षा के क्षेत्र में अनुुकरणीय कार्य किए हैं।
प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर और राजकीय कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, उप-महापौर उमा कौशल, राज्यपाल के सचिव सी.पी.वर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा, समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित रहे।
कुल मिलाकर यह एक यादगारी आयोजन रहा। जिसकी संगीतमय सुरेन देर देती रहेंगी। इस बार के रंगारंग सचमुच यादगारी था।